Lok Sabha Election 2019: भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस हरियाणा में AAP संग लड़े चुनाव
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़े।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि केंद्र में सत्तसीन भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस को हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा को हराने के लिए हम हरियाणा में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। बावजूद इसके अरविंद केजरीवाल ने साफ किया कि दिल्ली में AAP अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है- 'देश के लोग अमित शाह और मोदी की जोड़ी को हराना चाहते हैं। अगर हरियाणा में JJP, AAP और कांग्रेस साथ लड़ते हैं तो हरियाणा की दसों सीटों पर भाजपा हारेगी। राहुल गांधी इस पर विचार करें।'
बता दें कि अभी हाल में ही अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला ने इनेलो से अलग होकर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बनाई है। हरियाणा में आप का इस पार्टी से गठबंधन है। अभी हाल में ही जींद में हुए विधानसभा के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी ने जननायक जनता पार्टी(जेजेपी) का समर्थन किया था। इस चुनाव में जेजेपी दूसरे नंबर पर थी। रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। चेतावनी देने के अंदाज में केजरीवाल ने भाजपा से कहा कि 'दिल्ली के लोगों को मजबूर मत करो, तुम्हारे घर मे घुसकर अपना हक ले लेगी दिल्ली। इससे पहले दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित आप कार्यालय में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आयोजित कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के मेनिफेस्टो को जलाया। इस मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, गोपाल राय समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे।
बता दें कि सोमवार को आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से भी मुलाकात की थी । सूत्रों के मुताबिक, भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस पर महागठबंधन के सहयोगी राजनीतिक दलों द्वारा दिल्ली में आप के साथ गठबंधन करने के लिए लगातार दबाव डाला जा रहा है। बेशक, कांग्रेस इसके लिए कतई तैयार नहीं है। पिछले हफ्ते राहुल गांधी के साथ हुई बैठक में प्रदेश इकाई ने एक मत से गठबंधन के लिए इंकार भी कर दिया था और राहुल ने भी इस पर अपनी सहमति जता दी थी। लेकिन शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित की सोनिया गांधी के साथ हुई करीब पौने घंटे की मुलाकात ने एक बार फिर से गठबंधन के कयासों को हवा दे दी है। कहा जा रहा है कि इस मुद्दे पर दोबारा चर्चा शुरू हो गई है।