सत्ता के लिए कांग्रेस के 'श्रवण कुमार' बुजुर्गों की शरण में, वोट के लिए कर रहे ये सब काम
कांग्रेस के कार्यकर्ता खुद को श्रवण कुमार मानते हुए बुजुर्गों के दरवाजे जा रहे हैं। बूथ स्तर पर चल रही इस रणनीति को ‘श्रवण कुमार आपके द्वार’ नाम दिया गया है।
नई दिल्ली [नवीन गौतम]। केन्द्र और दिल्ली की सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस सत्ता हासिल करने के लिए अब बुजर्गों की शरण में है। कांग्रेस के कार्यकर्ता खुद को श्रवण कुमार मानते हुए बुजुर्गों के दरवाजे जा रहे हैं। बूथ स्तर पर चल रही इस रणनीति को ‘श्रवण कुमार आपके द्वार’ नाम दिया गया है।
कांग्रेस के ये श्रवण कुमार बुजुर्गों का सम्मान करने के साथ उनके जन्म दिन मना रहे हैं। उनको सुरक्षा संबंधी उपायों से अवगत करा इसके एवज में लोकसभा चुनाव के लिए उनसे आर्शीवाद भी मांग रहे हैं। सत्ता के लिए छटपटा रही कांग्रेस के नेता आस लगा रहे हैं कि शायद बुजुर्गों की सेवा और उनका आर्शीवाद कांग्रेस को फिर से सत्ता में लौटा दे। जिंदगी के खट्टे मीठे अनुभव चखने वाले यह बुजुर्ग भी लोकसभा चुनाव के लिए इसे कांग्रेस की कवायद के रूप में देख रहे हैं। इसलिए इनमें से बहुत से सभी दलों के कार्यक्रमों में जा रहे हैं।
श्रवण कुमार आपके द्वारा योजना की शुरूआत यूं तो रोहिणी जिला कांग्रेस कमेटी ने की थी। जिसके पश्चात प्रदेश नेतृत्व ने इस कार्यक्रम को वार्ड स्तर पर करने के निर्देश कांग्रेस के नेताओं को दिए थे लेकिन ज्यादातर औपचारिकता निभाते रहे। मगर अब लोकसभा के चुनाव के मद्देनजर इस योजना को लागू करने में फिर से वह नेता ज्यादा सक्रिय दिख रहे हैं जो खुद की टिकट पक्की मान रहे हैं।
इस योजना के तहत कहीं ब्लॉक कांग्रेस कमेटी तो कहीं टिकट के दावेदार अपने निजी स्तर पर एक स्थान का चयन कर बुजुर्गों का जन्म दिन मनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करते हैं। उनके हाथों केक भी कटवाया जाता है तो उन सभी को शॉल, छड़ी आदि तोहफे दिए जाते हैं। साथ ही इन कार्यक्रमों के दौरान उन बुजुर्गों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है जिन्होंने समाज के लिए बहुत कुछ किया, आज भी पूरी तरह सक्रियता के साथ युवाओं का मार्गदर्शन कर रहे हैं।
बुजुर्गों की सुरक्षा इस कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा होती हैं जिसमें कांग्रेस के स्थानीय नेता बताते हैं कि किस तरह से वह घरों में रहते हुए या घर से बाहर आते जाते हुए सावधानी बरतें। आदर्श नगर, किराड़ी, रोहिणी समेत कई जिलों में कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर भी इन बुजुर्गों के बीच एक पर्ची पर लिखकर दिए जा रहे हैं ताकि किसी प्रकार की दिक्कत महसूस होने पर बुजुर्ग इन नंबर पर फोन कर सकें। जिससे कांग्रेस के कार्यकर्ता इनकी मदद के लिए तुरंत पहुंच जाएं।
कुछ इलाकों में कांग्रेस के इन श्रवण कुमार ने अपने कार्यालय खोल बुजुर्गों को चाय पर भी आमंत्रित करना शुरू कर दिया है। रोहिणी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इन्द्रजीत का कहना कि हम काफी लंबे समय से इस तरह के आयोजन कर रहे हैं जिसमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग आते हैं। इन कार्यक्रमों का मकसद युवाओं को बुजुर्गों के करीब लाना है।
बुजुर्गों के अनुभव से आज की युवा पीढ़ी बहुत कुछ सीखकर समाज के लिए बहुत कुछ कर सकती है। उनका मान सम्मान कर हम खुद का सम्मान कर रहे हैं, उनके अनुभव से सीख रहे हैं। उनका आर्शीवाद मिलेगा तो निश्चित ही कांग्रेस सत्ता में भी वापसी करेगी।