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झारखंडः आजसू के साथ गठबंधन से आहत भाजपा के पांच बार के सांसद रवींद्र पांडेय का छलका दर्द

2004 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर रवींद्र पांडेय भाजपा के टिकट पर 1996 1998 1999 2009 और 2014 में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में जीत दर्ज कर चुके हैं।

By mritunjayEdited By: Published: Sun, 10 Mar 2019 11:24 AM (IST)Updated: Sun, 10 Mar 2019 11:24 AM (IST)
झारखंडः आजसू के साथ गठबंधन से आहत भाजपा के पांच बार के सांसद रवींद्र पांडेय का छलका दर्द
झारखंडः आजसू के साथ गठबंधन से आहत भाजपा के पांच बार के सांसद रवींद्र पांडेय का छलका दर्द

गिरिडीह, जेएनएन। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए झारखंड में आजसू के साथ गठबंधन करने के निर्णय से गिरिडीह के सांसद रवींद्र पांडेय को झटका लगा है। गठबंधन के तहत भाजपा ने गिरिडीह लोकसभा सीट आजसू को साैंपने का निर्णय लिया है। इससे भाजपा के गिरिडीह से वर्तमान सांसद रवींद्र पांडेय के चुनावी करियर पर ब्रेक लग गया है। गिरिडीह सीट आजसू के हवाले करने के बाद अब भाजपा यहां से चुनाव नहीं लड़ेगी। जाहिर है जब भाजपा चुनाव नहीं लड़ेगी तो पांडेय भी उम्मीदवार नहीं होंगे। 

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पांच दफा से गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र का नेतृत्व करते आ रहे हैं पांडेयः 2004 के लोकसभा चुनाव को छोड़कर रवींद्र पांडेय भाजपा के टिकट पर 1996, 1998, 1999, 2009 और 2014 में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में जीत दर्ज कर चुके हैं। पांच बार गिरिडीह लोकसभा सीट जीतकर भाजपा की झोली में डालने वाले सांसद रवींद्र कुमार पांडेय पार्टी नेतृत्व के फैसले से काफी आहत हैं। पार्टी नेतृत्व ने गिरिडीह सीट गठबंधन के तहत आजसू को सौंपकर पांडेय के राजनीतिक करियर पर ब्रेक सा लगा दिया है। हालांकि पांडेय इससे सहमत नहीं हैं। दो टूक कहते हैं कि अभी राजनीति में उनका सूर्यास्त नहीं हुआ है। जो ऐसा सोच रहे हैं, वे गलत हैं।  सांसद ने दैनिक जागरण से दूरभाष पर बातचीत में कहा कि पार्टी मांगती तो एकलव्य की तरह अंगूठा भी काटकर दे देता।
ईमानदारी से पार्टी एवं जनता के लिए हमेशा किया कामः उन्होंने कहा कि ईमानदारी से पार्टी एवं जनता के लिए हमेशा काम किया। इनाम में पार्टी ने यही दिया तो यह भी मंजूर है। उनका दावा है कि इस निर्णय का असर सिर्फ गिरिडीह नहीं बल्कि, झारखंड, बिहार एवं यूपी में भी पड़ेगा। पार्टी को गिरिडीह सीट यदि आजसू को दान ही करनी थी तो कम से कम एक बार कह दिया होता। एकलव्य की तरह अंगूठा भी दान में दे देता। तालमेल के तहत सीट देने से पहले दल के अंदर चर्चा होने के सवाल पर कहा कि भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में वह मुझ जैसे छोटे लोगों से क्यों बात करेगी।

उम्मीद है कि फैसले पर पार्टी पुनर्विचार करेगी : वैसे अभी भी रवींद्र पांडेय को उम्मीद है कि पार्टी अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अभी इसकी घोषणा नहीं की है कि कौन सी सीट आजसू को दी जाएगी। पार्टी टिकट देगी तो लड़ेंगे। टिकट नहीं देगी तो जिसके लिए काम करने को कहेगी, करेंगे। यदि कोई जिम्मेदारी नहीं देगी तो चुपचाप घर में बैठकर आराम करेंगे।

ढुलू नहीं हैं फैक्टर :  सांसद पांडेय ने कहा है कि ढुलू महतो से विवाद के कारण गिरिडीह में किसी तीसरे व्यक्ति को उतारने की बात गलत है। ढुलू महतो तो कोई फैक्टर ही नहीं हैं। सांसद समर्थकों ने कहा कि पार्टी निर्णय पर पुनर्विचार करे। ऐसा बड़ा निर्णय लेने से पहले कार्यकर्ताओं से रायशुमारी होनी चाहिए थी। इस निर्णय को आत्मघाती कदम बताया। 


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