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Lok Sabha Election 2019: चुनाव घोषणा के बाद 18 दिन में पकड़ी गई 202 करोड़ नगदी

आयोग की टीमों ने अब तक देश भर से 202 करोड़ की नकदी सहित 673 करोड़ रुपए की सामग्री जब्त की गई है। इनमें 130 करोड़ की शराब और 173 करोड़ के सोना-चांदी के आभूषण भी शामिल।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 09:25 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 09:55 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: चुनाव घोषणा के बाद 18 दिन में पकड़ी गई 202 करोड़ नगदी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव में वोटरों को लुभाने के लिए इस्तेमाल होने वाली नकदी, शराब सहित दूसरे उपहारों पर रोकथाम को लेकर चुनाव आयोग का पहरा सख्त है। इसका अंदाजा चुनाव की घोषणा के बाद पकड़ी गई नकदी और दूसरी चीजों से लगाया जा सकता है। आयोग की टीमों ने अब तक देशभर से 202 करोड़ की नकदी सहित करीब 673 करोड़ रुपये की दूसरी चीजें जब्त की हैं।

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इनमें करीब 130 करोड़ रुपये की शराब और 173 करोड़ के सोना-चांदी के आभूषण शामिल हैं। सबसे ज्यादा नकदी और अन्य चीजें (129 करोड़ रुपये) तमिलनाडु में जब्त की गई हैं। दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश (127 करोड़ रुपये) है। तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश (119 करोड़ रुपये) है। चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सभी राज्य और केंद्र शासित राज्यों में नकदी और दूसरे सामग्रियों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है। सभी लोकसभा क्षेत्रों में निगरानी आब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।

पीएम के संदेश पर आयोग ने मांगी रिपोर्ट
मिशन शक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम दिए गए संदेश के प्रसारण को लेकर चुनाव आयोग ने दूरदर्शन और आकाशवाणी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। दोनों को शुक्रवार तक जवाब देने को कहा गया है। इसकी जांच के लिए आयोग ने कमेटी भी गठित की है, जो इससे जुड़े सारे पहलुओं की जांच कर रही है। आयोग ने यह भी साफ किया है कि इसके प्रसारण को लेकर पीएमओ से कोई अनुमति नहीं ली गई थी। गौरतलब है कि पीएम के राष्ट्र के नाम इस संदेश को लेकर विपक्ष ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। साथ ही इसे चुनाव आचार संहिता का उल्लघंन बताया था।

बॉयोपिक फिल्म पर नहीं आया जवाब
चुनाव आयोग ने बॉयोपिक फिल्म को लेकर नोटिस जारी किया है। यह नोटिस फिल्म निर्माता के साथ संबंधित राजनीतिक दल को भी दिया गया है। आयोग के उप चुनाव आयुक्त दिलीप सक्सेना ने बताया कि इसका जवाब गुरुवार को आना था, लेकिन फिलहाल अभी तक यह नहीं आया है। अब वह इसे लेकर अगला कदम भी उठाएंगे। नीति आयोग के सीईओ के मामले में भी चुनाव आयोग ने जानकारी की दी है और बताया कि उन्हें नोटिस दी गई थी। इस पर उन्होंने पांच अप्रैल तक समय मांगा है।

गांव-गांव जा रही है ईवीएम और वीवीपैट
चुनाव में आम लोगों का रुझान और भरोसा बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग इन दिनों देश भर में एक बड़ा अभियान छेड़े हुए है। इसके तहत अब तक साढ़े पांच लाख से ज्यादा गांवों में ईवीएम और वीवीपैट का प्रदर्शन किया जा चुका है। जो अभी जारी है। आयोग का मानना है कि इससे वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। उप चुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने बताया कि इन गांवों में ईवीएम और वीवीपैट के जरिये डमी वोटिंग भी कराई जा रही है। उसके रिजल्ट भी ग्रामीणों के सामने तुरंत दिखाए जा रहे है। अभियान के तहत इन गांवों में करीब दस करोड़ से ज्यादा वोटरों ने इन मशीनों के जरिये डमी वोटिंग की है। साथ ही करीब पांच करोड़ वोट भी डाल कर इसे दिखाया गया है।


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