Lok Sabha Election 2019: समस्याओं की भीड़ में मोदी फैक्टर की आजमाइश
Lok Sabha Election 2019. बड़कागांव में विस्थापित बढ़ता प्रदूषण रेलवे स्टेशन का विस्तार लंबी दूरी की ट्रेन एयरपोर्ट निर्माण जैसे तमाम मुद्दे पहली पंक्ति में खड़े हैं।
हजारीबाग, [विकास कुमार]। Lok Sabha Election 2019 - भाजपा का गढ़ रहे हजारीबाग में इस बार के चुनाव में कई मुद्दे हैं। बड़कागांव में विस्थापितों का मुद्दा, क्षेत्र में लगातार बढ़ता प्रदूषण, हजारीबाग रेलवे स्टेशन का विस्तार, हजारीबाग से लंबी दूरी की ट्रेन, हजारीबाग एयरपोर्ट निर्माण जैसे तमाम मुद्दे पहली पंक्ति में खड़े हैं। समस्याओं की इस भीड़ में मोदी फैक्टर की आजमाइश भी है।
जयंत सिन्हा संसदीय क्षेत्र में अपने विकास कार्यों के साथ-साथ मोदी फैक्टर के रथ पर सवार हैं। मोदी लहर में ही पिछली बार करीब 1.5 लाख मतों से जयंत सिन्हा ने कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को पराजित किया था। भाजपा के लिए हजारीबाग कितना अहम है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के दौरान हजारीबाग का चार बार दौरा कर चुके हैं।
चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 17 फरवरी को उन्होंने हजारीबाग में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया था। वहीं, नए चेहरे के रूप में कांग्रेस से उतरे गोपाल साहू और दो बार हजारीबाग के सांसद रह चुके भुवनेश्वर प्रसाद मेहता की रणनीति जयंत सिन्हा को मोदी फैक्टर से बाहर निकाल शिकस्त देने की होगी।
पांच सालों में हजारीबाग में 25 हजार करोड़ का निवेश : जयंत
केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत सिन्हा कहते हैं कि पिछले पांच वर्षों में हजारीबाग में 25 हजार करोड़ का निवेश हुआ है जिनसे यहां अनेकों विशाल परियोजनाएं आई हैं। हजारीबाग देश के चुनिंदा संसदीय क्षेत्रों में से है जहां ऐसा विकास हुआ है। यहां मेडिकल कॉलेज व अस्पताल, पतरातू सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, रेलवे लाइन, गौरिया करमा कृषि अनुसंधान संस्थान, हजारीबाग हवाई अड्डा, अक्षयपात्र महारसोईघर, पतरातू पर्यटन स्थल, राष्ट्रीय राजमार्ग, जिला खनिज मद, खेल कौशल-साईं स्पोर्ट्स सेंटर, रामगढ़ महिला इंजीनियरिंग कॉलेज एवं शहरी व ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना की शुरुआत की गई। हजारीबाग को नॉलेज हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। हजारीबाग में सभी केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन हुआ है, जिसकी वजह से हजारीबाग को महत्वाकांक्षी जिलों की रैंकिंग में देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है।
सरकार ने नहीं पूरा किया रोजगार देने का वादा : भुवनेश्वर मेहता
मैं साल में 12 महीना 24 घंटा जनता के लिए उपलब्ध रहता हूं। विस्थापन के मुद्दे पर वाम व अन्य दलों को संगठित कर संघर्ष करता रहा हूं। बडकागांव में चार और गोला मे दो लोगों की हत्या के विरोध में भी संघर्ष किया। साथ ही 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने को लेकर भी संघर्ष करता रहा हूं। केंद्र सरकार ने हर साल 2 करोड़ लोगां को रोजगार देने का वादा किया था, जिसे पूरा नही किया। पिछले साल 6 करोड़ युवा बेरोजगार हुए। हर साल 12 हजार किसान आत्महत्या करने को विवश हुए। किसान सब्जी 2 रुपये किलो बेचने को विवश हैं। हजारीबाग मेडिकल कालेज का उदघाटन हो गया मगर अब तक निर्माण पूरा नही हुआ और निबंधन भी नहीं हुआ। यहां भ्रष्टाचार का बोलबाला है।
प्रोफाइल
जयंत सिन्हा : भाजपा
शिक्षा : हावर्ड बिजनेस स्कूल आफ बॉस्टन से एमबीए
आपराधिक मामला : एक भी नही
करियर : 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव उतरे और सांसद बने। 2015 में उन्हें केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। वर्तमान में वे केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री हैं।
मजबूती : क्षेत्र में भाजपा का मजबूत संगठन। स्वच्छ, ईमानदार और बेदाग छवि। हजारीबाग में मोदी फैक्टर।
कमजोरी : पिता यशवंत सिन्हा का हाल के दिनों में लगातार भाजपा की नीतियों का विरोध।
भुवनेश्वर प्रसाद मेहता : भाकपा
शिक्षा : इंटर
आपराधिक मामला : एक
करियर : हजारीबाग से दो बार सांसद रहे। बरका से दो बार विधायक रहे। लंबे समय से भाकपा के राज्य सचिव हैं। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं।
मजबूती : पुराना चेहरा। दो बार भाजपा को हराकर ही हजारीबाग से सांसद बने। जातीय समीकरण।
कमजोरी : बढ़ती उम्र। पिछले चुनावों में लगातार मिली हार। पार्टी की पकड़ का क्षेत्र में कमजोर पडऩा।
जमीन ले ली गई, जो वादा किया नहीं हुआ पूरा : गोपाल साहू
सबसे बड़ा मुद्दा विस्थापितों का है। लोगों से खेती की जमीन ले ली गई और जो वादा किया गया वह पूरा नहीं हुआ। जमीन, मकान, नौकरी और मुआवजा तक के लिए स्थानीय लोगों को परेशान किया जा रहा है। यह छल नहीं बल्कि पूरी तरह से डकैती है। हमारी प्राथमिकता होगी कि कोयला के लिए विस्थापित लोगों को सबसे पहले न्याय दिलाया जाए। इसके बाद जिन इलाकों में बदहाल सड़कें हैं वहां सड़कों का निर्माण, शिक्षा के क्षेत्र में हजारीबाग की सुविधाएं बढ़ाना, स्वास्थ्य के क्षेत्र में समस्याओं का निराकरण और क्षेत्र भ्रमण के क्रम में जो भी समस्या सामने आएगी उसका निदान करूंगा।
भाजपा और कुछ विपक्षी मुझे बाहरी बताकर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश में हैं लेकिन मैं इस क्षेत्र के लिए कभी बाहरी नहीं रहा हूं। यहां मेरे पास आधा दर्जन से अधिक जमीन है और वर्षों से नियमित आना-जाना करता हूं। भाजपा के यही नेता यह नहीं बताते कि नरेंद्र मोदी कहां के हैं और कहां से चुनाव लड़ रहे हैं। इस झूठ का मुकाबला करने को मैं तैयार हूं।
प्रोफाइल
गोपाल प्रसाद साहू : कांग्रेस
शिक्षा : बीए
मामला : कोई नहीं
राजनीतिक करियर : कांग्रेस के वर्तमान में प्रदेश कोषाध्यक्ष। रांची से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं।
मजबूती : बेदाग छवि व कांग्रेस का सिंबल ही इनकी मजबूती है।
कमजोरी : हजारीबाग के लिए नया चेहरा। यहां 1984 से कांग्रेस कभी नहीं जीती है चुनाव।
हजारीबाग के नौ मुद्दे
राष्ट्रीय
1- लंबी दूरी की ट्रेन : 2015 में हजारीबाग स्टेशन व रेललाइन की शुरुआत हुई। लेकिन हजारीबाग रेलवे स्टेशन का विस्तार व यहां से लंबी दूरी की ट्रेन नही मिली है। एक पैसेंजर कोडरमा के लिए और हाल में एक साप्ताहिक एसी ट्रेन ही मिली है।
2. एयरपोर्ट निर्माण : चार दशक से यह मामला लटका था। अभी चुनाव की घोषणा के पूर्व स्टेट ऑफ आर्ट एयरपोर्ट हजारीबाग की नींव रखी गई है। हालांकि, निर्माण कार्य फिलहाल प्रारंभ नहीं हुआ है।
3. मेडिकल कॉलेज की मान्यता : प्रधानमंत्री ने इसी वर्ष हजारीबाग में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया था। लेकिन, अभी तक एमसीआइ से मेडिकल कॉलेज को मान्यता प्राप्त नहीं हुई है। अस्पताल का निर्माण भी शेष है।
राज्यस्तरीय मुद्दा
1. पर्यटन क्षेत्र का विकास : हजारीबाग संसदीय क्षेत्र में हजारीबाग वन आश्रयणी, कनहरी हिल समेत कई पर्यटन स्थल हैं लेकिन अब तक उनका अपेक्षित विकास नही हुआ है।
2. कोनार सिंचाई परियोजना : 1000 हजार करोड़ से भी अधिक की कोनार सिंचाई परियोजना भी करीब चार दशक से लंबित है। 2018 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन यह नहीं हो सका।
3. बड़कागांव में लगातार बढ़ता प्रदूषण : हजारीबाग के बड़कागांव व केरेडारी की बड़ी आबादी लगातार प्रदूषण का दंश झेलने को मजबूर है। कोल खनन प्रारंभ होने के बाद से यहां लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है।
स्थानीय मुद्दे
1- हजारीबाग-बड़कागांव मार्ग : हजारीबाग-बड़कागांव मार्ग की स्थिति बेहद जर्जर है। कोयला लदे भारी वाहन यहां चलते हैं। 23 किलोमीटर का सफर तय करने में एक घंटे से भी अधिक समय लगता है।
2. स्थायी डंप यार्ड व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट : स्वच्छता में हजारीबाग व रामगढ़ दोनों ही जिलों ने राष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराया है। लेकिन दोनों ही शहरों में स्थायी डंप यार्ड व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट नहीं है।
3 : नियमित बिजली आपूर्ति : हजारीबाग के बड़कागांव से कोयला बाहर भेजा जा रहा है। लेकिन हजारीबाग संसदीय क्षेत्र के कई प्रखंड बिजली संकट से जूझने को मजबूर हैं।