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ग्रामीण और शहरी वोटरों को रिझाने के लिए पार्टियों ने बनाई ये रणनीति, उम्मीदवार ऐसे मांग रहे हैं वोट

गाजियाबाद के ग्रामीण और शहरी वोटरों को अलग-अलग तरीकों से लुभाया जा रहा है। कहीं प्रत्याशी खुद को शिक्षित बताकर वोट मांग रहे हैं तो कहीं बिरादरी बताकर अपनापन जता रहे हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 23 Mar 2019 02:56 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2019 02:56 PM (IST)
ग्रामीण और शहरी वोटरों को रिझाने के लिए पार्टियों ने बनाई ये रणनीति, उम्मीदवार ऐसे मांग रहे हैं वोट

गाजियाबाद [सौरभ पांडेय]। लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होते ही सभी पार्टियों ने अपनी अलग रणनीति तैयार कर ली है। इसी कड़ी में गाजियाबाद सीट के ग्रामीण और शहरी वोटरों को अलग-अलग तरीकों से लुभाया जा रहा है। कहीं प्रत्याशी और उनके समर्थक खुद को शिक्षित बताकर वोट मांग रहे हैं तो कहीं बिरादरी बताकर अपनापन जता रहे हैं।

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ग्रामीण आबादी से लेकर शहर के वोटरों को पार्टी से जोड़ने के लिए प्रत्याशी एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। दरअसल, गाजियाबाद लोकसभा सीट की पांचों विधानसभाओं में मिली जुली आबादी के लोग रहते हैं। धौलाना और लोनी में जहां ग्रामीण आबादी की अधिकता है वहीं गाजियाबाद और साहिबाबाद में ज्यादातर शहरी आबादी है।

मुरादनगर में ग्रामीण और शहरी दोनों तरह के वोटर हैं। एक भी विधानसभा में पिछड़ना किसी भी प्रत्याशी के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। ऐसे में हर प्रत्याशी हर वर्ग तक पहुंचने के प्रयास में जुटा है।

लिखी गई अलग-अलग स्क्रिप्ट

कांग्रेस हो, भाजपा हो या गठबंधन प्रत्याशी, सभी ने चुनाव प्रचार की रणनीति के लिए एक टीम तैयार कर ली है। यही टीम प्रत्याशियों के लिए स्क्रिप्ट तैयार कर रही है। ग्रामीण इलाकों में प्रचार के लिए जाना है तो प्रत्याशियों को बताया जा रहा है कि वहां उज्ज्वला योजना और किसान सम्मान योजना के साथ बिरादरी को लुभाने का भी प्रयास करना है।

वहीं, इंदिरापुरम, वसुंधरा, वैशाली और राजनगर एक्सटेंशन में चुनाव प्रचार के लिए जाने पर बताया जा रहा है कि प्रत्याशी कितने शिक्षित हैं और शिक्षित होते हुए समाज के लिए उनका एजेंडा क्या है। महज प्रत्याशियों के लिए ही नहीं, अपने मोहल्ले और सोसायटी में लोगों के साथ बैठक कर रहे कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को भी यही स्क्रिप्ट दी जा रही है।

कांग्रेसी बता रहे उनके पास है शिक्षित प्रत्याशी, भाजपा भी पीछे नहीं

कांग्रेस पदाधिकारी जहां शहरी आबादी में यह दावा ठोंक रहे हैं कि उनकी प्रत्याशी डॉली शर्मा एमबीए है और मध्यम वर्ग की हर समस्या के लिए लड़ाई लड़ेंगी। वहीं, भाजपाइयों का कहना है कि वीके सिंह सेना प्रमुख के पद से रिटायर्ड हैं, ऐसे में वह न सिर्फ शिक्षित हैं बल्कि हर वर्ग की समस्या को समझते हैं और उनकी लड़ाई संसद में लड़ेंगें।

इतना ही नहीं ग्रामीण इलाके में कांग्रेसी ब्राह्मणों को तो भाजपा ठाकुरों को अपना बताकर उन्हें अपनी ओर आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

क्या कहते हैं नेता?

कांग्रेस महानगर अध्यक्ष नरेंद्र भारद्वाज ने बताया कि उनकी प्रत्याशी डॉली शर्मा शिक्षित है और हर तबके की समस्याओं से वाकिफ है। ऐसे में क्षेत्र के विकास के लिए वह सबसे सही प्रत्याशी साबित होंगीं। भाजपा महानगर अध्यक्ष मान सिंह गोस्वामी ने बताया कि जनरल वीके सिंह के नेतृत्व में बीते पांच साल में जिले ने विकास की नई ऊंचाइयों को छुआ है। अगले पांच साल में जिला देश के सबसे विकसित शहरों में शामिल होगा।

उधर, महागठबंधन का प्रत्याशी भले ही बदल दिया गया हो लेकिन कार्यकर्ता अपने ही प्रत्याशी को सर्वश्रेष्ठ और सबके विकास में साथ देने वाला बता रहे हैं। सपा महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी ने बताया कि सपा हमेशा ही शिक्षित प्रत्याशी घोषित करती है।


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