Lok Sabha Election 2019 : सालिगराम ने दिलवाया था मुलायम सिंह यादव को टिकट
बात 1967 की है। उस समय लोकसभा के साथ प्रदेश विधानसभा का चुनाव हुआ था। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सालिगराम ने पूर्व सीएम मुलायम को टिकट दिलाया था।
विजय सक्सेना, प्रयागराज : बहुत कम लोगों को ही यह मालूम होगा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे मुलायम सिंह यादव को पहली बार विधानसभा पहुंचाने का श्रेय प्रयागराज (इलाहाबाद) के सालिगराम जायसवाल को जाता है। उन्होंने ही 1967 के विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव को इटावा के जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (संसोपा) का टिकट दिलवाया था। उस वर्ष लोकसभा के भी चुनाव हुए थे और सालिगराम इलाहाबाद संसदीय सीट से खुद संसोपा प्रत्याशी थे।
जनता में लोकप्रिय थे सालिगराम जायसवाल
प्रयागराज के मुट्ठीगंज मोहल्ले में रहने वाले सालिगराम जायसवाल का जीवन सादगी भरा था। उनके अंदर किसी तरह का दिखावा नहीं था। आमतौर वह रिक्शा से चलते थे और जनता में बेहद लोकप्रिय भी थे। बात वर्ष 1967 की है। डॉ. राम मनोहर लोहिया के करीबियों में शुमार सालिगराम संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे। उस वक्त लोकसभा और उत्तर प्रदेश विधानसभा सभा के चुनाव साथ हो रहे थे। सालिगराम इलाहाबाद संसदीय सीट से प्रत्याशी थे। उनका मुकाबला पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र कांग्रेस प्रत्याशी हरिकृष्ण शास्त्री से था। विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन की जिम्मेदारी भी सालिगराम पर ही थी। मुलायम सिंह उस दौरान सालिगराम के संपर्क में थे। इसलिए उन्होंने (सालिगराम ने) मुलायम को जसवंतनगर से पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया।
लालबहादुर शास्त्री के पुत्र से था मुकाबला, मिली पराजय
अब थोड़ी बात सालिगराम के चुनाव की। इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र में सालिगराम की पहचान थी लेकिन हरिकृष्ण शास्त्री अपने पिता के नाम पर चुनाव लड़ रहे थे। सालिगराम को ग्रामीण क्षेत्रों में काफी समर्थन मिल रहा था। हरिकृष्ण शास्त्री को शहर उत्तरी और दक्षिणी में समर्थन मिल रहा था। इसकी वजह से मुकाबला बेहद रोचक हो गया था। समाजवादी नेता कृष्ण कुमार बताते हैं कि चुनाव के अंतिम समय में शास्त्री ने अपने पिता के नारे 'जय जवान जय किसान' को का बढ़-चढ़कर इस्तेमाल किया। इसका उन्हें फायदा भी मिला। वह सालिगराम को पराजित कर शास्त्री लोकसभा में पहुंच गए।
उधर मुलायम जीते तो फिर पलट कर नहीं देखा पीछे
उधर जसवंत नगर विधानसभा सीट से मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज शीर्षस्थ नेताओं में उनकी गिनती होती है।
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