Loksabha Election 2019 : जोश में खो रहे होश : आचार संहिता उल्लंघन के करीब 300 मुकदमे
जैसे-जैसे चुनाव परवान चढ़ रहा है आपसी संबंधों की दरारें भी दरकने लगी हैैं। भावनाओं के उफान में मुकदमों की संख्या भी बढ़ रही है।
लखनऊ (आलोक मिश्र)। लोकसभा चुनाव 2019 में जैसे-जैसे चुनाव परवान चढ़ रहा है, आपसी संबंधों की दरारें भी दरकने लगी हैैं। भावनाओं के उफान में मुकदमों की संख्या भी बढ़ रही है। अब तक चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन में करीब 300 मुकदमे लिखाए जा चुके हैैं।
लोकतंत्र के मेले में भावनाएं उफान पर हैं। जोश कहीं कम नहीं। किसी का कोई दल प्रिय है तो कोई नेता किसी का चहेता। हर कोई अपनी आस्था के रंग का झंडाबरदार है। विकास को लेकर शुरू बहस कब दलगत आरोपों में लिपटकर पड़ोसियों के बीच झड़प में तब्दील हो जाये, इसका भी यकीन नहीं। चुनावी की इस लहर में जोश ही जोश में समर्थक आपसी विद्वेष के भंवर में भी जकड़ रहे हैं। कई बार चुनावी मतभेद की तकरार गहरी रंजिश की शक्ल तक ले लेती है। लोकसभा का चुनाव इस बार भी कुछ ऐसे ही कटु अनुभवों से गुजर रहा है। नेताओं और समर्थकों पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन से लेकर गंभीर धाराओं के मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद जिस तेजी से राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं, उसी रफ्तार से विभिन्न दलों के समर्थकों के बीच आपसी रार बढऩी भी शुरू हो गई है।
कांग्रेस के परंपरागत गढ़ रायबरेली में चौकीदार को लेकर चल रही जुमलेबाजी ने एक ही शहर के बाशिंदों के बीच रंजिश खड़ी कर दी। अलग-अलग विचारधारा के युवाओं के बीच गर्मजोशी में बढ़ा टकराव पुलिस थाने तक जा पहुंचा। घटना 17 मार्च की है। कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी का काफिला निकल रहा था। कांग्रेस समर्थक पूरे जोश में थे। इसी बीच सिविल लाइन चौराहे के पास अलग विचारधारा के युवकों ने चौकीदार जुमले को लेकर नारेबाजी की। बस खटास बढ़ गई और नौबत मारपीट तक जा पहुंची। कांग्रेस समर्थक हिमांशु सिंह के खिलाफ शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस केस में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है।
दरअसल, यह बानगी भर है। कई जिलों में अब तक चुनावी सरगर्मी को लेकर आपसी टकराव की कई घटनाएं हो चुकी हैं। 10 मार्च को चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद प्रदेश में इसके उल्लंघन के 300 से अधिक मुकदमे कायम हो चुके हैं। इनमें करीब 110 मुकदमे संज्ञेय अपराध के हैं। इनमें अधिक संज्ञेय अपराध के मुकदमें बरेली, मेरठ, प्रयागराज व लखनऊ जोन के थानों में दर्ज हुए हैं। आपस में टकराने वाले चुनाव बाद फिर एक साथ होंगे लेकिन, कई कानूनी शिकंजे से खुद को मुक्त कराने के लिए बेवजह की भागदौड़ में जुटे होंगे। दिलचस्प तो यह है कि चुनावी बुखार में समर्थक कई स्तर पर आचार संहिता को तोड़ते हैं।
भाजपा का झंडा लगाना पड़ा भारी
चुनाव के दौरान समर्थकों में अपने पसंदीदा दल के रंग से सराबोर कपड़े-टोपी व गमछा पहनने का क्रेज भी खूब होता है। खासकर वाहन पर अपने दल का झंडा लगाकर रुआब झाडऩे को भी लोग बेकरार रहते हैं। एटा में भाजपा समर्थक अंशुल व जसवीर को वाहन पर भाजपा का झंडा लगाना भारी पड़ा। पुलिस ने झंडा उतरवाने के साथ ही 21 मार्च को दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल कर दिया।
पार्टी अध्यक्ष पर भी मुकदमा
सर्वोदय भारत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश नारायण पांडेय के खिलाफ बिना अनुमति के लाउड हेलर से प्रचार करने के मामले में लखनऊ के अलीगंज थाने में चुनाव आचार संहिता का केस दर्ज किया गया है।
सभी प्रमुख दलों के समर्थक हैं शामिल
निर्वाचन संबंधी मुकदमों में भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस समेत अन्य दलों के समर्थकों के अलावा सरकारी कर्मचारी व अन्य व्यक्ति भी शामिल हैं।
भाजपा समर्थकों पर सबसे अधिक मुकदमे
पुलिस आंकड़ों के अनुसार भाजपा के समर्थकों के खिलाफ अब तक सबसे अधिक 57 मुकदमे लिखे गये हैं, जिनमें 14 मुकदमे संज्ञेय अपराध के हैं। इसके अलावा कांग्रेस समर्थकों के खिलाफ 15, सपा समर्थकों के खिलाफ 31, बसपा समर्थकों पर 10, सपा-बसपा समर्थकों पर संयुक्त रूप से 19, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के समर्थकों पर पांच, अन्य पार्टियों के समर्थकों पर 13, सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ नौ तथा अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 49 मुकदमे दर्ज कराये गए हैं।
सभी के खिलाफ हो रही कार्रवाई
आइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस पूरी मुस्तैदी से चेकिंग कर रही है और चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए कड़े निर्देश दिये गए हैं। कहीं भी शांति व्यवस्था बिगाडऩे का प्रयास करने वालों से पूरी सख्ती से निपटा जायेगा।