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सबरीमाला के सहारे केरल में पांव फैलाने की भाजपा की कोशिश पर लगेगा ब्रेक

केरल कांग्रेस के नेताओं के अनुसार राहुल गांधी के इस कदम से सबरीमाला विवाद के बाद सूबे में पांव फैलाने की कोशिश कर रही भाजपा की कोशिशों पर भी ब्रेक लगेगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 09:52 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 09:52 PM (IST)
सबरीमाला के सहारे केरल में पांव फैलाने की भाजपा की कोशिश पर लगेगा ब्रेक
सबरीमाला के सहारे केरल में पांव फैलाने की भाजपा की कोशिश पर लगेगा ब्रेक

संजय मिश्र, वायनाड केरल। राहुल गांधी वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ने के फैसले को भले उत्तर और दक्षिण भारत के बीच एकता के सूत्र को मजबूत करने की पहल बता रहे हैं मगर कांग्रेस अध्यक्ष के इस कदम के कई दूसरे राजनीतिक आयाम भी हैं।

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केरल कांग्रेस के नेताओं के अनुसार राहुल गांधी के इस कदम से सबरीमाला विवाद के बाद सूबे में पांव फैलाने की कोशिश कर रही भाजपा की कोशिशों पर भी ब्रेक लगेगी। इतना ही नहीं गुटबाजी में घिरी प्रदेश कांग्रेस इकाई में भी राहुल के यहां आने से अंदरूनी युद्वविराम हो गया है और सूबे के सभी दिग्गज पार्टी नेताओं का फोकस केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर कोई कसर नहीं छोडने पर हो गया है।

वायनाड में राहुल गांधी के रोड शो में उमडे जनसैलाब से उत्साहित कई स्थानीय नेताओं ने अनौपचारिक चर्चा में कहा कि जितने कार्यकर्ता आए थे उतने ही आम लोग जुट गए और अब सबरीमाला के बाद भाजपा के बढने का रास्ता बंद हो गया है। कांग्रेस के इन जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं के अनुसार सबरीमाला मंदिर विवाद में भाजपा की मुखरता और केरल में आरएसएस की अपनी सक्ति्रयता से सूबे में भाजपा के राजनीतिक प्रभाव में इजाफे की आशंका तो बढ ही गई थी। लेकिन राहुल गांधी ने चुनाव लडने का फैसला कर कांग्रेस को सूबे में इस चुनौती से अब उभार लिया है।

हालांकि तिरूअनंतपुरम में भाजपा उम्मीदवार की मौजूदगी से कांग्रेस के तेज तर्रार नेता मौजूदा सांसद शशि थरूर की चुनावी चुनौती बढने की चर्चा वायनाड के कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सुनाई पडी। वायनाड में राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा ने एनडीए उम्मीदवार के तौर पर भारत धर्म जन सेना के प्रमुख तुषार वेल्लापली को उतारा है। मगर सियासी हकीकत की जमीन पर राहुल का मुकाबला भाकपा उम्मीदवार पीपी सुधीर से है।

राहुल के फैसले से कांग्रेस का दक्षिण से ज्यादा सीटें जीतने का दांव मजबूत तो हुआ ही है मगर प्रदेश के पार्टी दिग्गजों ओमेन चांडी, रमेश चेन्निथेला और केसी वेणुगोपाल के बीच वर्चस्व की लडाई भी थम गई है। वायनाड के वर्तमान कांग्रेस सांसद के निधन के बाद पार्टी ने कोझीकोड जिला कांग्रेस के प्रमुख टी सिददकी को उम्मीदवार बना दिया था।

चांडी ने सिददकी की उम्मीदवारी का समर्थन किया था मगर विधानसभा में विपक्ष के नेता चेन्निथेला इसे खुश नहीं थे। इसी तरह कांग्रेस के राष्टीय महासचिव केसी वेणुगोपाल राहुल गांधी से निकटता की वजह से सूबे की सियासत में अपना प्रभाव बढा रहे हैं। केरल कांग्रेस में यह आम चर्चा है कि वेणुगोपाल ने ही राहुल गांधी को अमेठी के अलावा वायनाड से लडने का सुझाव दिया। राहुल के नाम पर इन नेताओं के साथ एके एंटनी के सुर भी एक हो गए और कांग्रेस ने केरल के साथ दक्षिण को साधने का दांव चलने का यह फैसला किया।

ट्रक से गिरे पत्रकारों को राहुल ने अस्पताल भिजवाया

राहुल गांधी के नामांकन के बाद करीब डेढ घंटे चला रोड शो जैसे ही हेलीपैड के आखिरी मुकाम पर पहुंचा वहां ट्रक पर चढकर इसे कवर कर रहे कुछ पत्रकारों के गिर जाने से अफरा-तफरी मच गई। ट्रक में बांधे गए खंभे पर कुछ वीडियो कैमरामैन के चढने की वजह से यह खिसकर नीचे गिर गया और इसी वजह से कई पत्रकार ट्रक से नीचे गिर गए।

इसमें एक स्थानीय पत्रकार के सिर में काफी चोट लगी जबकि दिल्ली से आयी एक महिला टीवी पत्रकार को भी गर्दन में गहरी चोट और हाथ में जख्म लगे और कुछ पत्रकारों को मामूली चोट। पत्रकारों को ट्रक से गिरता देख राहुल और प्रियंका तत्काल अपनी ट्रक से उतरे और चोट के शिकार पत्रकारों के पास दौडे। राहुल ने खुद पत्रकारों को वहां खडी एंबुलेस में ले जाकर फ‌र्स्ट एड करायी और फिर स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ उन्हें अस्पताल भिजवाया।


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