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Lok Sabha Election 2019: नाराजगी न दिखाते तो इन सीटों का नजारा कुछ और होता

लोकसभा चुनाव-2014 में पहली बार आया था नोटा। सबसे अधिक मैनपुरी और सबसे कम मथुरा में नोटा का बटन दबाया।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 03:41 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 03:41 PM (IST)
Lok Sabha Election 2019: नाराजगी न दिखाते तो इन सीटों का नजारा कुछ और होता

आगरा, अमित दीक्षित। वर्ष 2014 में चुनावी चौपालों में भाग लिया। मुद्दों पर चर्चाएं की, प्रत्याशी और पार्टी परखी। वोट डालने के लिए को कतार में खड़े हुए और ईवीएम का बटन भी दबाया। प्रत्याशियों से इतनी नाराजगी कि बटन दबाया वो भी नोटा का। अगर किसी को भी चुनते तो शायद नजारा कुछ और ही होता।

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लोकसभा चुनाव-2014 में उपरोक्त में कोई नहीं (नोटा) को पहली बार शामिल किया गया था। ब्रज में छह लोकसभा सीटों में सबसे अधिक मैनपुरी लोकसभा सीट पर नोटा दबाया गया। यह 0.63 फीसद था। मैनपुरी के उप चुनाव में 0.66 फीसद नोटा को वोट मिले थे। सबसे कम मथुरा लोस सीट पर नोटा को 0.18 फीसद वोट मिले थे। इस बार भी हालांकि ईवीएम में नोटा का विकल्प सबसे अंतिम में है। जब चुनना ही है तो किसी को भी चुनें, मगर जरूर। आपका एक वोट चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।

ये है नोटा के आंकड़े

लोकसभा सीट, नोटा के मत, नोटा फीसद, कुल पड़े वोट, मतदान फीसद

आगरा लोकसभा, 5191, 0.48, 10.70 लाख, 58.99

फतेहपुरसीकरी, 2677, 0.28, 9.67 लाख, 61.24

फीरोजाबाद, 4654, 0.42, 11.04 लाख, 67.49

मथुरा, 1953, 0.18, 10.76 लाख, 64.2

एटा, 6201, 0.67, 9.26 लाख, 58.72

मैनपुरी, 6323, 0.63, 9.99 लाख, 60.45

मैनपुरी उप चुनाव, 6623, 0.66, 10.14 लाख, 61.32

38 फीसद तो घर से ही न निकले थे

समझदार हैं। पढ़े-लिखे हैं। राजनीति पर अच्छी पकड़ और दखल रखते हैं, लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में जब वोट देने की बारी आई तो उनके कदम ठिठक गए। कोई ड्राइंग रूम में टीवी से चिपका रहा होगा तो किसी ने मनाई होगी पिकनिक। ब्रज की छह लोकसभा सीटों में 38 फीसद वोटर ऐसे थे, जो बूथों तक गए ही नहीं। अगर यह बूथों तक जाते तो न सिर्फ मतदान फीसद बढ़ता, बल्कि कई वोटों का गणित कुछ और ही होता। सबसे अधिक एटा में 41.28 फीसद और फीरोजाबाद में सबसे कम 32.51 फीसद वोटरों ने बेरुखी दिखाई थी। 

ताकि डाल सकें वोट

यह लोकतंत्र का उत्सव है। उत्सव के दिन अवकाश रहता है। निर्वाचन आयोग का मानना है कि अवकाश से लोग आसानी से वोट डालने के लिए जा सकते हैं।

ताकि बढ़े मतदान

17वीं लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग मतदान फीसद बढ़ाने के लिए हर प्रयास कर रहा है। सोशल मीडिया पर जागरूक किया जा रहा है। नुक्कड़ नाटक सहित अन्य का सहारा लिया जा रहा है। डिग्री कॉलेजों में लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

कहां कितने फीसद वोटरों ने नहीं किया मतदान (लोस चुनाव-2014)

लोस सीट, मतदान फीसद

आगरा लोकसभा, 41.01

फतेहपुरसीकरी, 38.76

फीरोजाबाद, 32.51

मथुरा, 35.8

एटा, 41.28

मैनपुरी उप चुनाव, 38.68

क्‍या कहते हैं अधिकारी

सभी वोटरों को मतदान करना चाहिए। अपनी पसंद के प्रत्याशी को वोट दें।

अनिल कुमार, मंडलायुक्त  


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