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Lok Sabha Election 2019: राजमहल के विकास का खुला दरवाजा, समीकरण की घाटी में वोट पथ

गंगा के किनारे से सटा साक्षरता चौक। यहां से साहिबगंज-गोविंदपुर नई डबल लेन सड़क निकलती है। सड़क पर लगा बड़ा बोर्ड जैसे बार-बार ताकीद करता है-साहिबगंज के विकास का दरवाजा खुल गया है।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 10:40 AM (IST)
Lok Sabha Election 2019: राजमहल के विकास का खुला दरवाजा, समीकरण की घाटी में वोट पथ
Lok Sabha Election 2019: राजमहल के विकास का खुला दरवाजा, समीकरण की घाटी में वोट पथ

साहिबगंज, मृत्युंजय पाठक। जीवन दायिनी और मोक्ष दायिनी मां गंगा। इसके तट पर बसने वाला झारखंड का एक मात्र सौभाग्यशाली जिला साहिबगंज। दुर्भाग्यवश झारखंड का पिछड़ा जिला भी। कहते हैं न घूरे के भी दिन फिरते हैं जो साहिबगंज के मामले में सटीक बैठती है।

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गंगा के किनारे से सटा साक्षरता चौक। यहां से साहिबगंज-गोविंदपुर नई डबल लेन सड़क निकलती है। सड़क पर लगा बड़ा बोर्ड जैसे बार-बार ताकीद करता है-साहिबगंज के विकास का दरवाजा खुल गया है। एशियन डवलपमेंट बैंक के सहयोग से 1300 करोड़ की लागत से बनी सड़क के कारण साहिबगंज से गोविंदपुर (धनबाद) के बीच की दूरी आपस में सिमट गई है। यह संताल में विकास का एक नमूना भर है। चौक पर मां दुर्गा मिष्टान भंडार के संचालक छोटू कुमार कहते हैं, इस सड़क ने संताल परगना और धनबाद कोयलांचल को एक सूत्र में पिरोने के लिए परिवहन क्रांति की एक लंबी लकीर खींच दी है।

दरअसल, केंद्र और झारखंड में भाजपा की सरकार बनने के बाद संताल विकास के फोकस पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अप्रैल 2017 को साहिबगंज-गोविंदपुर सड़क का उद्घाटन किया था। यह दिन साहिबगंज जिला और राजमहल लोकसभा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक था। सड़क का उद्घाटन करने के साथ ही मोदी ने गंगा नदी पर साहिबगंज और मनिहारी (बिहार) के बीच 2165 करोड़ की लागत से 4 लेन रेल-सड़क पुल और 280 करोड़ की लागत से बंदरगाह का शिलान्यास किया था। टेंडर विवाद के कारण रेल-सड़क पुल का काम में तो विलंब है लेकिन बंदरगाह का काम 80 फीसद पूरा हो गया है।

बंदरगाह से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष 45 हजार को मिलेगा रोजगारः भारतीय अंतरदेशी जल परिवहन प्राधिकार का दावा है कि हल्दिया से इलाहाबाद के बीच जल मार्ग विकास परियोजना से उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 10 हजार लोगों को सीधा और 45 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। यहां से तीन सौ मिट्रिक क्षमता का जहाज चलाने की योजना है। इसके लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। राजमहल के भाजपा विधायक अनंत ओझा दावा करते हैं-पहली बार राजमहल में विकास कार्य हो रहा है। 36 करोड़ की लागत से 50 हजार लीटर प्रति दिन की क्षमता का डेयरी फार्म, नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत साहिबगंज में 132 करोड़ और राजमहल में 59 करोड़ की लागत से सिवरेज सिस्टम का निर्माण हो रहा है। वे कहते हैं, अगर साहिबगंज के विकास पर पहले किसी ने ध्यान दिया होता तो पिछड़े क्षेत्रों में शुमार नहीं होता। हालांकि इसके बावजूद इस सरकार की खिंचाई करने वालों की कोई कमी नहीं है। झामुमो के साहिबगंज जिलाध्यक्ष शाहजहां अंसारी भाजपा सरकार पर काम से ज्यादा प्रचार करने का आरोप लगाते हैं। उनका कहना है कि झामुमो के विजय हांसदा पांच साल से सांसद हैं। राजमहल का जो विकास हो रहा है उनमें उनकी भी भूमिका है। हालांकि वह भाजपा सरकार पर असहयोग का भी आरोप लगाते हैं। हांसदा 12 करोड़ की लागत से अस्पताल का निर्माण करना चाहते थे। लेकिन, राज्य सरकार ने जमीन मुहैया नहीं कराई।

जिसकी किस्मत अच्छी होगी जीत जाएगा: लोकसभा चुनाव- 2019 के अंतिम चरण में 19 मई को राजमहल लोकसभा क्षेत्र में मतदान है। 13 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला झामुमो प्रत्याशी वर्तमान सांसद विजय हांसदा और भाजपा प्रत्याशी हेमलाल मुर्मू के बीच है। यहां मुस्लिम और आदिवासी मतदाता निर्णायक है। इसका फायदा चुनाव-दर-चुनाव झामुमो को मिलता रहा है। यही समीकरण विकास की राजनीति के वोट पथ को सोहिबगंज-गोविंदपुर सड़क की जिलेबिया घाटी में भटका देता है। तो विकास बनाम समीकरण की लड़ाई में राजमहल पर कौन कब्जा करेगा? इसका साफ जवाब अखिल भारतीय ज्योतिष मो. इसहाक अजमेरी के पास भी नहीं है। साहिबगंज स्टेशन के बाहर बैठकर दूसरे के भूत, भविष्य और वर्तमान बांचने वाले अजमेरी कहते हैं-हम कोई खुदा नहीं-भगवान नहीं। जिसकी किस्मत अच्छी होगी जीत जाएगा। क्योंकि कर्तव्य के साथ-साथ किस्मत की ताकत भी जरूरी है।

संताल बनाम पहाडिय़ा का असर भी खिलाएगा गुलः राजमहल लोकसभा क्षेत्र में 14.35 लाख मतदाता है। इनमें करीब 5 लाख मुसलमान, 4.50 लाख आदिवासी और 4.50 लाख हिंदू मतदाता है। आदिवासियों में संताल और पहाडिय़ा में वोट का पैर्टन अलग-अलग देखने को मिलता है। पहाडिय़ा मतदाता की संख्या एक लाख से ऊपर है। ज्यादातर संतालों का झुकाव झामुमो तो पहाडिय़ों का भाजपा की तरफ दिखता है। गुरुवार और रविवार के दिन पहाडिय़ा जंगलों से लकड़ी और गुरुवार को सूरजी लकड़ी बेचने गई थीं। लौटते समय दुर्गाटोला मोड़ पर लगी दुकानों पर खरीदारी की। वोट के सवाल पर कमल फूल का इशारा किया। बांस के काटने पर वन विभाग द्वारा लगाई गई रोक को समाप्त करने से फागु पहाडिय़ा प्रसन्न हैं। उसने बताया कि आज पांच बांस लेकर बाजार में बेचने गया था। 1000 रुपये में बिके। 200 रुपये का तेल-मसाला खरीदा है। 800 रुपये घर ले जा रहे हैं। वे भी चुनाव में कमल फूल को वोट देने की बात करते हैं। पास में ही खड़े आसनबोना के प्रधान बेसरा ने झामुमो को वोट देने की बात कही। उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले गांवों के प्रधान निर्णय लेंगे कि किसे वोट देना है? प्रधान के निर्णय पर सब लोग मतदान करेंगे।

2014 में चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी व उन्हें मिले मत

1. विजय कुमार हांसदा    झामुमो           379507

2. हेमलाल मुर्मू         भाजपा              338170

महागठबंधन की ताकत, हेमंत की प्रतिष्ठा दांव पर : राजमहल लोकसभा क्षेत्र के तहत छह विधानसभा आते हैं। इनमें साहिबगंज जिले के तीन-राजमहल, बोरियो और बरहेट। जबकि पाकुड़ जिले के पाकुड़, लिट्टीपाड़ा और महेशपुर। दो विधानसभा क्षेत्र-राजमहल और बोरियो पर भाजपा का कब्जा है। जबकि तीन विधनसभा बरहेट, लिट्टीपाड़ा और महेशपुर में झामुमो का। पाकुड़ विधानसभा कांग्रेस के पास है। बरहेट से झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायक हैं। जाहिर है राजमहल में उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर है। झामुमो महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रहा है। झामुमो को कांग्रेस और झाविमो का समर्थन प्राप्त है।

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