Loksabha Election 2019 : कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में आठ और प्रत्याशी घोषित किये, एक बदला
कांग्रेस ने जहां दलबदलुओं को टिकट थमाया है वहीं अपने साथ चुनावी गठबंधन करने वाले अपना दल और जनाधिकार पार्टी के सदस्यों को भी प्रत्याशी बनाया है।
लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जोरदार तैयारी करने वाली कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश से अपने आठ और प्रत्याशियों का नाम फाइनल किया है। समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले कद्दावर नेता आरके चौधरी को लखनऊ के मोहनलालगंज से प्रत्याशी घोषित किया है। पहले यहां से रामशंकर भार्गव को प्रत्याशी घोषित किया गया था। पूर्व विधायक भार्गव बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।
कांग्रेस ने जहां दलबदलुओं को टिकट थमाया है, वहीं अपने साथ चुनावी गठबंधन करने वाले अपना दल और जनाधिकार पार्टी के सदस्यों को भी प्रत्याशी बनाया है। समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री आरके चौधरी को मोहनलालगंज से प्रत्याशी घोषित किया गया है। इस सीट से कांग्रेस ने पहले रामशंकर भार्गव की जगह उम्मीदवार बनाया था। अखिलेश सरकार में मंत्री रहे राजकिशोर सिंह को बस्ती से प्रत्याशी घोषित किया गया है। राजकिशोर हाल ही में अपने छोटे भाई डिंपल के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। भोजपुरी फिल्म अभिनेता दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' को भाजपा के आजमगढ़ से टिकट देने से नाराज होकर कांग्रेस का दामन थामने वाले आजमगढ़ के बाहुबली पूर्व सांसद रमाकांत यादव को भदोही से उम्मीदवार बनाया गया है। रमाकांत ने पिछले लोकसभा चुनाव में बतौर भाजपा प्रत्याशी मुलायम सिंह यादव को चुनौती दी थी।
कांग्रेस ने अपना दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल को गोंडा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने गठबंधन के तहत अपना दल के लिए पीलीभीत और गोंडा सीटें छोड़ी हैं। पीलीभीत से सुरेंद्र कुमार गुप्ता ने अपना दल उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया था। गोंडा से कृष्णा पटेल के चुनाव लडऩे की चर्चा थी। इसी बीच चुनाव आयोग ने अपना दल की ओर से फॉर्म 'ए' व 'बी' स्वीकार करने पर रोक लगा दी थी। इसकी वजह से पीलीभीत से अपना दल उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरने वाले गुप्ता निर्दल प्रत्याशी घोषित कर दिये गए। लिहाजा अब कांग्रेस ने गोंडा सीट से कृष्णा पटेल को प्रत्याशी घोषित किया है ताकि वह पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ सकें।
इसी तरह चंदौली और गाजीपुर सीट पर जनाधिकार पार्टी के सदस्यों को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। एनआरएचएम घोटाले में फंसने के बाद जनाधिकार पार्टी बनाने वाले बाबू सिंह कुशवाहा की पत्नी शिवकन्या कुशवाहा को चंदौली से उम्मीदवार बनाया गया है। अजीत प्रताप कुशवाहा को गाजीपुर सीट से प्रत्याशी बनाया गया है।
दस्यु सुंदरी से सांसद बनीं फूलन देवी के पति उम्मेद सिंह निषाद को अंबेडकरनगर से टिकट दिया गया है। वाराणसी के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा को पार्टी ने इस बार सलेमपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। जौनपुर से देवव्रत मिश्र को उम्मीदवार बनाया गया है जिनके पिता बाबा मिश्रा पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजीव गांधी के करीबी रहे कैप्टन सतीश शर्मा के मित्र रहे हैं।
इससे पहले कांग्रेस ने 56 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किये थे। छह सीटें उसने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के लिए छोड़ी हैं। गठबंधन के तहत दो सीटें उसने अपना दल और सात जनाधिकार पार्टी के कोटे में दी थीं। इनमें से अपना दल की एक और जनाधिकारी पार्टी के लिए छोड़ी गईं दो सीटों पर इन दोनों दलों के सदस्यों को उसने अपने प्रत्याशी के तौर पर उतारा है। कांग्रेस ने अभी तक वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ सीट से प्रत्याशी नहीं घोषित किये हैैं।
अब सांसद बनने के प्रयास में आरके चौधरी
कांग्रेस में शामिल होने वाले पूर्व मंत्री आरके चौधरी अब मोहनलालगंज लोकसभा सीट से उम्मीदवार होंगे। आरके चौधरी कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ेंगे, जबकि 2009 में आरके चौधरी ने कांग्रेस से समर्थन लेकर अपनी पार्टी आरएसबीपी से चुनाव लड़ा था।
चौधरी लगातार तीन बार मोहनलालगंज सीट से विधायक रह चुके हैं। वह प्रदेश सरकार में चार बार मंत्री भी रहे हैं। आरके चौधरी ने 2017 का मोहनलालगंज विधानसभा चुनाव भाजपा के समर्थन से लड़ेे, हालांकि वह हार गए थे। 2017 में आरके चौधरी सपा में शामिल हो गए थे। आरके चौधरी बसपा की स्थापना के समय कांशीराम के संपर्क में आए थे। मायावती से दूरी के बाद उन्होंने पार्टी बना ली थी।