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Loksabha Election 2019 : भाजपा ने बनाई रणनीति : बूथ प्रबंधन, राष्ट्रवाद और मोदी का जादू

अबकी बार विपक्ष भाजपा की राह रोकने और भाजपा अपने पुराने रिकॉर्ड को तोडऩे के लिए पूरी ताकत से जुट गई है। तैयारी चौतरफा है लेकिन भाजपा ने कुछ ज्यादा तेजी दिखाई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 09:41 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 12:21 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : भाजपा ने बनाई रणनीति : बूथ प्रबंधन, राष्ट्रवाद और मोदी का जादू
Loksabha Election 2019 : भाजपा ने बनाई रणनीति : बूथ प्रबंधन, राष्ट्रवाद और मोदी का जादू

लखनऊ [आनन्द राय]। भाजपा ने सहयोगी दलों के साथ मिलकर 2014 में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 73 पर जीत हासिल की। तब समाजवादी परिवार में सिर्फ पांच और कांग्रेस के हिस्से में दो सीटें गईं लेकिन, उप चुनाव आते-आते थोड़ा हेरफेर हुआ। फिर भाजपा के हाथ से गोरखपुर, फूलपुर और कैराना का किला खिसक गया। अबकी बार विपक्ष भाजपा की राह रोकने और भाजपा अपने पुराने रिकॉर्ड को तोडऩे के लिए पूरी ताकत से जुट गई है। तैयारी चौतरफा है लेकिन, भाजपा ने कुछ ज्यादा तेजी दिखाई है।

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पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक  और विंग कमांडर अभिनंदन की वापसी के बाद राष्ट्रवाद के नारे से भाजपा ने माहौल अपने अनुकूल बनाया है। बूथ प्रबंधन के लिए भाजपा ने पुख्ता तैयारी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादू और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति के सहारे 74 से अधिक सीटें जीतने के लिए मैदान में अपनी सेना सजा दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा ने भी मोर्चा संभाल लिया है। यहां तक कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों को भी दो-दो लोकसभा क्षेत्र सौंपकर उनके लिए लक्ष्य सौंप दिया गया है।

19 समूहों में बांटा लोकसभा क्षेत्र

भाजपा ने संगठनात्मक रूप से छह क्षेत्र बनाये हैं लेकिन, चरणवार चुनाव का स्वरूप बदलने से भाजपा ने प्रदेश के 80 लोकसभा क्षेत्रों को 19 समूहों में बांटा है। चुनावी अभियान की समीक्षा समूहवार होनी है और उसी अनुरूप पार्टी अपनी ताकत, कमजोरी, चुनौती और खतरों का आकलन कर प्रभावी कार्रवाई करेगी।

हर बूथ पर बनाई 21 सदस्यीय समिति 

प्रदेश में एक लाख 63 हजार बूथ हैं। भाजपा ने हर बूथ पर 21 सदस्यीय समिति बनाई है। बूथ समितियों को मतदाताओं को प्रेरित करने और भाजपा के पक्ष में मतदान कराने की जिम्मेदारी है। इन बूथों पर बनी समितियों में संबंधित क्षेत्र में जातीय समीकरण का भी खूब ध्यान रखा गया है। फिर मंडल, विधानसभा और लोकसभावार प्रभारी और संयोजक बनाकर उन्हें भी जिम्मेदारी दी गई है। पहले से ही क्षेत्रों में तैनात किये गये विस्तारक भी एक-एक वोटर पर नजर टिकाए हैं।

 

चार लाख साइबर योद्धा करेंगे कमाल 

भाजपा ने हर लोकसभा क्षेत्र में औसत पांच हजार साइबर योद्धा तैनात किये हैं। तकनीकी रूप से समृद्ध प्रदेश भर में करीब चार लाख साइबर योद्धाओं को सोशल मीडिया पर पार्टी का माहौल बनाने और खासतौर से उम्मीदवार का प्रचार-प्रसार करने का दायित्व सौंपा गया है।

मुख्यालय में वार रूम और बूथ तक कनेक्शन 

भाजपा मुख्यालय में वार रूम बना है, जिसमें कुनाल भाटिया, नलिन भटनागर, स्वाति सिंह और ऋचा शर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस वार रूम से हर बूथ का कनेक्शन रहेगा। भाजपा के मंडल स्तर के संगठन के वाट्सएप ग्रुप का कनेक्शन इस वार रूप से रहेगा। सोशल मीडिया के जरिये प्रदेश प्रवक्ता संजय राय और आइटी सेल के जरिये कामेश्वर मिश्रा इसका समन्वय बनाएंगे। भाजपा ने प्रचार अभियान पर खूब जोर दिया है। प्रचार अभियान का दायित्व भाजपा के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल और मंत्री अनूप गुप्ता को दिया गया है। 

 विपक्ष की कार्यशैली पर नजर 

भाजपा अपनी चुनावी तैयारी के साथ ही विपक्ष की कार्यशैली पर भी नजर रखेगी। विपक्ष के कार्यक्रमों, सभाओं और रैलियों के समानांतर बड़े जवाबी कार्यक्रम भी किये जाएंगे।

 त्रिस्तरीय मॉनीटरिंग 

भाजपा इस चुनाव मे विधानसभा, लोकसभा से लेकर प्रदेश स्तर तक मानीटरिंग करेगी। विशेष रूप से विधानसभा स्तर पर जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर भी नजर रखेगी। सांसदों और विधायकों के बीच टकराव की जहां-जहां शिकायत मिलेगी, वहां सख्ती के साथ बेहतर प्रबंधन किया जाएगा।

चुनाव प्रबंधन पर रखेंगे नजर 

चुनाव प्रबंधन के लिए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर की अगुवाई में एक टीम गठित की गई है। इस टीम को दिन भर के घटनाक्रम, अधिकारियों की भूमिका, पार्टी के लिए आने वाली चुनौती और आचार संहिता के अनुपालन की जिम्मेदारी दी गई है।

आकस्मिक चुनौतियों के लिए दी जिम्मेदारी 

भाजपा प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक और उपाध्यक्ष जसवंत सैनी समेत कई पदाधिकारियों की एक विशेष चुनाव अभियान समिति बनी है। यह समिति चुनाव अभियान की बेहतरी के साथ ही आकस्मिक चुनौतियों की जवाबी कार्रवाई के लिए भी तैयार रहेगी।

शाह और माथुर के बाद नड्डा पर दांव

2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश का प्रभार अमित शाह ने संभाला था और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे। दोनों चुनाव में भाजपा के अनुकूल हवा बही और सीटें भी खूब मिलीं। इस बार पार्टी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को कमान सौंपी है। नड्डा उप्र के चुनाव प्रभारी हैं। खास बात यह है कि भाजपा ने उत्तर प्रदेश को चार सह प्रभारी दिए हैं। इनमें गुजरात सरकार के पूर्व गृह राज्य मंत्री गोरधन भाई झड़फिया, मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दुष्यंत गौतम और गुजरात के पूर्व विधायक सुनील ओझा को जिम्मेदारी दी गई है।

भाजपा के अनुषांगिक संगठन भी चुनाव अभियान पर नजर रखे हैं। पांच प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक, गोविंद नारायण शुक्ल, अशोक कटारिया, पंकज सिंह और सलिल विश्नोई तथा प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर को एक-एक क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिये मतदाताओं का दिल जीतने की भी तैयारी है।

हर बूथ पर तैनात होंगी महिला कार्यकर्ता

भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए हर बूथ पर पांच-पांच महिला कार्यकर्ता तैनात करने की तैयारी की है। इसकी सूची भी बन चुकी है। यह महिला कार्यकर्ता वोटर को मतदान के लिए प्रेरित करेंगी और उन्हें बूथ स्थल तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।


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