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'मनीष तिवारी सीट बदलू नेता ...चंडीगढ़ में नहीं आएंगे नजर', कांग्रेस-आप गठबंधन व चुनाव परिणाम पर जतिंदर पाल मल्होत्रा की भविष्‍यवाणी

Lok Sabha Election 2024 छह चरण का मतदान हो चुका है। सातवें और आखिरी चरण का मतदान एक जून को होगा। इस बीच बीजेपी चंडीगढ़ अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने कहा कि चार जून के बाद मनीष तिवारी चंडीगढ़ में दिखाई नहीं देंगे। वे बस सीट बदल रहे हैं। मनीष तिवारी पहले लुधियाना और आनंदपुर साहिब का रिपोर्ट कार्ड दें। फिर वे हमसे सवाल करें।

By Balwan Singh Edited By: Sushil Kumar Tue, 28 May 2024 04:25 PM (IST)
'मनीष तिवारी सीट बदलू नेता ...चंडीगढ़ में नहीं आएंगे नजर', कांग्रेस-आप गठबंधन व चुनाव परिणाम पर जतिंदर पाल मल्होत्रा की भविष्‍यवाणी
Lok Sabha Chunav 2024: बीजेपी चंडीगढ़ अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत की।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़: चुनाव अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी संजय टंडन पहली बार मैदान में उतरने के बाद भाजपा की ओर से जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश में हैं। इस चुनाव में संजय टंडन के साथ-साथ भाजपा के चंडीगढ़ अध्यक्ष जतिंदर पाल मल्होत्रा की साख भी दांव पर है। संगठन स्तर पर चुनावी रणनीति का ताना-बाना जतिंदर पाल मल्होत्रा ही बुन रहे हैं।

जतिंदर पाल मल्होत्रा से दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता की बातचीत के प्रमुख अंश...

सवाल: ग्राउंड स्तर पर मुकाबला कड़ा लग रहा है, इसे कैसे देखते हैं?

जवाब: मुकाबला कड़ा है नहीं, उसे कड़ा दिखाया जा रहा है। मनीष तिवारी और संजय टंडन की कोई तुलना ही नहीं है। संजय टंडन कुछ न रहते हुए भी हर दिल में जगह रखते हैं। वह जमीनी स्तर से जुड़े हैं। लोगों से ग्राउंड स्तर पर खुला समर्थन मिल रहा है। देख लेना बड़े अंतर से भाजपा की जीत होगी।

सवाल: मतदान होने में चार दिन शेष हैं, अंतिम दौर के प्रचार की कैसी तैयारियां हैं?

जवाब: चुनाव प्रचार के लिए चंद दिन ही बचे हैं। हालांकि उन्होंने तैयारियां पूरी कर ली हैं। कार्यकर्ता से वरिष्ठ नेता ने अपने एरिया को कई बार कवर कर चुके हैं। अब वोटर स्लिप घर-घर पहुंचाकर दोबारा से संपर्क किया जा का रहा है। बूथ पर कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई जा चुकी है। पन्ना प्रमुख एक-एक मतदाता तक पहुंचकर वोट डलवाने का काम करेंगे।

सवाल: मनीष तिवारी आरोप लगा रहे हैं कि संजय टंडन बहस से बच रहे हैं?

जवाब: मनीष तिवारी केवल सवाल करना जानते हैं जवाब देने से वह खुद भाग रहे हैं। पहले वह बताएं कि आखिर लुधियाना और फिर अमृतसर छोड़कर वह क्यों भागे। इन दोनों लोकसभा क्षेत्र का रिपोर्ट कार्ड दें उसके बाद दूसरों से हिसाब मांगे। काम नहीं किए इसलिए दोबारा किसी क्षेत्र से नहीं लड़े। चार जून के बाद चंडीगढ़ में दिखाई नहीं देंगे। संजय टंडन के कार्यों पर जनता मुहर लगा जवाब देगी।

सवाल: विपक्ष कह रहा है कि भाजपा ने दस वर्ष में काम नहीं किए, सांसद किरण खेर की नाराजगी से नुकसान होगा?

जवाब: भाजपा काम नहीं करती तो जनता 2014 के बाद 2019 में दोबारा मौका नहीं देती। किरण खेर की 2019 की जीत 2014 से भी बड़ी थी। दस वर्ष में बहुत से स्कूल और कई अस्पताल मिले। एमबीबीएस की सीट 50 से 150 करवाई, फ्लाईओवर को मंजूरी, सेक्टर-16-17 सब-वे निर्माण, आइसीसीसी, बर्ड पार्क, एयरफोर्स हेरिटेज सेंटर, 400 किलोमीटर से अधिक साइकिल ट्रैक, सीएचबी, सेक्रेटेरिएट की नई बिल्डिंग और न जाने कितने कार्य हुए।

संसद में आवाज उठाकर 29 एमजीडी पानी भी भाजपा ने दिलाया। किरण खेर ने बहुत कार्य किए बीमारी की वजह से कुछ समय बाहर रहने को विपक्ष बेवजह मुद्दा बनाता रहा। भाजपा से सवाल करने वाला विपक्ष पहले 65 वर्षों का हिसाब दें।

सवाल: नाराजगी छोड़ अब पवन बंसल भी मैदान में उतर आए हैं, इससे कांग्रेस मजबूत हुई है?

जवाब: पवन कुमार बंसल की उनकी पार्टी में क्या इज्जत है यह प्रियंका गांधी की रैली में सबने देख लिया है। यह वही पवन बंसल हैं, जिन्होंने कांग्रेस को अपने से छोटे दल आप को बेच दिया है। अब मनीष तिवारी कांग्रेस से बड़ा पटका आप का पहनते हैं। बंसल के आने नहीं आने से कोई फर्क नहीं पड़ता। जनता पवन बंसल और कांग्रेस के घोटालों को भूली नहीं है।

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सवाल: भाजपा पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहारे होने के आरोप भी लगते रहे हैं?

जवाब: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी गारंटियों के लिए जाना जाता है। वह जो कहते हैं उसे करके दिखाते हैं। उनका स्ट्राइक रेट 200 प्रतिशत से भी अधिक है। जनता का उनमें अटूट विश्वास है। इसलिए विपक्ष उनके नाम से ही डरता है।

अपने विजन और कार्ययोजना को धरातल पर उतारने की वजह से बार-बार भाजपा की सरकार बनती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेहनत किसी से छिपी नहीं है तो उनका नाम क्यों न लें।

सवाल: संजय टंडन के साथ साख आपकी भी दांव पर है?

जवाब: संजय टंडन बेशक पहला चुनाव नहीं लड़े हैं, लेकिन उनके पास कई चुनाव लड़वाने और जिताने का अनुभव है। भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता ग्राउंड स्तर पर लड़ाई लड़ता है। आप देखना चार जून को भाजपा की बड़ी जीत होगी।

सवाल: कांग्रेस-आप गठबंधन पर क्या कहेंगे?

जवाब: कांग्रेस और आप स्वार्थ का गठबंधन है। चार जून के बाद दोनों एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ेंगे। महिलाओं को एक लाख रुपये सालाना देने का वायदा करने वाली कांग्रेस को पता होना चाहिए 35 लाख करोड़ के रेवेन्यू में से 32 लाख करोड़ महिलाओं को कैसे देगी।

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