General Election 2019: अब अकाली दल ने भी दी एनडीए से अलग होने की धमकी
अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट कर कहा है कि गुरुद्वारों में केंद्र का हस्तक्षेप भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अकाली दल के बीच टकराव ला सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 (General Election 2019) में तकरीबन 3 महीने का वक्त बचा है। इस बीच केंद्र में सत्तासीन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (National Democratic Alliance) में शामिल एक और सहयोगी दल ने अलग होने की धमकी दी है।
दरअसल, शिरोमणि अकाली दल (शिअद बादल) ने भाजपा पर गुरुद्वारों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए गठबंधन तोड़ने की धमकी दी है। पार्टी के प्रवक्ता और दिल्ली के राजौरी गार्डन से विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने चेतावनी दी है कि अगर भाजपा ने गुरुद्वारा मामलों में दखलंदाजी बंद नहीं की तो गठबंधन का कोई मायने नहीं रह जाएगा। अकाली दल को कुर्सी की चाहत नहीं है। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की ताकि दोनों दलों के बीच संबंध न बिगड़े।
सिरसा ने इसे लेकर ट्वीट करने के साथ ही वीडियो संदेश भी जारी किया है। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए कुर्सी महत्वपूर्ण नहीं है। सांसद, विधायक व मंत्री बनना भी जरूरी नहीं है। हमारे लिए अपने गुरु घर जरूरी हैं। अगर गुरुद्वारों के अंदर भाजपा की दखलंदाजी बंद नहीं होगी तो हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, क्योंकि एक सिख के लिए उसके पवित्र स्थान गुरुद्वारा सबसे ऊपर है।’
उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले पटना साहिब पर कब्जा करने की कोशिश की थी, शिअद (बादल) अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अमित शाह से बात करके इस मामले का निपटारा किया था। अब नांदेड़ के हजूर साहिब में एक विधायक को प्रधान बनाने के बाद एक्ट में बदलाव करने की तैयारी है ताकि सरकार इस तख्त का प्रधान तय कर सके। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार चुनाव के बजाय पिछले दरवाजे से अपना प्रधान थोपने की साजिश कर रही है।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह का कहना है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने हरसिमरत कौर के ट्वीट का जवाब देते हुए स्पष्ट कर दिया है इस एक्ट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है, इसलिए किसी तरह की अफवाहों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बगैर सुबूत के आरोप लगाना किसी भी संबंध के लिए अच्छा नहीं है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि सभी सिख अकाली नहीं हैं।
अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्वीट कर कहा है कि गुरुद्वारों में केंद्र का हस्तक्षेप भारतीय जनता पार्टी और अकाली दल के बीच टकराव ला सकता है। इतना ही नहीं, अकाली नेता ने इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से इस मामले में दखल देने के लिए भी कहा है।
गौरतलब है कि पिछले एक वर्ष के दौरान कई राजनीतिक दल एनडीए से अलग हो चुके हैं। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मनजिंदर सिरसा का ये बयान बेहद अहम माना जा रहा है।
आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) को तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़) में हार का सामना करना पड़ा है। इसके बाद से एनडीए में शामिल कई सहयोगी दल भाजपा के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं। ऐसे में पार्टी की मुसीबतें बढ़ती दिखाई दे रही हैं।
यहां पर बता दें कि तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के बाद बिहार के बड़े नेताओं में शुमार और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा भी एनडीए को अलविदा कह चुके हैं।
यूपी में भी परेशान कर रहे कई छोटे दल
उत्तर प्रदेश सरकार से अनुप्रिया पटेल और ओपी राजभर भी नाराज बताए जा रहे हैं। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में भाजपा के दो घटक दलों अपना दल (सोनेलाल) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने राष्ट्रीय और प्रांतीय कार्यकारिणी की अलग-अलग बैठक बुलाई थी। माना जा रहा था कि भाजपा से नाराज चल रहीं अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर इन बैठकों के बाद कुछ बड़ी घोषणा कर सकते हैं। साथ ही दोनों नेता आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर भी रणनीति बनाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
वहीं, सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने योगी सरकार को 100 दिन का समय दिया है। उनका कहना है कि हालात तब भी न बदले तो गठबंधन पर कड़ा रुख अख्तियार करेंगे।
बता दें कि अपना दल-सोनेलाल (अनुप्रिया गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल द्वारा योगी आदित्यनाथ सरकार के नेतृत्व के प्रति नाराजगी जाहिर किए जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने हाल ही में प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने भी बातों ही बातों में नाराजगी जताते हुए कहा था कि भाजपा को हालिया चुनावों में मिली हार से सीखना चाहिए। सपा और बसपा का गठबंधन हमारे लिए चुनौती है।
भाजपा कर रही नए साथियों की तलाश
पुराने दलों के साथ छोड़ने के चलते नए साथियों को एनडीए में शामिल करने पर भाजपा तेजी से काम कर रही है। इस कड़ी में कहा जा रहा है कि तमिलनाडु में सत्ताधारी AIADMK के साथ गठबंधन की संभावना बन सकती है। खासकर चेन्नई के दौरे पर पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किए जाने के बाद से ये अटकलें तेज हो गई हैं। इतन ही वहीं, एक्टर रजनीकांत के भी भाजपा के साथ जाने को लेकर अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही हैं।