Loksabha Election 2019 : सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) भी शामिल
सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में मंगलवार को एक और अध्याय जुड़ गया। मंगलवार को निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समझौते का एलान कर दिया।
लखनऊ, जेएनएन। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन में मंगलवार को एक और अध्याय जुड़ गया। मंगलवार को गठबंधन में निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) भी शामिल हो गई है, जबकि राष्ट्रीय समानता दल ने समर्थन का एलान किया है।
सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी देने के साथ बताया कि गरीबों को घर, बिजली और समाजवादी पेंशन का पैकेज देने पर सपा अध्ययन कर रही है। इसे जल्द सामने लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पैकेज एक लाख रुपये से भी ज्यादा हो सकता है। अखिलेश ने दावा किया कि इस पैकेज से गरीबों में खुशहाली आएगी।
निषाद पार्टी और जनवादी पार्टी से गठबंधन के फार्मूले पर उन्होंने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। हालांकि संकेत मिले हैं कि सपा एक सीट अपने सिंबल तथा दूसरी सीट निषाद के बैनर तले लड़ने के लिए छोड़ेगी। उप चुनाव में इसी दल के साथ गठबंधन कर अखिलेश यादव ने गोरखपुर की प्रतिष्ठापरक सीट भाजपा के हाथ से छीन ली थी।
सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव ने गोरखपुर और महराजगंज से निषाद को चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दे दी है। गोरखपुर से सांसद प्रवीण निषाद सपा से उम्मीदवार होंगे, जबकि निषाद के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद अपनी पार्टी के उम्मीदवार घोषित होंगे। सोमवार को निषाद के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के साथ अखिलेश यादव ने मंथन किया है। संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद को उप चुनाव में सपा से ही गोरखपुर से उम्मीदवार बनाया गया था। प्रवीण निषाद ने भाजपा के उपेंद्र शुक्ल को चुनाव हरा दिया।
पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर पश्चिम तक निषाद, बिंद, कश्यप जातियों की बहुलता को देखते हुए सपा ने इस दल से तालमेल किया है। यद्यपि सपा सरकार में ही संतकबीरनगर जिले में आंदोलन से संजय निषाद का उभार हुआ। पर, बदले समीकरण में अखिलेश से संजय के रिश्ते मजबूत हो गये हैं। हाल में गोरखपुर में भाजपा सरकार के खिलाफ प्रवीण निषाद ने प्रदर्शन भी किया था।
वहीं जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के अध्यक्ष डॉ संजय चौहान हैं। इस पार्टी ने वर्ष 2012 में भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस बार यह पार्टी सपा के गठबंधन में शामिल हो रही है। जनवादी पार्टी का भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रभाव है।