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Loksabha Election 2019 : रामनगरी में रोड शो कर प्रियंका गांधी करेेंगी उदार हिंदुत्व का इजहार

कांग्रेस के आला परिवार के सियासी सफर में ऐसे अनेक मोड़ आए हैं जब उसने अपनी आस्था के साथ उदार हिंदुत्व का परिचय देने के लिए रामनगरी का चयन किया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 04:04 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 04:19 PM (IST)
Loksabha Election 2019 : रामनगरी में रोड शो कर प्रियंका गांधी करेेंगी उदार हिंदुत्व का इजहार
Loksabha Election 2019 : रामनगरी में रोड शो कर प्रियंका गांधी करेेंगी उदार हिंदुत्व का इजहार

अयोध्या [रमाशरण अवस्थी]। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा का बुधवार को रामनगरी में प्रस्तावित रोड शो और इससे पूर्व बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन के कार्यक्रम का खास निहितार्थ है। कांग्रेस के आला परिवार के सियासी सफर में ऐसे अनेक मोड़ आए हैं, जब उसने अपनी आस्था के साथ उदार हिंदुत्व का परिचय देने के लिए रामनगरी का चयन किया।

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1980 के चुनाव में सत्ता में वापसी के प्रयास में लगीं कांग्रेस की तत्कालीन सुप्रीमो एवं प्रियंका वाड्रा की दादी इंदिरा गांधी अपनी मुहिम शुरू करने से पूर्व रामनगरी पहुंचीं थीं और उसी हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया था, जहां बुधवार को प्रियंका अपनी आस्था अर्पित करेंगी। इस चुनाव में इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी हुई और ऐसे संतों की पूरी पीढ़ी है, जो इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी के पीछे हनुमान जी की कृपा मानते हैं।

1989 के लोस चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री एवं प्रियंका गांधी के पिता राजीव गांधी ने भी चुनावी मुहिम का शंखनाद रामनगरी से किया था। हालाकि राजीव गांधी हनुमानगढ़ी नहीं जा सके थे पर हनुमानगढ़ी के कुछ चुनिंदा संतों से उनके नजदीकी संबंध जगजाहिर थे और यह संत उन्हें अपना नजदीकी मानते रहे हैं।

सितंबर 2016 में विधानसभा चुनाव का शंखनाद होने से पूर्व कांग्रेस के तत्कालीन महासचिव राहुल गांधी भी हनुमानगढ़ी पहुंचे और पूर्व की विरासत के अनुरूप स्थानीय संतों ने राहुल गांधी का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रियंका के माध्यम से बुधवार को यह विरासत परवान चढ़ेगी।

इस मौके पर जहां यह स्मृति जीवंत होगी कि वे राजीव गांधी ही थे, जिनके प्रधानमंत्रित्व काल में मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास संभव हुआ था, वहीं यह सवाल भी मुखर होगा कि राममंदिर के लिए जिस भाजपा पर भरोसा किया गया, उसने क्या किया। अन्य तीर्थ नगरियों की अपेक्षा विकास की दौड़ में रामनगरी के पिछड़ेपन का सवाल भी प्रियंका का विषय बने, इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता।


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