फारूक, उमर व महबूबा मुफ्ती को चुनाव में हिस्सा लेने से रोकने की याचिका EC के पास भेजी गई
Farooq Abdullah. फारूक उमर व महबूबा मुफ्ती को लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने से रोकने की याचिक चुनाव आयोग के पास भेजी गई है।
नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi high Court) उस याचिका को चुनाव आयोग के पास भेज दिया है, जिसमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को लोकसभा चुनाव 2019 में हिस्सा लेने से रोकने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग वाली जनहित याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया है कि उनके बयान भारतीय संविधान के खिलाफ हैं।
नेशनल क्रॉन्फ्रेंस (नेकां) अध्यक्ष व सांसद फारूक अब्दुल्ला, पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) मुखिया महबूबा मुफ्ती को आगामी लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने से रोकने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने हाल ही में कुछ ऐसे ट्वीट करने के साथ बयान दिए हैं, जो देश विरोधी होने के साथ बेहद अपमानजनक हैं। याचिकाकर्ता ने एनसी एवं पीडीपी पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी जनहित याचिका में उठाई।
अधिवक्ता संजीव कुमार ने अपनी याचिका में कहा कि फारूक अब्दुल्ला व उनके बेटे उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में वजीर-ए-आजम व सदर-ए-रियासत की मांग की है, जोकि अस्वीकार्य है। वहीं, महबूबा मुफ्ती ने भी धारा-370 हटाने पर कश्मीर का भारत से रिश्ता तोड़ने की बात कही है।
याचिका में कहा गया कि महबूबा, फारूक व उमर के देशद्रोही एवं सांप्रदायिक बयान भारतीय संविधान के खिलाफ हैं। हाई कोर्ट एवं निर्वाचन आयोग को इन्हें लोकसभा में प्रवेश करने से रोकना चाहिए।