Exclusive Interview : पीएम मोदी ने कहा- किसान और नौजवान की सोचना भी राष्ट्रवाद है
PM ने कहा अगर मैं भारत माता की जय बोलता हूं तो क्या वह राष्ट्रवाद नहीं है अगर भारत माता गंदगी से परेशान हो और हम सफाई करते हैं तो क्या वह राष्ट्रवाद से अलग है।
नई दिल्ली (प्रशांत मिश्र)। राष्ट्रवाद को लेकर छिड़ी तीखी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ किया है कि उनका राष्ट्रवाद व्यापक देशहित के संदर्भ में है। यह केवल पाकिस्तान तक सीमित नहीं है, बल्कि हर वर्ग के उत्थान से जुड़ा है। भाजपा इसी राष्ट्रवाद से प्रेरित होकर नौजवानों और किसानों के लिए काम कर रही है। उनका मानना है कि जो लोग इसे सिर्फ पाकिस्तान तक सीमित कर देखते हैं, वे भूल कर रहे हैं।
सोमवार को 'दैनिक जागरण' से बातचीत में प्रधानमंत्री ने साफ-साफ कहा, 'अगर मैं भारत माता की जय बोलता हूं तो क्या वह राष्ट्रवाद नहीं है और अगर भारत माता गंदगी से परेशान हो और हम सफाई करते हैं, स्वच्छता अभियान छेड़ते हैं तो क्या वह राष्ट्रवाद से अलग है।'
वह कहते हैं कि गरीबों को घर देना, बीमार को इलाज की सुविधा देना, जिस घर में अंधेरा हो वहां रहने वालों के जीवन में रोशनी लाना, बच्चों के खाने के लिए धुएं में आंखें फोड़ने वाली माताओं को गैस की सुविधा देना भी राष्ट्रवाद है। हर वह काम जो देश और देशवासियों को बिना भेदभाव मजबूत और सबल बनाता है, राष्ट्रवाद है।
प्रधानमंत्री का यह बयान खासा महत्वपूर्ण है। राष्ट्रवाद के राजनीतिकरण का आरोप लगा रहे विपक्ष को अब इसकी काट तलाशनी पड़ेगी। पिछले दिनों में प्रधानमंत्री दोहराते रहे हैं कि आतंक और आतंकियों के खिलाफ उनका अभियान रुकेगा नहीं, वह घर में घुसकर मारेंगे।
प्रधानमंत्री की राष्ट्रवाद की परिभाषा के अनुसार देश को सुरक्षित करना, देशवासियों में सुरक्षा का भाव पैदा करना और आतंक पैदा करने वालों को मुंहतोड़ जवाब देना तो राष्ट्रवाद है ही, लेकिन यह यहीं नहीं रुकता। राष्ट्रवाद के तार से मोदी ने पूरे देश की जनता को बांधने का प्रयास किया है। ध्यान रहे कि भाजपा के घोषणापत्र में भी राष्ट्रवाद को प्रेरणा बताया गया है जिसके तहत सुशासन के जरिये आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने को ध्येय बताया गया है।