लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2019: कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी नहीं जीत पाए मतदाताओं का भरोसा
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी जैसे प्रख्यात शायर को मैदान में उतारकर मुरादाबाद लोकसभा सीट पर जीत की दावेदारी पेश की थी।
मुरादाबाद(तरुण पाराशर)। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इमरान प्रतापगढ़ी जैसे प्रख्यात शायर को मैदान में उतारकर मुरादाबाद लोकसभा सीट पर जीत की दावेदारी पेश की थी। कांग्रेस नेताओं को भरोसा था कि मुस्लिम बाहुल्य सीट पर नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले युवा शायर कांग्रेस को 2009 जैसी सफलता दिलाएंगे। लेकिन, मतदाताओं ने कांग्रेस पर भरोसा नहीं जताया। परिणाम सामने आए तो स्थिति वही रही जो एक्जिट पोल दिखा रहे थे।
चुनौती पेश करने में भी नाकाम रही पार्टी
इमरान प्रतापगढ़ी ने चुनाव प्रचार में खूब जोर लगाया था और दावे भी बड़े-बड़े किए थे। उनकी सभाओं में भीड़ भी खूब उमड़ी थी। युवाओं में उनके प्रति एक क्रेज भी दिख रहा था। लेकिन, यह भीड़ वोट में तब्दील नहीं हो सकी।
पार्टी के बड़े नेताओं का नहीं मिला साथ
इमरान प्रतापगढ़ी को चुनाव मैदान में पार्टी के बड़े नेताओं ने अकेला ही छोड़ दिया। उनके समर्थन राहुल गांधी की जनसभा और प्रियंका वाड्रा के रोड शो का दावा किया जा रहा था, लेकिन वे मंडल की किसी भी सीट पर प्रचार के लिए नहीं पहुंचे। जबकि, भाजपा के लिए मोदी, गठबंधन प्रत्याशी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनसभा की थी। उधर, इमरान प्रतापगढ़ी के पक्ष में प्रचार के लिए राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पान दरीबा से गुरहट्टी तक पैदल मार्च किया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन निकाले गए रोड शो में चंद मिनट के लिए प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर भी पहुंचे थे। इसके अलावा बढ़ापुर विस क्षेत्र में पंजाब सरकार में मंत्री व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने जनसभा को संबोधित किया था। ये सभी नेता कांग्रेस और उनके प्रत्याशी के प्रति विश्वास नहीं बढ़ा पाए।
राज बब्बर को हटाकर दिया था इमरान को टिकट
मुरादाबाद से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की टिकट पर चुनाव लडऩे की घोषणा हुई थी। बाद में उनके स्थान पर इमरान प्रतापगढ़ी को प्रत्याशी बनाया गया। माना जा रहा था कि इमरान प्रतापगढ़ी की छवि और मुस्लिम चेहरा होने का फायदा उन्हें मिलेगा।
अजहरूद्दीन की पारी भी रही हार की जिम्मेदार
2009 में कांग्रेस ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजहरूद्दीन को प्रत्याशी बनाया था। जनता ने उन भर भरोसा भी जताया। उन्होंने भाजपा के सर्वेश सिंह को करीब 50 हजार वोट से हराया था। यह सीट कांग्रेस ने 24 साल बाद जीती थी। अजहरूद्दीन पांच साल में केवल तीन बार ही मुरादाबाद आए, इसको लेकर जनता में नाराजगी थी। 2014 के चुनाव में जब पार्टी ने रामपुर की पूर्व सांसद रहीं नूर बानो को प्रत्याशी बनाया तो लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी और उन्हें केवल 19,500 ही वोट मिले।
जनता ने जो जनादेश दिया है उसे स्वीकार करते हैं। अब मुरादाबाद में रहकर 2022 और 2024 के लिए पार्टी की जमीन तैयार करनी है। जहां तक ईवीएम पर उठाए जा रहे सवाल का प्रश्न है तो विपक्ष के बड़े-बड़े नेता विरोध कर रहे हैं तो उसमें मेरी भी आवाज शामिल है। बाकी पार्टी हाईकमान जो निर्देश देगी उसका पालन किया जाएगा।
इमरान प्रतापगढ़ी, कांग्रेस प्रत्याशी
यह रहे कारण
- पार्टी के संगठन का कमजोर होना
- पार्टी के अंदर की गुटबाजी
- इमरान प्रतापगढ़ी पर बाहरी होने का ठप्पा लगना
- स्थानीय नेता को प्रत्याशी नहीं बनाए जाने को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी
- स्थानीय नेताओं के पार्टी प्रत्याशी के विरोध में उतरना
- पार्टी के एक धड़े का चुनाव प्रचार में सहयोग न करना
- पूर्व सासंद अजहरूद्दीन के सांसद रहने के दौरान मुरादाबाद से दूरी बनाए रखना को लेकर नाराजगी।
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