BJP ने अपने जिन सांसदों का काटा टिकट, उन्हें अपने दल में शामिल करने में जुटी विपक्षी पार्टी
आम चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में भारी असंतोष है।
लखनऊ (पीटीआइ)। आम चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में भारी असंतोष है। पार्टी ने 75 पार के उम्र का हवाला देते हुए कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट काट दिए हैं। इसके अलावा बीजेपी ने छत्तीसगढ़ से भी कई नेताओं के टिकट काटे हैं। फिलहाल उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 12 सांसदों को टिकट नहीं दिया है। अब विपक्षी दल आगामी आम चुनावों को देखते हुए इन असंतुष्ट सांसदों को अपने पाले में लाने की हर संभव कोशिश कर रही है।
बीजेपी के लिस्ट में जिन 61 सांसदों के नाम हैं उनमें से पार्टी ने 12 सांसदों के टिकट काट दिए हैं। इसके अलावा दो सांसदों ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का दामन थाम लिया है।
इलाहाबाद से भाजपा सांसद श्याम चरण गुप्ता और बहराइच से सांसद सावित्री बाई फुले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। सांसद श्याम चरण गुप्ता बांदा से जबकि सावित्री बाई फुले बहराइच से चुनाव मैदान में हैं। इसके अलावा हरदोई से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा सपा से जुड़ गए हैं। उन्होंने अपनी पार्टी पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।
वर्मा का कहना है कि उन्होंने बिना किसी शर्त के समाजवादी पार्टी ज्वाइन की है। अब सपा वर्मा को हरदोई क्षेत्र में दलित वोट साधने के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
इस चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवारों को तरजीह देने के बारे में पूछे जाने पर, सपा एमएलसी राजपाल कश्यप ने कहा कि इस तरह की रणनीति केवल राज्य में सत्तारूढ़ दल के दुराचार को उजागर करने के लिए है।
कश्यप ने कहा, वे पांच साल से जमीन से जुड़े रहे हैं। वे बहुत अच्छी तरह से मतदाताओं को बता सकते हैं कि भाजपा क्या है और उनके झूठ को कैसे उजागर करना है। उन्होंने कहा बीएसपी और आरएलडी के साथ हमारा गठबंधन बहुत मजबूत है और यही वजह है कि इन नेताओं का हम पर भरोसा है।
बता दें कि इस चुनाव में सपा, बसपा और रालोद का गठबंधन साथ में चुनाव लड़ रहा है। लोकसभा चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले इस्तीफा देने वाली भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले अब भगवा पार्टी की मुखर आलोचक हो गई हैं।
उन्होंने कहा, 'भाजपा ने दलितों और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया। यह सरकार असंवैधानिक तरीके से काम करती है और आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा की हार सुनिश्चित करूंगी और जहां भी मेरी पार्टी मुझे भेजती है मैं वहां चुनाव प्रचार पर जाने के लिए तैयार हूं।'
भाजपा बलिया के सांसद भरत सिंह ने हाल ही में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए एक खुला पत्र लिखा था।
उन्होंने लिखा, 'मेरी गलती क्या है? मुझे टिकट क्यों नहीं दिया गया? मैंने हमेशा निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मुद्दों को उठाया है। बलिया से घोषित उम्मीदवार का यहां के लोगों से कोई संबंध नहीं है।'
भाजपा के फतेहपुर सीकरी के सांसद चौधरी बाबूलाल ने भी टिकट न दिए जाने के बाद अपनी नाराजगी खुलकर दिखाई।
कुशीनगर में, बीजेपी सांसद राजेश पांडे के समर्थकों ने अपने नेता को टिकट न देने के खिलाफ प्रदर्शन किया और पार्टी से इस पर फिर से सोचने की मांग की।