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Lok Sabha Election 2019: अब दिल्ली में गूंजेगा हाटी समुदाय का एसटी मुद्दा, सुरेश कश्यप करेंगे आवाज बुलंद

Lok Sabha Election 2019 दिल्ली में गूंजेगा गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा न मिलने का मुद्दा सुरेश कश्यप करेंगे आवाज बुलंद।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 09:12 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 09:12 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: अब दिल्ली में गूंजेगा हाटी समुदाय का एसटी मुद्दा, सुरेश कश्यप करेंगे आवाज बुलंद

शिमला, जेएनएन। सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा न मिलने का मुद्दा अब नए सिरे से दिल्ली में गूजेंगा। पौने तीन लाख लोगों के हित की आवाज शिमला संसदीय क्षेत्र के भाजपा के प्रत्याशी सुरेश कश्यप बुलंद करेंगे। ‘दैनिक जागरण’ के माध्यम से उठाए गए इस मुद्दे के प्रति संजीदगी दिखाई है। उन्होंने कहा है कि अगर वह जीते तो इसे संसद के भीतर उठाएंगे। इससे पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप ने भी इसे संसद में उठाया था। भाजपा ने 2014 के चुनाव में वादा किया था कि अगर पार्टी सत्ता में आई तो वह गिरिपार को एसटी का दर्जा दे देगी।

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तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने नाहन में जनसभा में खुद वादा किया था। पार्टी ने अपने घोषणापत्र में इसक जिक्र किया था। गिरिपार क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करवाने का मुद्दा अंतिम चरण तक पहुंचा, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे घोषित नहीं किया। कागजी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआइ) ने इस पर एक बार फिर से अड़ंगा लगाया। यह मसला पांच दशक से सियासी पालने में ही झूल रहा है।

 1967 में उत्तर प्रदेश, लेकिन अब उत्तराखंड का हिस्सा जोंसार बावर एसटी घोषित हो गया। कभी यह क्षेत्र सिरमौर रियासत का ही हिस्सा होता था। तब से गिरिपार को भी जनजातीय क्षेत्र घोषित करने के लिए आंदोलन चलाया गया कांग्रेस ने रुख नहीं किया साफ हाटी मसले पर कांग्रेस ने अभी अपना रुख साफ नहीं किया है। हालांकि पार्टी मोदी सरकार पर एसटी का दर्जा न होने का आरोप तो लगा रही है, पर हकीकत है कि कांग्रेस सरकारों ने पहले इसे गंभीरता से नहीं लिया। आजकल इस मुद्दे पर सोशल मीडिया में सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो रही है। कांग्रेस के प्रत्याशी धनीराम शांडिल सांसद रह चुके हैं। उन्होंने इस मुद्दे की पैरवी नहीं की। देखना यह होगा कि उनका दृष्टिकोण क्या रहता है। 

कब क्या हुआ

  • 1979 में राष्ट्रीय जनजातीय आयोग ने भोला राम पासवान की अध्यक्षता में गिरिपार को जनजातीय घोषित करने की सिफारिश की।
  • 1995 में तत्कालीन सांसद प्रेम कुमार धूमल ने संसद में मामला उठाया
  • 2007 में विस में प्रस्ताव पारिता
  • 2009 में केंद्र ने सर्वे करवाने के निर्देश दिए
  • 2017 मई में केंद्रीय जनजातीय मंत्री ने घोषणा की
  • 2018 सितंबर में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से मामला उठाया
  • 2018 दिसंबर में हाटी नेताओं ने गृह मंत्री राजनाथ से मुलाकात की

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