दिल्ली की जंग जीतने के लिए AAP करेगी प्रचार अभियान में बदलाव, भाजपा ने बनाया मिशन 51 का प्लान
दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटें जीतने के लिए जहां आप प्रचार अभियान में बदलाव करेगी वहीं भाजपा ने मिशन 51 का प्लान तैयार किया है।
नई दिल्ली[संतोष कुमार सिंह]। एयर स्ट्राइक के बाद भाजपा नेताओं का आत्म विश्वास बढ़ा हुआ है। वह अपने पक्ष में सियासी मिजाज मान रहे हैं। विपक्षी दल भी इस स्थिति को समझ रहे हैं, इसलिए विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी (आप) कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। भाजपा इसे लेकर सतर्क है और वह इसी के अनुरूप अपनी चुनावी रणनीति तैयार कर रही है।
भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की भी घोषणा नहीं की है। माना जा रहा है पार्टी नेतृत्व गठबंधन का इंतजार कर रहा है। उसी के अनुसार अपने प्रत्याशी की घोषणा करना चाहती है।
मिशन 51 का लक्ष्य पूरा करने में जुटे कार्यकर्ता
यदि आप व कांग्रेस मिलकर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो भाजपा के लिए लड़ाई जरूर कठिन हो जाएगी, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में आप (33.1 फीसद) व कांग्रेस (15.2 फीसद) को मिले मतों को मिला दिया जाए तो वह भाजपा (46.39 फीसद) को प्राप्त मतों से कुछ ज्यादा होता है।
वहीं, त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा की चुनावी राह आसान हो जाएगी। इन चुनावी आंकड़ों को ध्यान में रखकर ही भाजपा ने 51 फीसद वोट (मिशन 51) हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिससे गठबंधन के बाद भी भाजपा अपने दम पर विजय पताका फहरा सके। इसी के अनुरूप बूथ स्तर पर काम किया जा रहा है। प्रत्याशियों की घोषणा में हो रही देरी से चुनाव प्रचार अभियान प्रभावित न हो इसके लिए लोकसभा प्रभारियों को विशेष जिम्मेदारी दी गई है।
आप प्रचार अभियान में करेगी बदलाव
आम आदमी पार्टी (आप) लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए तैयार की गई रणनीति में बदलाव करेगी। सातों लोकसभा सीटों के लिए समीक्षा का कार्य शनिवार को पूरा हुआ। जिसमें तीन लोकसभा सीटों की समीक्षा शुक्रवार को हुई जबकि चार सीटों पर समीक्षा का कार्य शनिवार को पूरा हुआ। इन बैठकों में चुनाव प्रचार में लगे वॉलेंटियर, पार्टी के संगठन के पदाधिकारी व विधायक भी शामिल हुए।
बैठक में बड़ी जनसभाओं की जगह लोगों से सीधे मिलकर चुनाव प्रचार करने पर जोर दिया गया। आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय का कहना है कि पार्टी के प्रारंभिक सर्वे में सामने आया कि दिल्ली में पानी और बिजली का फायदा उठाने वाला मतदाता आप को ही वोट देगा। पानी-बिजली का फायदा मध्यम वर्ग को नहीं मिला है। शुरू में भाजपा ने इसे लेकर प्रचार भी किया था। जब हम पूर्ण राज्य की बात समझाते हैं तो उसकी समझ में कुछ आती है।
लोकसभा में भाजपा तो विधानसभा में आप ने हासिल की थी बड़ी जीत
वर्ष 2014 में यहां त्रिकोणीय मुकाबला हुआ, इसमें भाजपा 46.39 फीसद मत लेकर सभी सातों सीटें जीतने में सफल रही थी। लेकिन, 2015 में स्थिति पलट गई और विधानसभा चुनाव में आप ने 70 में से 67 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की थी। वैसे, बवाना विधानसभा उपचुनाव को छोड़ दिया जाए तो आप को अन्य चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव के बाद नगर निगम चुनावों में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल की है।
आप ने घोषित कर दिए हैं सातों सीटों पर अपने प्रत्याशी
आप ने सातों सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इसके बावजूद वह कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर गठबंधन को लेकर कांग्रेस के नेता एकमत नहीं है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित सहित दिल्ली के कई बड़े नेता आप से चुनावी गठजोड़ का विरोध कर रहे हैं। वह अपने दम पर भाजपा को चुनौती देने की वकालत कर रहे हैं। दूसरी ओर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको सहित कई राष्ट्रीय नेता और दूसरे दलों के बड़े नेता आप व कांग्रेस के बीच गठबंधन की कोशिश में लगे हुए हैं।