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Lok Sabha Election Result 2019: भाजपा ने गांव और शहरों में जीतीं 50% से अधिक सीटें

ऐसा माना जाता था कि ग्रामीण भारत में कांग्रेस की जड़ें भारतीय जनता पार्टी से ज्‍यादा मजबूत नहीं हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 11:47 AM (IST)
Lok Sabha Election Result 2019: भाजपा ने गांव और शहरों में जीतीं 50% से अधिक सीटें
Lok Sabha Election Result 2019: भाजपा ने गांव और शहरों में जीतीं 50% से अधिक सीटें

नई दिल्‍ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम सामने आ गए हैं और भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है। क्‍या शहर और क्‍या गांव, हर जगह भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। शहरों में भाजपा की पकड़ जारी है शहरी और अर्द्ध शहरी 201 सीटों में उसे 105 सीटों पर जीत मिली है। शहरी पार्टी माने जाने वाली भाजपा ने देश के 57 फीसद से अधिक सीटें गांवों में जीती हैं, जबकि शहरों में भी पार्टी की जीत बढ़ी है। दिल्‍ली, मुंबई बेंगलुरु, अहमदाबाद जैसे 50 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सभी सीटें पार्टी ने जीती हैं।

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ग्रामीण भारत में मोदी-मोदी

ऐसा माना जाता था कि ग्रामीण भारत में कांग्रेस की जड़ें भारतीय जनता पार्टी से ज्‍यादा मजबूत नहीं हैं। इससे पहले कांग्रेस को ग्रामीण भारत में अच्‍छा मत प्रतिशत मिलता भी रहा है, लेकिन इस बार भाजपा नेताओं ने गांव-गांव में घूमकर अपनी जड़ों को मजबूत किया। इसका परिणाम भी देखने को मिला है। ग्रामीण भारत में भाजपा को उज्‍ज्‍वला और हाउसिंग फॉर ऑल योजना का भी बहुत फायदा मिला है। भाजपा ने ग्रामीण भारत की कुल 342 सीटों में से 197 सीट जीती हैं। इसमें से सिर्फ 30 सीटें कांग्रेस के खाते में गई हैं।

मेट्रो सिटी में चला मौदी मैजिक

एक समय भाजपा को शहरी लोगों की पार्टी माना जाता था। भाजपा ने अपनी छवि को बदलने के लिए ग्रामीणों के लिए तो काम किया, लेकिन इस दौरान मेट्रो सिटी के वोटर्स को भी दूर नहीं होने दिया। इनकम टैक्‍स में छूट और विकास के कार्यों की वजह से देश का मध्‍यम वर्ग भाजपा के साथ बना रहा। इसी का नतीजा है कि 50 लाख से अधिक आबादी के 8 शहरों की 32 सीटों में से भाजपा ने 16 अपने नाम की हैं। उधर, शिवसेना ने मुंबई की 5 सीटें जीती हैं। वहीं, छोटे शहरी सीटों की बात करें तो कुल 57 सीटों में से भाजपा ने 35 अपने नाम कीं और कांग्रेस को सिर्फ 3 सीटों पर संतुष्‍ट होना पड़ा।

शहरों में भी मोदी का जलवा कायम

मोदी ऐसी शख्सियत हैं, जिनसे हर कोई अपने आप को जुड़ा हुआ महसूस करता है। यही वजह है कि गांव के साथ-साथ मोदी का जादू शहरी जनता पर भी खूब चलता है। शहरों की 144 सीटों में से भाजपा को 70 सीटें मिली हैं। क्षेत्रीय दलों ने 55 सीटों पर जीत हासिल की है। देश की राजधानी दिल्‍ली की सातों सीटों के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में सफलता पाई है।

यहां नहीं खुला कांग्रेस का खाता

लोकसभा चुनावों में 18 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां पर कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला है। जिन बड़े राज्यों से कांग्रेस का सूपड़ा साफ हुआ है उनमें आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और ओडिशा हैं। छोटे राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन की बात करें तो जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तराखंड में भी पार्टी को निराशा हाथ लगी है। इतना ही नहीं अंडमान और निकोबार, दादरा नगर हवेली, दमन-दीव, लक्षद्वीप, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा से भी पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं जीता है। लोकसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केरल को छोड़कर पार्टी के किसी भी राज्य में दो अंकों में सांसद नहीं जीत सके। पंजाब और तमिलनाडु में पार्टी को आठ-आठ सीटें मिली हैं। बिहार, झारखंड, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में पार्टी के दो या उससे कम सांसद जीते हैं। चल रही मतगणना के ट्रेंड को मानें तो कांग्रेस को 50 या 49 सीटें मिलेंगी। अगर ऐसा होता है तो यह दूसरी बार होगा जब पार्टी को 50 से कम सीटें मिलेंगी। 2014 के चुनाव में पार्टी ने 44 सीटें जीती थीं।

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