EXCLUSIVE: केजरीवाल के असंवैधानिक कार्यों की वजह से कमजोर हुआ पूर्ण राज्य का मुद्दा
विजय गोयल ने कहा कि मोदी सरकार की उपलब्धियां व देश की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। लोग मोदी के नेतृत्व में फिर से मजबूत सरकार बनाना चाहते हैं जिससे कि दिल्ली व देश का विकास हो सके।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली के मुद्दों को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री व पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल हमेशा सक्रिय रहे हैं। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की नीतियों के खिलाफ वह मुखर रहे हैं। दिल्ली सरकार को घेरने के लिए ढोल बजाओ आंदोलन चला रहे हैं। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए उन्होंने जनसंपर्क अभियान भी शुरू किया है। केंद्र में मंत्री विजय गोयल ने इस चुनाव में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कितना बड़ा मुद्दा है? के सवाल के जवाब में कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा अब कोई मुद्दा नहीं है। हम पूर्ण राज्य के विरोध में नहीं हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल के असंवैधानिक कार्यों की वजह से यह मांग कमजोर हो गई। यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री इस अधिकार का दुरुपयोग कर संवैधानिक संकट न उत्पन्न कर दें। कोर्ट ने भी स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली केंद्र के अंतर्गत है। मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा व शीला दीक्षित की सरकार ने इन्हीं संवैधानिक स्थितियों में काम किया है। राज्य के विकास के लिए टकराव की राजनीतिक करने के बजाय केंद्र के साथ सहयोग व सामंजस्य दिखाना होगा।
वहीं, विजय गोयल ने यह भी कहा कि मोदी सरकार की उपलब्धियां व देश की सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा है। लोग मोदी के नेतृत्व में फिर से मजबूत सरकार बनाना चाहते हैं जिससे कि दिल्ली व देश का विकास हो सके। लोगों को यह विश्वास है कि मोदी सरकार ही देश को सुरक्षित रख सकती है।
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा के लिए कोई चुनौती नहीं है। AAP व कांग्रेस ने हार स्वीकार कर ली है। दोनों पार्टियां यह मान रही हैं कि बिना गठबंधन के वे भाजपा के सामने खड़ी नहीं हो सकती हैं। यही कारण है कि दोनों एक-दूसरे के सामने गठबंधन के लिए गिड़गिड़ा रही हैं। यह स्थिति नरेंद्र मोदी के काम करने और अरविंद केजरीवाल के काम नहीं करने की वजह से उत्पन्न हुई है। लोग मोदी की उपलब्धियों को देखकर उन्हें एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनाने को तैयार हैं।
AAP-कांग्रेस में संभावित गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि अवसरवादिता और सत्ता लोलुप्ता की वजह से दो भ्रष्ट पार्टियों के गठबंधन का भाजपा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आप का जन्म वर्ष 2012 में कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से हुआ था। केजरीवाल तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ दस्तावेज दिखाकर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्हें जेल भेजने की बात कहते थे। अब वह उन्हीं से गठबंधन करना चाहते हैं। क्या वह अपने आरोपों के लिए दीक्षित व जनता को गुमराह करने के लिए दिल्लीवासियों से माफी मांगेंगे? दूसरी ओर कांग्रेस भी केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाती रही है। लोग जानते हैं कि दो भ्रष्ट पार्टियों का गठबंधन कैसा होगा।
वहीं, विजय गोयल ने आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार के पास गिनाने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। यदि कोई उपलब्धि होती तो उन्हें हर चुनाव में हार का सामना नहीं करना पड़ता। वह दिल्ली व देश में लगातार चुनाव हारते रहे हैं। दिल्ली की जनता ने उन्हें नगर निगम चुनाव में पूरी तरह से नकार दिया है।