Move to Jagran APP

Lok Sabha Election 2019 : लोढ़ाई के जिस मैदान में होती थी नक्सलियों की सभा, वहां आज बच्चे खेल रहे क्रिकेट; GROUND REPORT

Lok Sabha Election 2019. इस मैदान में जहां दिन में ही नक्सलियों ने स्थापना दिवस मनाया था ठीक उसी समय बच्चे मैदान में खेल रहे हैं। बहुत हद तक नक्सली खौफ कम हो चुका है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 05 May 2019 03:42 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 03:42 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019 : लोढ़ाई के जिस मैदान में होती थी नक्सलियों की सभा, वहां आज बच्चे खेल रहे क्रिकेट; GROUND REPORT

चक्रधरपुर, विश्वजीत भट्ट। Lok  Sabha Election 2019 तस्वीरें दो हैं। एक सात दिसम्बर 2004 की। दूसरी चार मई 2019 की। दोनों तस्वीरें उत्क्रमित उच्च विद्यालय लोढ़ाई के मैदान की हैं। पहली तस्वीर में नक्सलवाद के खूनी पंजों में बुरी तरह जकड़े तत्कालीन सोनुवा प्रखंड के लोढ़ाई मैदान में नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है।

loksabha election banner

नेतृत्व कर रहा है तत्कालीन एरिया कमांडर विकास मुंडा उर्फ कुंदन पाहन। खतरनाक हथियारों से लैस लगभग डेढ़ सौ नक्सली और लगभग ढाई सौ ग्रामीण हैं। नक्सलियों का खौफ इतना कि सब कुछ जानते हुए भी पुलिस में पहुंचने की हिम्मत ही नहीं। कार्यक्रम पूरे 15 घंटे चला। एक अदद सड़क न होने के कारण ये पूरा इलाका सारी दुनिया से कटा हुआ था। प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण यह क्षेत्र नक्सलियों की बंदूकों की दहशत तले कांप रहा था। 

बदल गई तस्वीर

दूसरी तस्वीर चार मई 2019 की है। सोनुवा से अलग करके गुदड़ी प्रखंड का गठन हो चुका है। इलाके की सूरत बदल चुकी है। सोनुवा से गुदड़ी तक कुल 43 किमी सड़क लोढ़ाई-जाते तक 22 किमी सड़क बन चुकी है। इलाका दुनिया से सीधे तौर पर जुड़ चुका है। उसी मैदान में जहां दिन में ही नक्सलियों ने स्थापना दिवस मनाया था, ठीक उसी समय बच्चे मैदान में खेल रहे हैं। बहुत हद तक नक्सली खौफ कम हो चुका है। बगल में ही सीआरपीएफ का कैम्प भी स्थापित है। बावजूद इसके यह मैदान अभी भी चुनावी आहट की बाट जोह रहा है। मतदान के दिन 12 मई में एक सप्ताह ही बाकी रह गया है। अभी तक यहां एक भी प्रत्याशी या उसका कोई बड़ा सिपहसालार इस मैदान तक नहीं पहुंच पाया है। नतीजा इलाके में चुनाव की कोई हलचल नजर नही आ रही है।

पहले नाम के ही पड़ते थे वोट

ये वही इलाका है जो कभी नक्सलियों के खौफ के कारण लोकतंत्र के महापर्व में डरा-डरा सहमा-सहमा रहता था। पहले के चुनावों में इस इलाके में अंगुली पर गिनने लायक ही वोट पड़ा करते थे। नक्सलियों के डर से न नेता इस इलाके में जाते थे और न ही आम मतदाता ही अपने मताधिकार के प्रयोग में रुचि दिखाता था। तस्वीर बदल गई है। हालात बदल गए हैं। इसके बावजूद लोकतंत्र के महापर्व की गूंज इस इलाके में सुनाई न देना पोड़ाहाट जंगल की इन सुरम्य वादियों को खटक रहा है। डारियो कमरोड़ा के पूर्व मुखिया रामाय बरजो कहते हैं कि अब तो आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है। इसके बावजूद नेताओं की बेरुखी लोगों को चुनाव के उत्साह से दूर कर रही है। पोड़ाहाट मध्य विद्यालय में पदस्थापित गांव के ही ईश्वर ङ्क्षसह हेम्ब्रम कहते हैं कि वैसे तो सांसद विधायक नजर नही ही आते हैं। चुनाव में भी उनका नेपथ्य में रहना पूरे गुदड़ी प्रखंड को कचोट रहा है।

ये भी जानें

गुदड़ी प्रखंड का गठन : 14 अक्टूबर 2009

प्रखंड कार्यालय का शिलान्यास : 17 सितम्बर 2016

प्रखंड कार्यालय का उदघाटन : 28 जनवरी 2018

कुल पंचायत : 6

कुल गांव : 73 राजस्व ग्राम, 3 वन ग्राम

कुल आबादी : 33,745

कुल मतदाता : 19787

महिला मतदाता : 9558

पुरुष मतदाता : 9829

कुल बूथ : 28 

संवेदनशील बूथ : 3

अति संवेदनशील बूथ : 25

कुल क्षेत्रफल : 1500 वर्ग किमी

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.