Move to Jagran APP

Loksabha Election 2019 : स्टिंग ऑपरेशन में फंसे गोरखपुर से समाजवादी पार्टी सांसद प्रवीण निषाद

सांसद प्रवीण निषाद ने बताया कि वह गोरखपुर से जबकि उनके पिता डा. संजय निषाद महराजगंज से चुनाव लड़ेंगे। उनकी जीत शत-प्रतिशत तय है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 04 Apr 2019 09:09 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 12:58 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : स्टिंग ऑपरेशन में फंसे गोरखपुर से समाजवादी पार्टी सांसद प्रवीण निषाद

गोरखपुर, जेएनएन। लोकसभा उप चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ से चुनाव जीतने वाले समाजवादी पार्टी के प्रवीण निषाद स्टिंग ऑपरेशन में फंस गए हैं। चुनाव प्रचार में कालाधन के इस्तेमाल को लेकर निजी समाचार चैनल के स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो वायरल हुआ है।

loksabha election banner

चैनल का दावा है कि उसके अंडर कवर रिपोर्टर से बातचीत में सांसद ने चुनाव जीतने के बाद कालाधन की फंडिंग करने वाली कंपनी को पुलिस, प्रशासन और गुंडों से बचाने में मदद करने का भरोसा दिलाया है। सांसद निषाद के मुताबिक एक लोकसभा सीट पर चुनाव के दौरान तकरीबन पांच-छह करोड़ रुपये खर्च होंगे।

यूपी की हॉट सीट गोरखपुर के सांसद संतोष उर्फ प्रवीण निषाद मार्च 2018 में सांसद बने। प्रवीण निषाद उत्तर प्रदेश सियासत में कई वर्ष से सक्रिय निषाद दल के मुखिया संजय निषाद के बेटे हैं। पिछड़ों की राजनीति करने वाले प्रवीण निषाद एक निजी चैनल के खुफिया कैमरे में कैद हो गए।

चैनल की क्लिप में दिखाया गया है कि चैनल का रिपोर्टर खुद को एक कंपनी का कर्मचारी बताते हुए सांसद से उनके घर पर मुलाकात करता है। बातचीत में वह बताता है कि उसकी कंपनी चुनाव में प्रत्याशियों को फंड उपलब्ध कराती है, इसके बदले चुनाव जीतने के बाद वह उनका इस्तेमाल अपनी सुरक्षा के लिए करती है। सांसद ने कहा कि वह किसी गलत काम में उनकी मदद नहीं करेंगे तो कंपनी प्रतिनिधि बने चैनल रिपोर्टर ने कहा कि वह गलत काम की पैरवी नहीं कराते हैं।

सांसद ने बताया कि वह गोरखपुर से जबकि उनके पिता डा. संजय निषाद महराजगंज से चुनाव लड़ेंगे। उनकी जीत शत-प्रतिशत तय है। अगर किसी कारण से पिता की सीट फंसती है तो उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा। ऐसे में दो सांसद उनकी कंपनी की मदद के लिए तैयार रहेंगे। रिपोर्टर से बातचीत में सांसद ने बताया कि चुनाव जीतने के लिए छोटी पार्टियों से लेकर संगठन और ग्राम सभाओं को मैनेज करना पड़ता है। एक-एक रैली में 60-80 लाख रुपये खर्च होते हैं। रोजाना तीन-चार सौ गाड़ियां फील्ड में दौड़ती हैं। हजारों साडिय़ां, टी-शर्ट बांटनी पड़ती हैं। वायरल वीडियो में कई और बिंदु पर रिपोर्टर ने सांसद से बात की।

राजस्थान की एक कंपनी में छह साल पहले तक प्रोडक्शन इंजीनियर रहे प्रवीन सियासत में कालेधन का प्रोडक्शन करने लगे। चैनल के अंडरकवर रिपोर्टर्स ने गोरखपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद प्रवीन निषाद के घर पहुंचकर बताया कि वो पॉलिटिकल फंड देने वाली कंपनियों से जुड़े हैं। उन्हें चुनाव में करोड़ों रुपये ब्लैकमनी मिल सकता है। इसके बाद समाजवादी पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद बताने लगे 2018 के उपचुनाव में कैसे उन्होंने दोनों हाथों से करोड़ों का कालधन लुटाया था। उन्होंने यह खुलासा भी किया कि इस बार भी लोकसभा चुनाव में करोड़ों का ब्लैकमनी दोनों हाथों से लुटाएंगे

कुछ गलत मत करना पूरी प्रोटेक्शन मिलेगी

चैनल रिपोर्टर ने पैसा फंड फंड कराने के बदले में प्रोटेक्शन की मांग की। इस पर प्रवीण निषाद ने कहा कि काम हो जाएगा, बताइये आप जमीन किधर देख रहे हैं। अगर उसमें कोई हमारी मदद चाहिए तो कितनी। इस पर अंडरकवर रिपोर्टर ने कहा कि करीब 10 एकड़ जमीन चाहिए। प्रवीण निषाद ने कहा हम पूरी प्रोटेक्शन देंगे बस कोई गलत काम मत करिएगा

कितने करोड़ ब्लैकमनी का इस्तेमाल

जब गोरखपुर में चुनाव में होने वाले खर्च के बारे में पूछा गया तो निषाद ने बताया कि लगभग 5-6 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। फंडिंग के सवाल पर निषाद ने कहा कि जितनी फंडिंग आप करा सकते हैं उतनी करा दीजिए, जिस पर निषाद ने कहा जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके उतनी करा दीजिए। अब हमारे पास दो लोकसभा सीट हैं। एक गोरखपुर और दूसरी पिताजी की महाराजगंज सीट। प्रवीण निषाद ने कहा कि मैं तो जीत रहा हूं 100 पर्सेंट, पिताजी का थोड़ा बहुत रिस्क रहेगा तो हम उनको राज्यसभा भेजेंगे।

हर रोज 400 गाड़ियां 

पिछले चुनाव में हुए खर्च के बारे में प्रवीण निषाद ने बताया कि सात-आठ करोड़ खर्च हो गए थे। लगभग 3.50 करोड़ हमने खर्च किया और 4 करोड़ के आसपास पार्टी ने किया था। प्रवीण निषाद ने बताया छोटी पार्टियों को मैनेज करना पड़ता है, फिर आखिर में ग्राम सभाओं को भी हम मैनेज करते हैं। मैनेज करने के तरीकों पर बताते हुए निषाद ने बताया कि रैलियों में गाड़ी करवाते हैं तो तकरीबन 60-80 लाख रुपये खर्च होते हैं। नौजवानों को टी-शर्ट, महिलाओं को साडिय़ां भी बांटी जाती हैं।

नोटबंदी के बाद इस तरह किया मैनेज

नोटबंदी के बाद कैश मैनेज करने के लिए प्रवीण निषाद ने बताया कि इसके लिए पार्टी का अकाउंट होता है। थर्ड पार्टी का अकाउंट भी होता है और ट्रस्ट से भी मैनेज किया जाता है। पैसा देने की बात पर निषाद ने कहा कि हमें कैश दीजिए अगर चेक से जाएगा तो वो तो ऑन रिकॉर्ड होगा, कैश रहेगा तो कोई रिकॉर्ड नहीं रहेगा।

पैसा देख तुरंत हुए तैयार

ब्लैकमनी के लिए गोरखपुर के सांसद प्रवीण निषाद की बेचैनी ऐसी थी कि वो न केवल फौरन फर्जी कंपनी से मीटिंग के लिए तैयार हो गए, बल्कि चुनाव का हवाला देकर जल्दी मीटिंग का दबाव भी बनाने लगे। प्रवीण निषाद ने यह भी बताया कि चुनाव में अलग से मिलने वाले फंड के अलावा पार्टी भी फंड देती है।

वीडियो क्लिप के बारे में बात करने के लिए सांसद से बात करने का कई बार प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.