Loksabha Election 2019 : आधी आबादी, आधे वादे : महिलाओं के लिए आसान नहीं संसद की डगर
प्रमुख राजनीतिक दल लोकसभा से लेकर विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने की बात कहती रहती हैं लेकिन टिकट बंटवारे में महिलाओं के प्रति उनकी दरियादिली नहीं दिखाई देती।
लखनऊ [अजय जायसवाल]। हर एक क्षेत्र में पुरुषों के साथ सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही महिलाएं राजनीति में भी तेजी से कदम बढ़ा रही हैं लेकिन, संसद में उनका प्रतिनिधित्व देखकर पार्टियों के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। वोट बटोरने के लिए महिलाओं के हक में बड़ी-बड़ी बातें करनी वाली राजनीतिक पार्टियां भी उनकी आरक्षण की मांग को अब तक अमली जामा पहनाने के बजाय दरकिनार ही करती रही हैं।
हालांकि, बढ़ते दबाव को देखते हुए अब संसद से लेकर विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण की वकालत की जा रही है लेकिन, जमीन पर तस्वीर अलग है। गौर करने की बात यह है कि भले ही कानूनी बाध्यता नहीं है फिर भी पार्टियां चाहें तो टिकट बंटवारे में 33 फीसद महिलाओं को हिस्सेदारी दे सकती हैं लेकिन, वे ऐसा करने से बचती ही दिखाई दे रही हैं।
सूबे की 80 लोकसभा सीटों के लिए हो रहे चुनाव को ही ले लीजिए। चाहे भाजपा हो या कांग्रेस या फिर सपा-बसपा, किसी भी पार्टी ने 33 फीसद महिलाओं को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है। ऐसे में स्वाभाविक है कि सूबे से संसद में 33 फीसद महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी नहीं दिखाई देगा।
16वीं लोकसभा में चुनी गईं 14 महिला सांसद
16वीं लोकसभा में सूबे से कुल 14 महिला सांसद हैैं। इनमें 13 आम चुनाव में जीती थीं। सर्वाधिक 10 महिला सांसद भाजपा की हैं वहीं, एक-एक अपना दल, कांग्रेस और सपा की हैं। कैराना सीट के उपचुनाव में रालोद के टिकट पर तबस्सुम हसन विजयी हुईं थीं। 17वीं लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव के मैदान में भाजपा की चार महिला सांसद उमा भारती, प्रियंका रावत, अंजू बाला और कृष्णा राज नहीं हैैं। निर्वाचन आयोग के रिकार्ड के मुताबिक, 2009 के आम चुनाव मे सूबे से 12 और 2004 में सात, 1999, 1998 व 1996 में नौ-नौ जबकि 1991 में तीन महिला सांसद चुनी गईं थीं।
भाजपा ने 10, कांग्रेस ने 11 महिलाओं पर ही लगाया दांव
प्रमुख दलों में 78 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा ने 10 महिलाओं को टिकट दिया है, जबकि सहयोगी अपना दल (एस) की दो सीटों में से एक पर केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने भी 11 महिलाओं को ही टिकट दिया है। दूसरे सहयोगियों के लिए जो सीटें छोड़ी हैं, उनमें चंदौली से जन अधिकार पार्टी के टिकट पर शिवकन्या कुशवाहा मैदान में हैैं। गठबंधन ने 38 सीटों पर लड़ने वाली बसपा ने मात्र चार को टिकट दिया है, वहीं 37 सीटों पर लड़ रही सपा ने छह महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है।
प्रमुख दलों से आमने-सामने महिलाएं
दो सुरक्षित सीटें ऐसी हैैं, जहां से प्रमुख दलों की महिला प्रत्याशी आमने-सामने हैैं। लालगंज से भाजपा ने जहां सांसद नीलम सोनकर को फिर मैदान में उतारा है, वहीं बसपा की संगीता आजाद टक्कर दे रही हैं। मिश्रिख से भाजपा ने सांसद अंजू बाला का टिकट काट अशोक रावत को उतारा है लेकिन, बसपा से नीलू सत्यार्थी और कांग्रेस से मंजरी राही चुनाव लड़ रही हैैैं।
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