1962 से लगातार चुनाव लड़ रहा ये शख्स, 32 बार मिली हार फिर भी हौंसले बुलंद
ओडिशा के बेरहमपुर के रहने वाले 84 वर्षीय श्यामबाबू सुबुद्धि 1962 से लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव लड़ते आ रहे और हर बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।
भुवनेश्वर, एएनआइ। लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों का ऐलान करना शुरु कर दिया है। इसी बीच एक ऐसा प्रतयाशी भी चुनावी मैदान में है, जिसने अपनी एक अलग ही पहचान बनाने के साथ ही उन्होंने एक अनोखा रिकॉर्ड भी बनाया हुआ है। ओडिशा के बेरहमपुर के रहने वाले 84 वर्षीय डॉक्टर श्यामबाबू सुबुद्धि 1962 से लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव लड़ते आ रहे और लगातार 32 बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद भी उनके हौंसलों में कोई कमी नहीं आई है। एक बार फिर वो चुनाव लड़ने जा रहे हैं। श्यामबाबू सुबुद्धि ने कहा कि मैं इस बार भी बेहरामपुर और अस्का सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लडूंगा। ये 14वीं बार है जब वो लोकसभा चुनाव लड़ रहे है। इतनी बार हार का सामने करने के बाद भी उनके जोश मनें कोई कमी नहीं आई है।
चुनाव चिन्ह 'बल्ला' जिसपर लिखा है पीएम उम्मीदवार
इस बार भी वो जोर-शोर से इलाके में प्रचार कर रहे हैं। वो खुद से ट्रेन, बसों और बाजारों में लोगों के बीत जाकर प्रचार कर रहे है। उन्होंने कहा कि चाहें मैं जीतू या हार जाऊं इससे फर्क नहीं पड़ता। मुझे अपनी लड़ाई जारी रखनी है। उन्होंने कहा की मेरी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है। बता दें कि श्यामबाबू का चुनाव चिन्ह बेट है जिसपर पीएम उम्मीदवार लिखा है।
चुनाव में ही खर्च कर देते है कमाई
पेशे से होमियोपैथी डॉक्टर श्याम बाबू अपनी अधिकतर कमाई चुनाव में ही खर्च कर देते हैं। उनके दो बेटे और दो बेटियां है, उनके सभी बच्चों की शादी हो चुकी हैं। पिछले साल उनकी पत्नी का निधन हो चुका है।