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Lok Sabha Election Result 2019: तब एग्जिट पोल्‍स की विश्‍वसनीयता पर लग जाएगा प्रश्‍नचिन्‍ह!

राजनीति दलों के साथ आज एग्जिट पोल की साख भी दांव पर लगी है। अगर आज एग्जिट पोल सही साबित नहीं होंगे तो इनकी विश्‍वसनीयता पर एक बड़ा प्रश्‍नचिन्‍ह लग जाएगा।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 23 May 2019 07:07 AM (IST)Updated: Thu, 23 May 2019 07:07 AM (IST)
Lok Sabha Election Result 2019: तब एग्जिट पोल्‍स की विश्‍वसनीयता पर लग जाएगा प्रश्‍नचिन्‍ह!
Lok Sabha Election Result 2019: तब एग्जिट पोल्‍स की विश्‍वसनीयता पर लग जाएगा प्रश्‍नचिन्‍ह!

नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे कुछ ही मिनटों में आने शुरू हो जाएंगे। इससे पहले 19 मई को अंतिम चरण के मतदान के साथ ही आए एक्जिट पोल में एक स्वर से लगभग एक दर्जन सभी पोल ने एनडीए को बहुमत दे दिया। आज यह सच साबित होता है तो माना जाएगा कि एक 'बार फिर मोदी सरकार' का भाजपा का नारा जनता ने अपना लिया। राजनीति दलों के साथ आज एग्जिट पोल की साख भी दांव पर लगी है। अगर आज एग्जिट पोल सही साबित नहीं होंगे, तो इनकी विश्‍वसनीयता पर एक बड़ा प्रश्‍नचिन्‍ह लग जाएगा।

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हालांकि, एग्जिट पोल्‍स में अकेले भाजपा को 272 के जादुई आंकड़े तक पहुंचते नहीं दिखाया गया है। वहीं, प्रधानमंत्री के खिलाफ तीखे बयान देते रहे राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस को तीन अंक का आंकड़ा पहुंचते भी किसी ने नहीं दिखाया। वर्ष 2014 की तर्ज पर मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, गुजरात, हरियाणा, उत्तराखंड और झारखंड में भाजपा को भारी सीटों के मिलने की संभावना बढ़ गई है। दिल्ली, हरियाणा और बिहार में तो भाजपा की सौ फीसद सीटें जीतने का भी रुझान दिखाया गया, जबकि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भाजपा के दावे के अनुसार ही आश्चर्यजनक नतीजे उसके पक्ष में दिखाए गए। इन राज्यों में क्रमश: तृणमूल कांग्रेस और बीजद से भाजपा की सीधी और मजबूत टक्कर दिखाई गई है।

उत्तर प्रदेश को लेकर अलग-अलग एजेंसी के आंकड़े अलग-अलग रहे। कुछ ने महागठबंधन की लहर दिखाई तो कुछ ने भाजपा की, लेकिन ऐसी एजेंसी की संख्या बड़ी रही, जिसने यह माना कि महागठबंधन के कारण भाजपा को झटका तो लगा है, लेकिन फिर भी वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरेगी। असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा ने अपनी सियासी स्थिति मजबूत करती दिख रही है। यहां से उसे पिछले चुनाव के मुताबिक, ज्यादा सीटें मिल सकती हैं, जबकि सीटों की संख्या के लिहाज से दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना कमोबेश अपने पुराने आंकड़े के आसपास दिखी है।

एग्जिट पोल्‍स में कर्नाटक और हरियाणा ऐसे राज्य के रूप में उभरता दिखाया गया है, जहां प्रो इनकंबैंसी का असर सीटों की बढ़ी हुई संख्या में दिख सकता है। चुनाव में कांग्रेस के नेता राहुल गांधी व उनकी प्रियंका गांधी बढेरा देशभर में सरकार के खिलाफ आक्रामक चुनाव प्रचार किया। लेकिन चुनाव नतीजों में उसका असर नहीं दिख रहा है। हाल में जिन राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का शानदार प्रदर्शन रहा और वहां उनकी सरकारें बनीं, उन राज्यों के एग्जिट पोल में कांग्रेस का प्रदर्शन बहुत खराब दिख रहा है। हालांकि राहुल गांधी के अमेठी के साथ केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का असर दक्षिणी राज्यों में दिख सकता है।

एग्जिट पोल के मुताबिक, केरल ही कांग्रेस के लिए सबसे बड़ा राज्य साबित हो सकता है, जहां वह दर्जन भर से ज्यादा सीटें जीत सकती है। कांग्रेस को जहां सौ के आंकड़े के नीचे दिखाया गया है वहीं कांग्रेस व गठबंधन वाली पार्टियों की सीटों का आंकड़ा सवा सौ के आसपास। दक्षिणी राज्यों में आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में भाजपा को सीटें मिलती नहीं दिख रही है। वहां के क्षेत्रीय दलों में टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस और टीआरएस का प्रदर्शन अच्छा होने की संभावना है। वहीं दिल्ली समेत अन्य राज्यों में कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने वाली आम आदमी पार्टी को बमुश्किल एक सीट मिलती दिखाई गई।

हालांकि, विपक्ष एग्जिट पोल्‍स के रुझानों को सिरे से खारिज कर चुका है। अगर आज एग्जिट पोल्‍स के रुझानों में उलटफेर होता है, तब विपक्ष को मोदी सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल जाएग।

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