Lok Sabha Election 2024: घर ही बना मतदान केंद्र, किसी ने बाहर आंगन में तो किसी ने खटिया पर ही बैठे-बैठे डाला वोट
निर्वाचन आयोग 85 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग जो मतदान केंद्र पर आने में असमर्थ हैं ऐसे बुजुर्गों से घर पर ही मतदान करवाया जा रहा है। मुरैना जिले में 85 साल से अधिक उम्र के 2900 से ज्यादा मतदाता है इन सभी मतदाताओं से बूथ लेबल आफिसरों ने घर-घर जाकर पूछा कि वह बूथ पर वोट डालने जाएंगे या फिर घर से ही मतदान करेंगे।
जेएनएन, मुरैना। वोट डालने की बात सामने आते ही पोलिंग बूथों के सामने लंबी-लंबी कतारों की तस्वीरें तैरने लगती है। मतदान के लिए पांच-पांच घंटे तक के इंतजार का सामना करना पड़ता है। लेकिन दिमनी की 90 साल की शीलादेवी जो चलना-फिरना तो दूर ठीक से खड़ी नहीं हो पाती हैं, उन्होंने मतदान की लंबी कतार में लगे बिना खटिया पर बैठे-बैठे ही सांसद चुनने के लिए अपना वोट डाल दिया।
बुजुर्गों से घर पर ही मतदान करवाया जा रहा है
दरअसल, निर्वाचन आयोग 85 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग जो मतदान केंद्र पर आने में असमर्थ हैं, ऐसे बुजुर्गों से घर पर ही मतदान करवाया जा रहा है। मुरैना जिले में 85 साल से अधिक उम्र के 2900 से ज्यादा मतदाता है, इन सभी मतदाताओं से बूथ लेबल आफिसरों ने घर-घर जाकर पूछा कि वह बूथ पर वोट डालने जाएंगे या फिर घर से ही मतदान करेंगे।
घर में पोलिंग बूथ बनाकर वोट डलवाया
जिलेभर में 661 बुजुर्गों ने घर से ही मतदान की इच्छा जताई। इन बुजुर्गों के वोट डलवाने के कवायद शनिवार से शुरू हो गई। शनिवार को जिलेभर में मतदान टीमें बुजुर्गों के घर पहुंची और उनके घर में पोलिंग बूथ बनाकर ठीक उसी तरह वोट डलवाया गया, जैसे मतदान केंद्र पर डालते हैं। यानी बुजुर्ग के परिवार के किसी सदस्य को भी यह भनक नहीं लगने दी गई, कि बुजुर्ग मतदाता ने किस प्रत्याशी को वोट दिया है।
85 साल के भोला सिंह ने डाला वोट
मुरैना के 88 वर्षीय गणपति लाल और दिमनी के 85 साल के भोला सिंह ने कहा, कि उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि बूथ पर जाकर वोट डाल सकें। इस बार मतदान करने की सोच भी नहीं रहे थे, लेकिन इस तरह वोट डालने से उन्हें सरकार में भागीदारी का अधिकार मिला, जिससे बुजुर्ग खुश दिखे।
मतदान के दौरान की गई गलती क्षम्य नहीं होगी
मुरैना के पालीटेकनिक कालेज में मतदान दलों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर बीके जैन की निगरानी में जिलेभर के कर्मचारियों को 13 कमरों में 1706 मतदान केंद्रों के लिए 7508 कर्मचारियों का प्रशिक्षण दो पालियों में दिया जा रहा है।
शनिवार को प्रशिक्षण शिविरों का जायजा लेने पहुंचे जिला पंचायत सीईओ डा. इच्छित गढ़पाले ने कहा कि कोई भी कर्मचारी गलती न करे, जो समझ में नहीं आता है, तो उसे बार-बार पूछे। मास्टर ट्रेनर्स हर बारीकियों को समझाने का प्रयास करेंगे, किन्तु चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गलती नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को ईवीएम खोलना, जोड़ना आना चाहिए। इसके अलावा मतदान के दौरान अन्य बिंदुओं को भी बारीकी से सीख लें, गलती की वजह से मतदान में रुकावट नहीं होना चाहिए।