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Loksabha Election 2019 : अब उत्तर प्रदेश के तीन चरणों में दिग्गजों का बड़ा इम्तिहान

उत्तर प्रदेश में 39 सीटों पर मतदान हो चुका है आगे के तीन चरणों में जिन 41 सीटों पर चुनाव होना है वहां राजनीतिक दलों के रणनीतिक कौशल ही नहीं उनके शीर्ष नेतृत्व की भी परीक्षा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 06:06 PM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 06:07 PM (IST)
Loksabha Election 2019  : अब उत्तर प्रदेश के तीन चरणों में दिग्गजों का बड़ा इम्तिहान
Loksabha Election 2019 : अब उत्तर प्रदेश के तीन चरणों में दिग्गजों का बड़ा इम्तिहान

लखनऊ [आनन्द राय]। यूपी के महासमर में अब असली मुकाबला होने वाला है। जिन तीन चरणों के चुनाव शेष हैैं, वहां कई सीटों पर पूरे देश की निगाह है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्षेत्र वाराणसी है तो यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी की रायबरेली और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की अमेठी भी शामिल है। वे ही नहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का चुनाव क्षेत्र आजमगढ़ भी शक्ति परीक्षण का केंद्र बना हुआ है। गठबंधन का नेतृत्व संभालने की वजह से बचे हुए चुनाव क्षेत्रों में मायावती का भी मूल्यांकन होना है। कसौटी पर केंद्र और प्रदेश सरकार के मंत्रियों के साथ ही विपक्ष के कई कद्दावर नेता भी हैं।

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भाजपा ने वाराणसी में मोदी के रोड शो और नामांकन को इतना ग्लैमराइज किया तो इसके पीछे की वजह भी यही है कि इसका असर शेष सीटों पर दूर तक जाएगा। काशी के कुरुक्षेत्र में मोदी ही सबसे बड़े योद्धा हैं। इससे पहले पांचवें चरण में रायबरेली और अमेठी का चुनाव है। 2014 में कांग्रेस के हिस्से में सिर्फ यही दोनों सीटें रहीं लेकिन, अबकी भाजपा इन सीटों पर भी नजर गड़ाए है और पार्टी नेतृत्व ने यहां तगड़ी किलेबंदी की है। अमेठी में चुनावी रस्साकसी इसलिए जोरदार है कि वहां भाजपा के संगठनात्मक कौशल की वजह से स्मृति ईरानी के तेवर लगातार आक्रामक हुए हैैं और राहुल गांधी के पीछे सपा-बसपा गठबंधन की ताकत दिखाई दे रही है।

रायबरेली में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कभी उनके ही सिपहसालार रहे एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के लिए भाजपा के दिग्गज नेताओं की लगातार सभा और जनसंपर्क ने एकतरफा चलने वाले चुनाव को रोमांचक बनाया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के क्षेत्र आजमगढ़ में छठवें चरण में चुनाव होना है। वहां भाजपा के लिए भोजपुरी फिल्म स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ ने अखिलेश की साइकिल को पीछे छोडऩे के लिए रिक्शे की रफ्तार तेज की है। मीरजापुर में अपना दल (एस) की संरक्षक और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, चंदौली में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय भी बड़े चेहरे हैैं जिनके लिए घमासान होगा।

राजनाथ समेत कई मंत्रियों की भी प्रतिष्ठा दांव पर लखनऊ में पांचवें चरण में मतदान है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह अपनी सीट बचाने के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत के लिए भी जंग लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम और सपा ने पटना में कांग्रेस उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को यहां मैदान में उतारा है। राजनाथ सिंह के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंकी है तो दूसरी तरफ विपक्ष भी मैदान मारने की हर जुगत लगा रहा है।

गाजीपुर में केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा अपनी सीट बचाने के लिए पूरी ताकत से जूझ रहे हैं। बाहुबली अफजाल अंसारी गठबंधन से बसपा कोटे के उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस से अजित प्रताप कुशवाहा पूरी ताकत से सिन्हा की राह रोकने में जुट गए हैं। भाजपा उम्मीदवारों में फतेहपुर में केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, सुलतानपुर में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, इलाहाबाद में प्रदेश सरकार की मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, आंबेडकरनगर में सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा, देवरिया में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रमापति राम त्रिपाठी भी मतदाता की कसौटी पर परखे जा रहे हैं।

मंच पर रविकिशन, नेपथ्य में योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट रही गोरखपुर से भाजपा ने रविकिशन को मैदान में उतारा है। उम्मीदवार भले रवि किशन हैं लेकिन, प्रतिष्ठा योगी की दांव पर है। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी के इस्तीफे से रिक्त हुई इस सीट पर उप चुनाव में भाजपा को शिकस्त मिली थी।

विपक्षी दिग्गजों की कतार

तीन चरणों में विपक्ष के कई दिग्गज भी मैदान में हैं। कुशीनगर में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री कांग्रेस उम्मीदवार कुंवर आरपीएन सिंह, फैजाबाद में सपा से पूर्व मंत्री आनन्द सेन यादव और कांग्रेस से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री, गोंडा में सपा के विनोद कुमार सिंह, बस्ती में बसपा के राम प्रसाद चौधरी, संतकबीरनगर में बसपा के पूर्व सांसद भीष्म शंकर तिवारी और गोरखपुर में सपा से पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद, सलेमपुर में पूर्व सांसद कांग्रेस से राजेश मिश्र, बांसगांव में बसपा से पूर्व मंत्री सदल प्रसाद, भदोही में कांग्रेस से पूर्व सांसद रमाकांत यादव जैसे कई दिग्गज मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

फ्रंटल संगठनों का नेतृत्व भी मैदान में

भाजपा के फ्रंटल संगठनों का भी नेतृत्व मैदान में है। सीतापुर में भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश वर्मा, कौशांबी में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सोनकर और मोहनलालगंज में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर की भी तकदीर का फैसला होना है।

आठ आरक्षित सीटों पर सभी दलों की निगाह

बचे हुए तीन चरणों में जिन 41 सीटों पर चुनाव होने हैं उनमें आठ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। पिछली बार आरक्षित सभी सीटें भाजपा की झोली में थीं। इस बार कई आरक्षित सीटों पर भाजपा ने अपने मौजूदा सांसदों की जगह नये चेहरे पर दांव लगाया है। उधर, विपक्ष ने भी भाजपा का तिलस्म तोडऩे के लिए मजबूत गोटियां बिछाई है। हालांकि मोदी के प्रभाव में आरक्षित सीटों पर भाजपा और सहयोगी दल होड़ में फिर सबको पीछे छोड़ने में जुटे हैं।

आरक्षित राबर्ट्सगंज सीट पर भाजपा ने अपने सांसद छोटेलाल खरवार का टिकट काटकर सहयोगी अपना दल एस को दे दिया है। इसके अलावा बाराबंकी, बहराइच और जौनपुर के मछलीशहर में भाजपा ने नये चेहरों को मैदान में उतारा है। उधर, गोरखपुर जिले की बासंगांव, आजमगढ़ की लालगंज, कौशांबी, लखनऊ की मोहनलालगंज भाजपा ने अपने पुराने उम्मीदवारों पर ही दांव लगाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ज्यादातर सभाएं आरक्षित सीटों पर ही हो रही हैं। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती भी आरक्षित सीटों पर पूरी ताकत से जुटी हैं।


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