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25 अप्रैल तक AAP का जारी होगा घोषणा पत्र, इन वादों के भरोसे चुनाव जीतने की तैयारी

आप लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र 25 अप्रैल तक जारी कर सकती है। इसमें दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का मुद्दा प्रमुख रूप से शामिल रहेगा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 06 Apr 2019 01:42 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 01:42 PM (IST)
25 अप्रैल तक AAP का जारी होगा घोषणा पत्र, इन वादों के भरोसे चुनाव जीतने की तैयारी
25 अप्रैल तक AAP का जारी होगा घोषणा पत्र, इन वादों के भरोसे चुनाव जीतने की तैयारी

नई दिल्ली, जेएनएन। आम आदमी पार्टी (आप) लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणा पत्र 25 अप्रैल तक जारी कर सकती है। इसमें दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का मुद्दा प्रमुख रूप से शामिल रहेगा। इसे तैयार करने की जिम्मेदारी दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में सात लोगों की टीम को सौंपी गई है। यह टीम सीधे पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रिपोर्ट करेगी, जो घोषणा-पत्र को अंतिम रूप देंगे।

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आप पहले ही एलान कर चुकी है कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की शर्त पर ही पार्टी महागठबंधन का हिस्सा होगी। पार्टी के नेता लगातार अपनी जनसभा में पूर्ण राज्य बनने के फायदे जनता को गिना रही है। जिसमें दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को खुद का घर, दो लाख युवाओं को नौकरी, दिल्ली के कॉलेज में आसानी से दाखिले के लिए 85 फीसद आरक्षण, दिल्ली सरकार के अधीन पुलिस आने पर सुरक्षा की गारंटी, सीलिंग पर रोक समेत अनधिकृत कालोनियों में विकास करने का वादा किया जा रहा है।

पूर्ण राज्य पर आप ने अन्य दलों पर साधा निशाना

लोकसभा चुनाव के दौर में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की चर्चाओं के बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया है। पार्टी का कहना है कि हमारे राजनीतिक विरोधी पूर्ण राज्य के मुद्दे पर अपनी पार्टी के अनुचित और गैर जिम्मेदार रवैये को छिपाने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।

आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने इस मुद्दे पर बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि पूर्ण राज्य को लेकर हमारे विरोधियों द्वारा दिए जा रहे बयानो में कहा जा रहा है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है इसीलिए इसे पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं दिया जा सकता है, यह हास्यास्पद है। लगता है कि न तो इन लोगों ने पूर्ण राज्य से जुड़े कानूनों को पढ़ा है और न ही इससे जुड़े संसदीय रिकॉर्ड को जांचा है।

aap ने दिया ये तर्क

भारद्वाज ने 2003 में तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवानी द्वारा संसद में पेश किए गए स्टेटहुड फॉर द दिल्ली कॉंस्टीट्यूशन अमेंडमेंट बिल का हवाला देते हुए कहा कि इस बिल में स्पष्ट कहा गया था कि एनडीएमसी (नई दिल्ली नगरपालिका परिषद) के अधिकार क्षेत्र में आने वाला इलाका पूरी तरह से केंद्र सरकार के नियंत्रण में रहेगा।

गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने भी अपनी यही राय रखी। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार या राजनीतिक दल ने एनडीएमसी इलाके को अपने अधिकार क्षेत्र में रखने की मांग नहीं की है। आप नेता ने कहा दिल्ली के लोग कई दशकों से मांग कर रहे हैं कि तुरंत संविधान में संशोधन कर एनडीएमसी एरिया को छोड़कर बाकी की दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए।


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