Lok Sabha Election 2019 : चावल और मांस के जरिए तकदीर व तस्वीर बदलने की कवायद
Lok Sabha Election 2019. पार्टी वालों ने तस्वीर बदलने का प्रयास आरंभ कर दिया है। तस्वीर बदलते ही तकदीर का फैसला होगा। चाहे वह हंडिय़ा पिलाकर हो या अन्य तरीके से।
चक्रधरपुर, दिनेश शर्मा। सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में प्रत्याशियों की तकदीर का फैसला चंद दिनों बाद मतदाता करेंगे। इस फैसले के लिए पार्टी वालों ने तस्वीर बदलने का प्रयास आरंभ कर दिया है। तस्वीर बदलते ही तकदीर का फैसला होगा। चाहे वह हंडिय़ा पिलाकर हो या अन्य तरीके से।
पिछले चुनावों में हंडिय़ा और मांस भात ने ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं को प्रभावित किया था। लेकिन इस बार ग्रामीण क्षेत्र में मत देने के एवज में मांग करने का तरीका बदल गया है। अब हंडिय़ा की मांग तो रहेगी ही, खेल सामग्री की जोरदार मांग हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र के छोटे-छोटे क्लब या समिति के युवक क्रिकेट किट्स, फुटबाल, जर्सी की मांग प्रत्याशियों से करने का मन बना रहे हैं। जिसके एवज में वे अपना बहुमूल्य वोट प्रत्याशियों के पक्ष में देंगे।
मतदान के दिन बंटेगी हडि़या
इसके बावजूद हंडिय़ा और मांस भात की मांग करने वालों की कतार लम्बी है। बाजार से टेम्पो के जरिये प्रत्याशियों का टेम्पो हाई करने के लिए चावल के बोरे ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाए जाते रहे हैं। मतदान के दिन हंडिय़ा मुफ्त में बांटी जाएगी। हंडिय़ा पीकर मतदाता हंडिय़ा पिलाने वाले के पक्ष में मतदान करेंगे। तस्वीर और रूझान बदलने के लिए प्रत्याशियों व दलों ने चावल और पैसे का इस्टीमेट बना लिया है। किस बूथ पर कितना खर्च हंडिय़ा एवं मांस भात के मद में होगा, इसका लेखा जोखा तैयार कर लिया गया है। बताया जाता है कि पूरे क्षेत्र के मतदाताओं को रिझाने के लिए लाखों रुपये के चावल बांटे जाएंगे। इन चावलों से हंडिय़ा और भात दोनों बनेगा।
युवाओं को खेल सामग्री
ग्रामीण यह भी बताते हैं कि हंडिय़ा, भात, मांस से ज्यादा खेल सामग्री का वितरण प्रभावित करेगा। चूंकि इन सामग्रियों का प्रयोग युवा वर्ग करेंगे। युवा वर्ग के ऊपर पार्टी वालों का भरोसा भी है। ग्रामीण क्षेत्रों में इन युवाओं के जरिये पार्टी वाले बूथ लूट से लेकर घरों से मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने का कार्य करवाते हैं। इस स्थिति में चावल बांट एवं खेल सामग्रियों का वितरण कर फाइनल खेलने का प्रयास किया जाए, तो क्या हर्ज है।
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