Lok Sabha Election 2019: महिलाओं को गर्व का अहसास कराएंगे सखी बूथ
Lok Sabha Election 2019. खासतौर पर महिलाओं के लिए यह बूथ होगा। हालांकि यह भी छूट होगी कि कोई भी व्यक्ति यहां जाकर मतदान कर सके।
पलामू, जेएनएन। Lok Sabha Election 2019 - महिलाओं के लिए भी इस चुनाव में कुछ खास है। उनके लिए पलामू में पिंक बूथ की तर्ज पर सखी बूथ की व्यवस्था की जा रही है, जो खासतौर पर महिलाओं के लिए होगा। हालांकि यह भी छूट होगी कि कोई भी व्यक्ति यहां जाकर मतदान कर सके। इन बूथों में महिला मतदानकर्मी ही पूरी मतदान की प्रक्रिया संपन्न कराएंगी।
महिलाएं यहां जाकर जहां भीड़ से बचते हुए सहूलियत भरे माहौल में मतदान कर सकती हैं वहीं अपने लिए अलग बूथ का होना उन्हें फील गुड का भी अहसास कराएगा। उम्मीद की जा रही है कि सखी बूथों से महिलाओं का मतदान प्रतिशत बढ़ेगा। सखी बूथोंं में मतदान संपन्न कराने के लिए महिला मतदानकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां उन्हें मतदान की बारीकियों से अवगत कराया जा रहा है।
दिया जा रहा प्रशिक्षण, कराया जा रहा मॉकपोल
मेदिननीगर के केजी स्कूल में 176 महिला पीठासीन व प्रथम मतदानकर्मियों को चुनावी प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर पलामू डीईओ सुशील कुमार ने कहा कि मतदान की विश्वसनीयता के लिए मॉकपोल अनिवार्य है। इसलिए मॉकपोल की प्रक्रिया को पूरी तरह समझ लेना चाहिए। प्रशिक्षण के हर पहलू को बारीकी से समझना जरूरी है। डीएसई मसूदी टुडू ने कहा कि सखी बूथों पर सफल मतदान कराने का दारोमदार महिला मतदानकर्मियों पर ही है। इसलिए वे इस दायित्व को चुनौती के रूप में लें।
मास्टर ट्रेनर मनु प्रसाद तिवारी ने बताया कि पीठासीन पदाधिकारी मतदान दल के कप्तान होते हैं। इसलिए समग्रता के साथ समन्वय स्थापित करना उनका दायित्व है। उनके धैर्य, संयम व मतदान प्रक्रिया पर मजबूत पकड़ से सब कुछ आसान हो जाता है और दल बेहतर परिणाम देता है। उन्होंने ईवीएम-वीवीपैट को सील करने, एरर के प्रति सचेत रहने व इसे दूर करने की तरकीब बताई।
मास्टर ट्रेनर परशुराम तिवारी ने मतदाता सूची, मतदाता रजिस्टर व मतदान पर्ची व लिफाफे रखने के साथ मतदानकर्मियों के दायित्वों तथा परस्पर तालमेल के बारे में सिलसिलेवार समझाया। उन्होंने महिला मतदानकर्मियों से मौकपोल का व्यावहारिक अभ्यास भी कराया। प्रशिक्षण में कामेश्वर मेहता व सुनील ने आवश्यक सहयोग प्रदान किया। जिला मुख्यालय के 10 प्रशिक्षण स्थलों पर 2300 पीठासीन व प्रथम मतदान पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया।