Lok Sabha Election 2019: साहब! हर बार ठगे जाते हैं, यहां तो दांत का एक डॉक्टर तक नहीं
बिहार के रंजन सिन्हा नीतीश सरकार की बड़ाई में जुट गए। तब तक दुकान चलाने वाले डोमन यादव भी पहुंच गए। दुखी मन से बोले साहब कोई सरकार काम की नहीं है। हर बार ठगे जाते हैं।
साहिबगंज, धनंजय मिश्र। लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। हर नुक्कड़ पर इसकी ही चर्चा है। आखिर इस बार कौन। हम भी लोगों के मिजाज का आकलन करने साहिबगंज रेलवे स्टेशन पहुंच गए। 10 बजे हैं। कुछ यात्री गुट बनाकर खड़े दिखे। चुनावी चौपाल सजी है। हम भी बगलगीर हो लिए। पहले तो अपने बीच वे एक अजनबी को देखकर लोग एकाएक चुप हो गए। पर, यह चुप्पी कुछ देर ही कायम रही। इसके बाद फिर पुरानी रौ में ये लोग लौट आए। इनको भागलपुर जानेवाली ट्रेन का इंतजार है।
बातों का क्रम बढ़ाते हुए हाथ उठाकर लोकनाथ चटर्जी बोले भाई अभी तो ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं। उसका कोई टाइम नहीं। कई घंटे लेट होती है। यहां का तो सिस्टम ही फेल है। वर्ना ट्रेन की व्यवस्था बेहतर हो सकती थी। फिर बोल पड़े, सांसद ने रेलवे को पत्र लिखा लेकिन यहां से हावड़ा के लिए इंटरसिटी नहीं खुली। भागलपुर के लिए भी इंतजार करना पड़ता है। तभी कहलगांव जा रहे राजीव कुमार बीच में हस्तक्षेप करते हैं। अरे भाई रेलवे में काम तो मोदी राज में ही हुआ है। लेकिन यह भी पुट जोड़ते हैं कि लोकल ट्रेनों को रद करने से बहुत दिक्कत होती है। सुधीर बोस को पटना जाना है। साहिबगंज रेलवे स्टेशन पर पटना इंटरसिटी का इंतजार कर रहे हैं। बताने लगे कि भाजपा का काम ठीक है। सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक ने पाकिस्तान के हाथ के तोते उड़ा दिए। राधाकृष्ण हाजरा को फरक्का जाना है। वे भी कह उठे कि भाई मोदी सरकार के काम में दम है। हम तो फरक्का के हैं। तृणमूल सरकार का काम कुछ खास समझ में नहीं आया। इस बीच सबकी सुनकर चुप्पी साधे बिरजू साहा से रहा न गया। उनको रामपुरहाट जाना है। वे बोल उठे कि इस बार कांग्रेस की सरकार बननी चाहिए। गरीबों को छह हजार रुपये प्रति माह देने का वादा किया है। इसका प्रभाव जरूर पड़ेगा। किउल जाने को ट्रेन के इंतजार में खड़े दिनेश सिंह से रहा न गया। वे भी बातचीत का हिस्सा बन गए। बोले लहर तो मोदी की ही है। तब तक बेगूसराय जा रहे श्रवण कुमार ने कहा कि विदेश का धन कब आएगा। यह तो बताइए। यह बात सुन रमेश मिश्रा बिलबिला उठे। तड़ाक से बोले कांग्रेस ने तो कुछ किया ही नहीं।
बिहार के रंजन सिन्हा नीतीश सरकार की बड़ाई में जुट गए। तब तक दुकान चलाने वाले डोमन यादव भी पहुंच गए। दुखी मन से बोले साहब कोई सरकार काम की नहीं है। हर बार ठगे जाते हैं। साहिबगंज में दांत का एक डॉक्टर तक नहीं है। क्या करें। आयुष्मान कार्ड का क्या करें जब डॉक्टर ही नहीं है। दूर दराज जाना है तो भी पैसा तो चाहिए। अपनी कसौटी पर फिर नेताओं को परखेंगे उसके बाद ही वोट डालेंगे। रमेश रविदास साहिबगंज के ही हैं। बोले किसको मतदान करना है अभी तय नहीं है। हवा देखकर ही निर्णय लेंगे। इस बीच एक महिला गौरी भी बातचीत में शामिल हो जाती है। उनको सुंदरपानी सबौर जाना है। वे बोलीं जिसने काम किया है वही इनाम भी पाएगा। इस बीच ट्रेन आ गई और लोग दौड़ पड़े।