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राजस्थान लोकसभा चुनाव: इस बार दो का अनूठा संयोग, कुछ खास वर्गों के दो-दो प्रत्याशी मैदान में

राजस्थान में लोकसभा चुनाव में इस बार दो का अनूठा संयोग देखने को मिल रहा है। चुनाव मैदान में प्रमुख प्रत्याशियों में दो खिलाड़ी हैं तो दो संन्यासी भी ताल ठोक रहे हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 11:35 AM (IST)Updated: Wed, 03 Apr 2019 11:35 AM (IST)
राजस्थान लोकसभा चुनाव: इस बार दो का अनूठा संयोग, कुछ खास वर्गों के दो-दो प्रत्याशी मैदान में

जयपुर, मनीष गोधा। राजस्थान में लोकसभा चुनाव में इस बार दो का अनूठा संयोग देखने को मिल रहा है। चुनाव मैदान में प्रमुख प्रत्याशियों में दो खिलाड़ी हैं तो दो संन्यासी भी ताल ठोक रहे हैं। दो भाई मैदान में हैं तो दो पूर्व अफसर भी हैं। यहीं नहीं मुख्यमंत्री रह चुके दो नेताओं के बेटे भी चुनाव मैदान में हैं। इनमें से कुछ तो आमने-सामने मुकाबले में हैं।

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राजस्थान में 25 लोकसभा सीटें है। कांग्रेस सभी सीटों पर जबकि भाजपा 19 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। यहां मुख्य मुकाबले में यही दो पार्टियां रहती हैं। अन्य दलों मसलन बसपा, माकपा के उम्मीदवार भी हैं लेकिन वे सभी सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों में इस बार अनूठा संयोग मिल रहा है। संयोग कुछ ऐसा है कि प्रत्याशियों में कुछ खास समानताएं दिख रही हैं।

दो पूर्व ओलंपियन आमने- सामने:

सबसे रोचक मुकाबला जयपुर ग्रामीण सीट पर है। यहां से भाजपा ने मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मैदान मे उतारा है। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक कृष्णा पूनिया को टिकट दिया है। दोनों ओलंपिक खिलाड़ी रह चुके हैं। राठौड़ शूटिंग स्पर्धा में रजत पदक जीत चुके हैं तो कृष्णा पूनिया ओलंपिक में डिस्कस थ्रो में भाग ले चुकी हैं।

दो भाई मौसेरे भाई आमने- सामने:

बीकानेर सीट पर भाजपा प्रत्याशी अर्जुनराम मेघवाल और कांग्रेस प्रत्याशी मदन गोपाल मेघवाल आपस में मौसेरे भाई है। दोनों पूर्व में सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं। अर्जुनराम प्रशासनिक सेवा में तो मदन गोपाल पुलिस सेवा के अधिकारी रहे हैं।

दो संन्यासी भी मैदान में - दो संन्यासी प्रत्याशी भी मैदान में हैं। हालांकि ये दोनों अलग-अलग सीटों पर हैं लेकिन दोनों को भाजपा ने ही उतारा है। सीकर से मौजूदा सांसद सुमेधानंद सरस्वती को मौका मिला है तो अलवर से नए चेहरे के रूप में बाबा बालकनाथ को मौका दिया गया है।

मुख्यमंत्री नेताओं के बेटे मैदान में- राजस्थान में यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री रह चुके दो नेताओं के बेटे एक ही चुनाव में हाथ आजमा रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़ सीट से और मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर सीट से चुनाव मैदान में हैं। दोनों में एक समानता यह भी है कि दोनों को यह सीट विरासत में मिली है। दुष्यंत सिंह की मौजूदा सीट झालावाड़ से वसुंधरा सांसद रह चुकी हैं इसी तरह अशोक गहलोत जोधपुर से सांसद रह चुके हैं।

यह रोचक संयोग भी बन सकता है

अभी भाजपा के सभी प्रत्याशियों के नाम सामने नहीं आए हैं लेकिन जो नाम चल रहे है, उन्हें ही टिकट मिलता है तो दौसा सीट से दो नेताओं की पत्नियां मैदान में हो सकती हैं। कांग्रेस यहां से विधायक मुरारीलाल मीणा की पत्नी को टिकट दे चुकी है, वहीं भाजपा में विधायक ओम प्रकाश हुडला की पत्नी को टिकट देने की चर्चा है। इसी तरह दो राजपरिवार सदस्य भी मैदान में हो सकते हैं। कांग्रेस ने अलवर से पूर्व राजघराने के सदस्य भंवर जितेंद्र सिंह को मौका दिया है, जबकि भाजपा राजसमंद से जयपुर के पूर्व राजघराने की बेटी दीयाकुमारी को टिकट दे सकती है।


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