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कांग्रेस की सात सीटों पर सिंधिया के अलावा और भी कई पेंच

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अब तक मप्र की तीन सूचियों में 22 नाम तय किए हैं। विंध्य बुंदेलखंड महाकोशल की सभी सीटों पर फैसला हो गया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 08:23 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 08:23 PM (IST)
कांग्रेस की सात सीटों पर सिंधिया के अलावा और भी कई पेंच
कांग्रेस की सात सीटों पर सिंधिया के अलावा और भी कई पेंच

भोपाल। (नईदुनिया स्टेट ब्यूरो)। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस सात सीटों ग्वालियर, गुना, धार, इंदौर, विदिशा, राजगढ़ और भिंड पर फैसला नहीं ले पा रही है। इन सीटों में से ग्वालियर और गुना पर सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण प्रत्याशी तय नहीं हो पा रहा है तो धार में जय आदिवासी युवा संगठन (जयस) के दबाव में उम्मीदवार के एलान को रोका गया है। वहीं, इंदौर व विदिशा सीटों के लिए भाजपा प्रत्याशी तय होने का इंतजार किया जा रहा है।

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कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अब तक मप्र की तीन सूचियों में 22 नाम तय किए हैं। विंध्य, बुंदेलखंड, महाकोशल की सभी सीटों पर फैसला हो गया है, लेकिन ग्वालियर-चंबल और मालवा सहित भोपाल संभाग की सात सीटें अभी बची हैं। इनमें से तीन सीटें ग्वालियर, भिंड और गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र की हैं तो राजगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का पुराना लोकसभा क्षेत्र है।

प्रियदर्शनी राजे नहीं तो अशोक सिंह

सांसद सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे को प्रत्याशी बनाए जाने के दबाव के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना सीट को रोका गया है। सूत्र बताते हैं कि सिंधिया, प्रियदर्शनी राजे को चुनाव लड़वाने से बच रहे हैं। वे प्रियदर्शनी की जगह ग्वालियर से सुनील शर्मा, केदार कंसाना या मोहन सिंह राठौर का नाम आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि अशोक सिंह अपने टिकट के लिए दिल्ली में डेरा डाले हैं।

सिंधिया के विरोधी प्रियदर्शनी राजे का टिकट नहीं होने पर अशोक सिंह को उम्मीदवार बनाने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं, भिंड लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के पूर्व सांसद अशोक अर्गल के कांग्रेस में आने की संभावना कम होने से यहां प्रत्याशी चयन का मामला अब मंत्री डॉ. गोविंद सिंह व सिंधिया के बीच लटक गया है।

जयस के दबाव में एलान रुका

इधर, मालवा के धार लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी का नाम पैनल में होने के बावजूद घोषित नहीं होने के पीछे जयस का दबाव बताया जा रहा है। जयस नेता और कांग्रेस विधायक डॉ. हीरा अलावा दूसरे जयस नेताओं के साथ मिलकर कांग्रेस हाईकमान पर दबाव बना रहे हैं। वे पहले खरगोन सीट पर अपना प्रत्याशी चाह रहे थे, जिसमें जयस के दूसरे गुट के नेता को पार्टी ने टिकट दे दिया।

सूत्र बताते हैं कि अब कांग्रेस जयस के डॉ. अलावा गुट को संतुष्ट करने के लिए उनके प्रत्याशी भगवान सिंह सोलंकी का नाम घोषित कर सकती है। जयस ने उनके नाम का लोकसभा क्षेत्र में प्रचार भी शुरू कर दिया है। कांग्रेस विधायक डॉ. अलावा ने नईदुनिया से चर्चा में चेतावनी दी है कि अगर कांग्रेस ने धार से उनके नेता को टिकट नहीं दिया तो वे जयस समर्थित प्रत्याशी का खुलकर प्रचार करेंगे।

भाजपा प्रत्याशियों पर नजर

कांग्रेस इंदौर और विदिशा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों के एलान पर नजर रखे है। इंदौर में भाजपा की तीस साल से सांसद रहीं सुमित्रा महाजन के इनकार के बाद पार्टी किसे प्रत्याशी बनाती है, यह फैसला होने के बाद कांग्रेस अपना उम्मीदवार तय करेगी। हालांकि कांग्रेस के पास भी इंदौर में ऐसा कोई बड़ा स्थानीय नाम नहीं है। सूत्र बताते हैं कि पार्टी बाहर से किसी बड़े नाम को मैदान में उतार सकती है। इसी तरह विदिशा में भी कांग्रेस अपना प्रत्याशी भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के बाद तय करने की रणनीति पर काम कर रही है।


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