लोकसभा चुनाव 2019: चुनावी तैयारी को लेकर बंगाल में पहुंचने लगें केंद्रीय सुरक्षा बल
चुनाव की तारीख घोषित किए जाने के 5 दिन के भीतर ही पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सुरक्षा बलों को उतारा जा रहा है। यह पहला मौका है जब चुनाव आयोग की ओर से इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। चुनाव की तारीख घोषित किए जाने के 5 दिन के भीतर ही पश्चिम बंगाल में केंद्रीय सुरक्षा बलों को उतारा जा रहा है। यह पहला मौका है जब चुनाव आयोग की ओर से इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) दफ्तर के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार से ही राज्य के सीमावर्ती इलाकों में 10 कंपनी बीएसएफ के जवानों की तैनाती कर दी जाएगी।
बीएसएफ के जवानों की तैनाती उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर, पूर्व मेदिनीपुर, बीरभूम, पश्चिम बर्द्धमान एवं कोलकाता में की जाएगी। तैनाती के साथ ही केंद्रीय बलों के जवान संबंधित इलाके में चहलकदमी शुरू कर देंगे। बता दें कि कोलकाता को छोड़ कर उक्त सभी जिले पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिले हैं। इन जिलों की सीमाएं पड़ोसी राज्य बिहार, झारखंड, उड़ीसा के साथ लगी हुई है जबकि कुछ जिले पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश से भी सटे हुए हैं।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है इस चुनाव को लेकर राज्य में कितने कंपनी केंद्रीय बलों की तैनाती की जाएगी। डीईओ कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, 'केंद्रीय सुरक्षा बलों की यह प्रथम किस्त है, आगे धीरे-धीरे और केंद्रीय बल राज्य में तैनात किए जाएंगे। चुनाव आयोग ने प्राथमिक तौर पर कुछ चुनिंदा जगहों पर इन सुरक्षा बलों को तैनात करने का निर्णय लिया है, यह वह इलाके हैं जो पड़ोसी राज्यों से सटे हुए हैं।'
आयोग सूत्रों के मुताबिक प्राथमिक तौर पर यह तय किया गया है कि 10 कंपनी बीएसएफ के जवानों को उत्तर 24 परगना के देगंगा, दक्षिण 24 परगना के बासंती एवं कुलतली, मुर्शिदाबाद और मालदा, पूर्व मेदिनीपुर, बीरभूम, पश्चिम बर्द्धमान जिलों के साथ ही कोलकाता में तैनात किया जाएगा। आयोग सूत्रों के मुताबिक इनमें से कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पहले कानून व्यवस्था को लेकर परेशानियां सामने आती रही हैं। यहां पहले आपसी रंजिश, गुटबाजी को लेकर भी पंचायत चुनाव और अन्य चुनावों में हिंसा देखने को मिली है।
चुनाव आयोग सूत्रों के मुताबिक जिलों में आला पुलिस अधिकारियों को उनके साथ समन्वय स्थापित करने को कहा गया है। साथ ही इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों की ओर से राज्य में पहले से ही केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग चुनाव आयोग के समक्ष रखी गई थी। ऐसे में सवाल यह कि क्या चुनाव आयोग ने विपक्ष की अर्जी को स्वीकार कर लिया है? इस पर आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि हम निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने को विभिन्न कदम उठा रहे हैं केंद्रीय बलों की तैनाती भी इन्हीं में से एक है। यह पूछे जाने पर कि कुछ स्थानों मसलन दक्षिण 24 परगना में अत्यधिक केंद्रीय बलों की तैनाती के पीछे वजह क्या है? अधिकारी ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान यहां अत्यधिक हिंसा देखने को मिली थी जिस कारण इस बार यहां सुरक्षा को लेकर विशेष व्यवस्था की गई है।