Lok Sabha Election 2019 : पहले चरण में नक्सलियों, आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब लेकिन कुछ जगहों पर नहीं पड़ा एक भी वोट
पहले चरण में जहां लोगों द्वारा बढचढ कर मतदान करने से नक्सलियों और आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब मिला वहीं कुछ जगहों पर विभिन्न वजहों से वोट नहीं पड़ने के कारण मायूसी भी हाथ लगी।
नई दिल्ली, एजेंसी। Lok Sabha Election 2019 का पहला चरण मतदाताओं की बढ़चढ़ कर भागीदारी के साथ बृहस्पतिवार को पूरा हो गया। एक ओर देश के नक्सल प्रभावित इलाकों में लोगों ने बेखौफ होकर मतदान करते हुए नक्सलियों को करारा जवाब दिया वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर में मतदाताओं के उत्साह ने आतंकवाद को करारी चोट देने का काम किया। हालांकि, कुछ जगहों पर मतदान नहीं होने से निर्वाचन अधिकारियों को मायूसी से भी गुजरना पड़ा।
बता दें कि छत्तीगढ़ के दंतेवाड़ा के कुंआकोंडा ब्लॉक स्थित ग्राम श्याम गिरी में दो दिनों पहले नक्सलियों ने आइईडी ब्लास्ट कर स्थानीय विधायक भीमा मंडावी की हत्या कर दी थी। इस घटना में सुरक्षा बल के चार जवान भी शहीद हुए थे। इस घटना के बावजूद आज बस्तर में जमकर वोटिंग हुई और भीमा के पूरे परिवार ने पोलिंग बूथ पहुंच कर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। यही नहीं राज्य के नक्सल प्रभावित दूसरे इलाकों में भी जोरदार वोटिंग हुई।
हालांकि, ओडिशा के मलकानगिरी जिले में चित्रकोंडा इलाके के छह बूथों पर नक्सलियों के खौफ के कारण एक भी वोट नहीं डाला जा सका। वहीं, ओडिशा के ही कालाहांड़ी जिले में भेजीपदर गांव के लोगों ने सड़क संपर्क की मांग को लेकर मतदान का बहिष्कार किया। लोगों का कहना था कि वे साल 2017 से ही प्रशासन से गांव में सड़क की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी ने हमारी मांग पर अब तक ध्यान नहीं दिया है।
वहीं, जम्मू-पुंछ लोकसभा सीट के अधीन आने वाले राजौरी जिला में शाम 5 बजे तक 67.2 प्रतिशत मतदान हुआ। राजौरी जिला के नौशहरा में 72.69 प्रतिशत, दरहाल में 63.60 प्रतिशत, राजौरी में 65.6 प्रतिशत और कालाकोट में 59.5 प्रतिशत मतदान हुआ। हालांकि पुंछ के सब डिवीजन मेंढर के बलनोई गांव के मतदाताओं ने मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण दो मतदान केंद्र नंबर 9 और 10 पर लगभग सात घंटे तक लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया।
बिहार की चार लोकसभा और नवादा विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए गुरुवार को मतदान छिटपुट घटनाओं के बीच कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा। पहले चरण में बिहार की चार लोकसभा सीटों पर करीब 53 फीसद वोट पड़े और करीब 71 लाख वोटरों ने 44 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया। मतदान के लिए 7486 मतदान केंद्र बनाए गए थे। मतदाताओं की सहूलियत के लिए गया, नवादा, औरंगाबाद और जमुई लोकसभा क्षेत्र में सार्वजनिक अवकाश भी घोषित किया था।