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LokSabha Elections 2019 : जमीनी माहौल पर बसपा सुप्रीमों की विशेष नजर

LokSabha Elections 2019 बसपा के सेक्टर प्रभारी मंडल प्रभारी व जिला टीम हर गतिविधि पर नजर रख रही है। इनके अलावा भी एक टीम है जो माहौल की रिपोर्ट बसपा सुप्रीमो तक पहुंचा रही है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 11:39 AM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 02:18 PM (IST)
LokSabha Elections 2019 : जमीनी माहौल पर बसपा सुप्रीमों की विशेष नजर
LokSabha Elections 2019 : जमीनी माहौल पर बसपा सुप्रीमों की विशेष नजर

गोरखपुर, उमेश पाठक। गठबंधन के बाद खाते में आई गोरखपुर-बस्ती मंडल की सभी सीटों पर बसपा ने प्रभारी घोषित कर दिए हैं। पर, ऐसा पहली बार है, जब किसी भी प्रभारी को सार्वजनिक रूप से प्रत्याशी कहने से पदाधिकारी बच रहे हैं। पदाधिकारियों की इस सतर्कता के पीछे बसपा सुप्रीमो का स्पष्ट संदेश है। यह संदेश भी यूं ही नहीं। दरअसल, बसपा सुप्रीमो हर सीट के जमीनी माहौल पर विशेष नजर रख रही हैं। उनकी विश्वसनीय टीम प्रभारियों के बारे में फीड बैक उन तक पहुंचा रही है। इस फीड बैक के आधार पर ही प्रभारियों का प्रत्याशी बनने तक का सफर निर्भर करेगा।

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बसपा के सेक्टर प्रभारी, मंडल प्रभारी व जिला टीम हर गतिविधि पर नजर रख रही है। लेकिन, इनके अलावा भी एक टीम है जो पूरे माहौल की रिपोर्ट बसपा सुप्रीमो तक पहुंचा रही है। इसमें पार्टी संस्थापक स्व. कांशीराम के साथ काम कर चुके कैडर के लोग, बामसेफ के लोग तो शामिल हैं ही, पार्टी की विचारधारा से नाता रखने वाले गैर राजनीतिक लोग भी शामिल हैं।

किन बातों पर रख रहे नजर

यह टीम लोकसभा क्षेत्रों में प्रभारी घोषित होने के बाद लोगों, खासकर पार्टी के आधार मतदाताओं की प्रतिक्रिया पर नजर रख रही है। टीम का ही फीड बैक था, जिसके कारण बांसगांव से पूर्व में प्रभारी बनाए गए दूधराम को 'बैक' होना पड़ा। बसपा के एक पूर्व पदाधिकारी की मानें तो सुप्रीमो इस बार कोई कोर-कसर नहीं छोडऩा चाहतीं। हर मुद्दे पर स्वयं नजर रख रही हैं। आने वाले समय में कुछ और बदलाव भी देखने को मिले तो बड़ी बात नहीं।

सहयोगी दल का फीडबैक भी अहम

सपा, बसपा व रालोद के गठबंधन में हर पार्टी के कार्यकर्ताओं के फीडबैक का पूरा सम्मान है। सीट जिसके हिस्से में आई है उस पार्टी की ओर से तय किया जा रहा प्रत्याशी जमीन पर टक्कर दे पाएगा या नहीं, इसको लेकर सहयोगी दल भी फीडबैक भेज रहे हैं। ये फीडबैक उनके राष्ट्रीय नेता के जरिए प्रत्याशी लड़ाने वाली पार्टी के नेता तक पहुंच रहे हैं।


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