Lok Sabha Election 2019: पीएम मोदी के कार्यकाल से लोग संतुष्ट लेकिन नही भूले नोटबंदी के धक्के
Lok Sabha Election 2019 जागरण की ट्रैवल्स एक्सप्रेस टीम लोगों की गुफ्तगू में शामिल हो चुनाव के बाबत पूरे माहौल को भांपने में जुटी हुई है।
नगरोटा बगवां, नीरज दुसेजा। हिमाचल के नगरोटा बगवां में गुरुवार दोपहर करीब 2.30 बजे एनएसटीसी बस रुकती है। इसमें चढ़ने के लिए लोगों में होड़ मच जाती है। परिचालक लोगों को बस में जल्द सवार होने के लिए कहता है। बस खचाखच भर जाती है। बस के चलने के बाद कुछ यात्री झपकी लेनी शुरू कर देते हैं। युवा वर्ग मोबाइल फोन पर व्यस्त हो जाता है, लेकिन इसमें कुछ लोग ऐसे हैं जो लोकसभा चुनाव को लेकर एक दूसरे से सूचनाओं का अदान-प्रदान कर रहे हैं।
कुछ तो अपनी बात को दूसरों को मनवाने पर ही तुले हुए हैं। इसके लिए वे एक से बढ़कर एक तर्क दे रहे हैं। इस बीच जागरण की ट्रैवल्स एक्सप्रेस टीम भी उनके गुफ्तगू में शामिल होकर आसन्न चुनाव के बाबत पूरे माहौल को भांपने की कोशिश में जुट गई।
राजनीतिक बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल से लोग संतुष्ट तो नजर आए, लेकिन नोटबंदी के दौरान अपने ही पैसों को निकालने के लिए बैंक में धक्के खाने को अभी नहीं भूले हैं। लोगों का कहना है कि मोदी के कार्यकाल में देश का मान बढ़ा है, लेकिन रोजगार के साधन भी पैदा किए जाने चाहिए।
इस दौरान अधिकतर यात्री राहुल गांधी की ओर से की गई 72 हजार रुपये की घोषणा पर चर्चा करते नजर आए। युवा वर्ग यह कहते हुए सुना गया कि क्या एक साल में 22 लाख नौकरी दे पाना संभव हो सकेगा। इस दौरान रमेश कुमार ने कहा कि इस बार वोट किसको देना है तो फौरन बगल में बैठे सरवन कुमार ने कहा कि मोदी की ओर से घोषित 15 लाख रुपये मिल गए, अब राहुल की घोषणा के अनुसार 72,000 भी मिल जाएंगे।
यह सुनकर अगली सीट पर बैठे शमशेर सिंह ने बीच में काटते हुए कहा कि आपकी बात समझ में नहीं आई। सरवन ने कहा कि बेशक यह चुनावी स्टंट है, बावजूद इसके घर बैठे लोगों को पैसे देना कतई ठीक नहीं है। तर्क दिया कि लोग काम करने से कन्नी काटेंगे। चर्चा चल ही रही थी कि सरवन दरंग में उतर गए। बस फिर चली तो चुनावी चर्चा और अधिक गर्म हो गई।
जाति नहीं, देशहित में हो मतदान
बस में सवार विमला देवी और अनीता दबी जुबान में यह कहती हुई सुनीं गईं कि इस बार कांग्रेस ने ओबीसी प्रत्याशी को टिकट दे दिया है तो अपना मुंडू ही जिताना पौणा। महिलाओं की बात सुनकर साथ में बैठे संदीप कुमार कहते हैं कि जाति नहीं, देशहित में मतदान किया जाना चाहिए।
पाक में घुसकर जवाब देना सिर्फ मोदी राज में संभव
बस में युवा भी सफर कर रहे थे। जब चर्चा चल रही थी तो युवाओं ने भी इसमें भाग लिया। नवदीप व प्रियंका ने कहा कि राहुल गांधी की 22 लाख बेरोजगारों को रोजगार देने की घोषणा कितनी सार्थक सिद्ध हो सकती है। क्या एक घोषणा मात्र से देश से बेरोजगारी दूर हो जाएगी। यदि ऐसा संभव हो सकता है तो वह कांग्रेस को वोट करना ही पसंद करेंगी। राजनीतिक चर्चा पूरी बस में गूंजने लगी। जो लोग झपकी ले रहे थे, वे भी उठ गए। पूर्व सैनिक राजेंद्र कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के घर में घुसकर जवाब देना केवल मोदी के राज में ही संभव हो पाया है। इतना सुनते ही कांग्रेस समर्थक प्रवीण कुमार ने कहा कि पाकिस्तानको जवाब तो पहले भी दिया जाता था, लेकिन इतनी चर्चा नहीं हो पाती थी। सियासी चर्चा लंबी चलती रही और पालमपुर बस अड्डा कब आ गया, पता ही नहीं चला।