Lok Sabha Election 2019 : हेलीकॉप्टर में उड़ने के रोमांच से नक्सल इलाकों में जाने का डर हुआ फुर्र
छठे चरण में झारखंड की जिन चार लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है उनमें सिंहभूम घोर नक्सल प्रभावित है। इस वजह से राज्य में पहली बार यहां सबसे ज्यादा हेली ड्रॉपिंग की जा रही है।
चाईबासा, सुधीर पांडेय। Lok Sabha Election 2019 छठे चरण में झारखंड की जिन चार लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है उनमें सिंहभूम घोर नक्सल प्रभावित है। इस वजह से राज्य में पहली बार यहां सबसे ज्यादा हेली ड्रॉपिंग की जा रही है। सिंहभूम में कुल 130 घोर नक्सल प्रभावित बूथ चयनित किए गए हैं। इन बूथों पर शुक्रवार की सुबह से ही दो हेलीकाप्टर की मदद से मतदानकर्मियों को भेजा जा रहा है।
पहले दिन करीब 90 बूथों पर मतदानकर्मियों को हेलीकाप्टर से सुरक्षित पहुंचा दिया गया है। शेष 40 बूथों के लिए शनिवार की सुबह मतदानकर्मी हेलीकाप्टर से भेजने शुरू हुए। इस बार करीब 400 मतदान कर्मी व सेक्टर मजिस्ट्रेट हेलीकाप्टर से नक्सल इलाकों के बूथों पर एयर ड्राप किए जा रहे हैं। कई मतदान कर्मी जहां पहली बार हेलीकाप्टर पर बैठने को लेकर रोमांचित दिखे, वहीं कुछ के चेहरे पर दहशत भी नजर आई। हालांकि सुरक्षाबलों पर सभी को पूरा भरोसा है और सभी ने सफलता पूर्वक मतदान कराकर लौटने की बात कही है।
पहली बार हेलीकॉप्टर में बैठने का रोमांच
मंझारी प्रखंड के मध्य विद्यालय कुदखगुटु के शिक्षक प्रताप गोप कहते हैं-मेरी ड्यूटी जेटेया थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय कोटेया में बने मतदान केंद्र में लगी है। यहां हेलीकाप्टर से हम लोगों को भेजा जा रहा है। जीवन में पहली बार हेलीकाप्टर में बैठने को लेकर रोमांचित महसूस कर रहा हूं। हवाई सफर के बारे में कभी सोचा नहीं था। अब सरकारी खर्च पर चुनाव ड्यूटी में जाने का मौका मिल रहा है। हम लोगों का बूथ घोर नक्सल प्रभावित इलाके में आता है। इस वजह से थोड़ा डर भी लग रहा है। संत जेवियर लुपुंगुटू के शिक्षक रामलाल पुरती की ड्यूटी भी इसी बूथ पर है। पुरती कहते हैं - मैं पहले भी हवाई यात्र कर चुका हूं। मगर हेलीकाप्टर में बैठने का मौका पहली बार मिल रहा है। भगवान से यही दुआ है कि सफल तरीके से मतदान कराकर सकुशल अपने परिवार के पास पहुंच जाऊं।
ये कहते जय प्रकाश दास
हाथ में ईवीएम लिए हेलीकाप्टर पर चढ़ने के इंतजार में खड़े उत्क्रमित मध्य विद्यालय भोंडा के शिक्षक जय प्रकाश दास ने कहा कि सुबह से टाटा कालेज मैदान में हेलीकाप्टर पर चढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। मेरी ड्यूटी अति नक्सल प्रभावित सारंडा जंगल के मध्य विद्यालय छोटानागरा में लगी है। एक समय यह पूरा इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता था। ऐसे इलाके में जाने से भय महसूस कर रहा था। परिवार में जब पता चला कि मुझे छोटानागरा जाना है तो परिवार वाले भी चिंतित हैं।
..ताकि कोई चूक न हो
मतदानकर्मियों को चुनौतीपूर्ण नक्सल प्रभावित इलाकों में भेजने का काम शुरू कर दिया गया। भारी सुरक्षा के बीच ईवीएम को वेयर हाउस से निकाला गया। इसके बाद मतदानकर्मियों की पुलिस ने जांच की। इतना ही नहीं ईवीएम की खोजी कुत्तों के द्वारा जांच की गई। वहीँ मौके पर बम निरोधक दस्ते भी ईवीएम की जांच कर रहे हैं। पुलिस शांतिपूर्ण मतदान के लिए कोई भी चूक करना नहीं चाहती। हर बिंदु पर सुरक्षाबलों की जांच प्रक्रिया के बाद ही मतदान कर्मियों को ईवीएम मशीन के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों के मतदान केंद्र के लिए रवाना किया जा रहा है। दो हेलीकॉप्टर की मदद से नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदानकर्मियों को भेजा जा रहा है।
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