मतदाता के सामने अग्निपरीक्षा दे रही EVM, जानिये कैसे परखा जा रहा
हर केंद्र पर मॉक पोल करा साबित कर रहे विश्वसनीयता। लोकसभा चुनाव से पहले आयोग ने छेड़ रखी है मुहिम।
आगरा, जेएनएन। सियासत की जंग में मोदी लहर का जादू चला तो पराजित दलों ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े करना शुरू कर दिया। ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को भी संदेह के दायरे में लाने को दुष्प्रचार हुआ। बैलेट से चुनाव कराने तक की मांग कर डाली थी। अब आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के सामने ईवीएम अग्निपरीक्षा दे रही है। मतदाता खुद वोट डालकर उसकी विश्वसनीयता परख रहे हैं।
चुनाव आयोग पूरी तरह से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटा है। इस बार भी चुनाव के बाद ईवीएम पर सवाल उठने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में कहीं मतदाता को मतदान प्रणाली पर अविश्वास पैदा न हो जाए, इसके लिए आयोग ने हर बूथ पर मॉक पोल की रणनीति अपनाई है। इसके तहत मैनपुरी जिले के हर मतदान केंद्र पर एक दिन तय कर वहां के मतदाताओं को बुलाया जा रहा है।
प्रशासन की ओर से तैनात ट्रेनर वहां पर ईवीएम और वीवीपैट (वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) के जरिए मतदाताओं से डेमो वोटिंग करा रहे हैं। मतदाता को वोट देने के बाद वीवीपैट से निकलने वाली पर्ची दिखाकर बताया जा रहा है कि उनका वोट सही पड़ रहा है। जिले में अब तक करीब दो दर्जन मतदान केंद्रों पर मॉक पोल कराया जा चुका है।
10 मार्च तक कवर होंगे सारे मतदान केंद्र
मतदान केंद्रों पर मॉक पोल कराने के लिए 57 ईवीएम और इतनी ही वीवीपैट आवंटित की गई हैं। इनको मतदान केंद्र की स्थिति के हिसाब से इस्तेमाल किया रहा है। यह काम 10 मार्च तक पूरा किया जाना है।
मतदान के बाद नहीं मिलेगी पर्ची
चुनाव में मतदान के दौरान मतदाता को वीपीपैट से निकलने वाली पर्ची नहीं दी जाएगी। निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक वीवीपैट से निकलने वाले पर्चियों को मतदान के बाद एक लिफाफे में सील कर सुरक्षित रखा जाएगा।
मैनपुरी में इतनी लगेंगी मशीन
2943 - बैलेट यूनिट
2177 - कंट्रोल यूनिट
2177 - वीवीपैट
किया जा मतदाताओं को जागरुक
मतदान केंद्रों पर मतदाताओं से मॉक पोल कराया जा रहा है। इससे ईवीएम की विश्वसनीयता तो पता चल ही रही है, मतदाताओं को जागरूक भी किया जा रहा है।
- बी. राम, उप जिला निर्वाचन अधिकारी