Lok Sabha Elections 2019: राजस्थान में कांग्रेस ने विस चुनाव हारे पांच नेताओं पर लोस में खेला दांव
Lok Sabha Elections 2019. राजस्थान में कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में विधानसभा चुनाव में हारे हुए पांच नेताओं पर दांव खेला है।
जयपुर, नरेंद्र शर्मा। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए गुरुवार रात को जारी अपनी सूची में विधानसभा चुनाव में हारे हुए पांच नेताओं पर दांव खेला है। इस सूची में कांग्रेस ने महज एक मौजूदा विधायक को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं, तीन महिला प्रत्याशियों को भी चुनाव के लिए फ्रंट लाइन में लाया गया है। घोषित किए गए प्रत्याशियों में आधी सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया गया है।
उधर, 19 उम्मीदवारों की पहली सूची में एक भी ब्राह्मण और गुर्जर को टिकट नहीं दिए जाने पर दोनों समाजों ने नाराजगी जताई है। ब्राह्मण समाज की परंपरागत जयपुर संसदीय सीट से वैश्य वर्ग की ज्योति खंडेलवाल और गुर्जर समाज के प्रभाव वाली दौसा सीट पर मीणा समाज की सविता मीणा को टिकट दिए जाने पर बवाल मच गया है। दोनों समाजों ने कांग्रेस नेतृत्व को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
कांग्रेस ने ऐसे जातिगत समीकरण और नेताओं को साधा
कांग्रेस ने 19 घोषित प्रत्याशियों में जाट और मीणा समाज के चार-चार,राजपूत समाज से तीन, मेघवाल, देवासी, मुस्लिम, भील समाज, माली समाज एवं वैश्य समाज को एक-एक टिकट दिया है। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव हार चुके रफीक मंडेलिया को चूरू से, श्रवण कुमार को झुंझुनूं से, रतन देवासी को जालोर से, मानवेंद्र सिंह को बाड़मेर-जैसलमेर से और रघुवीर मीणा को उदयपुर से चुनाव मैदान में उतारा है। इनमें से मानवेन्द्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथा थामा था।
मानवेंद्र सिंह को उसी समय से बाड़मेर सीट से दावेदार माना जा रहा था। कांग्रेस ने मौजूदा विधायकों में से केवल रामनारायण मीणा को लोकसभा चुनाव में उतारा है। पार्टी ने मीणा पर कोटा-बूंदी सीट से दांव खेला है। वहीं, कांग्रेस ने तीन सीटों पर महिला उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है। इनमें जयपुर शहर से पूर्व महापौर डॉ. ज्योति खंडेलवाल, दौसा से सविता मीणा और नागौर सीट पर ज्योति मिर्धा को लोकसभा के रण में उतारा है। भाजपा ने अब तक घोषित 19 उम्मीदवारों में एक भी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है।
ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष भवानी शंकर शर्मा ने कांग्रेस द्वारा एक भी टिकट समाज के प्रतिनिधि को नहीं देने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्टी को अब समाज की नाराजगी का परिणाम भुगतना होगा। वहीं, गुर्जर पंचायत के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने भी गुर्जर समाज को एक भी टिकट नहीं देने पर नाराजगी जताई है।