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क्‍या बीरभूम सीट पर कायम है शताब्‍दी रॉय का जलवा? आज हो रही है परीक्षा

बीरभूम लोकसभा सीट से टीएमसी की उम्मीदवार शताब्दी रॉय लगातार दो बार 2009 और 2014 में इस सीट पर जीत का परचम लहरा चुकीं हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 09:57 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 09:57 AM (IST)
क्‍या बीरभूम सीट पर कायम है शताब्‍दी रॉय का जलवा? आज हो रही है परीक्षा
क्‍या बीरभूम सीट पर कायम है शताब्‍दी रॉय का जलवा? आज हो रही है परीक्षा

बीरभूम, जेएनएन। बीरभूम लोकसभा क्षेत्र पश्चिम बंगाल की सबसे चर्चित सीटों में एक है। आज इस सीट के लिए मतदान हो रहा है। एक बार फिर यहां से चुनाव मैदान में उतरी हैं बांग्‍ला फिल्‍मों की सबसे लोकप्रिय हस्तियों में एक शताब्‍दी रॉय। 1980 और 1990 के दशक में बंगाली सिनेमा पर राज करने वाली रॉय 2009 और 2014 में अपनी लोकप्रियता के दम पर लगातार दो बार यहां तृणमूल का झंडा फहराया। हालांकि इस बार उनकी राह आसान नहीं है, क्‍योंकि भाजपा के साथ कांग्रेस भी अपनी इस तरह परंपरागत सीट को टीएमसी से छिनने की पूरी कोशिश कर रही है।

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साफ तौर पर इस बार का चुनाव शताब्‍दी रॉय के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। वैसे उनकी पार्टी टीएमसी को एक बार फिर रॉय के करिश्‍मे पर यकीन है। रॉय ने न सिर्फ दर्जनों बेहद सफल फिल्‍में दी हैं, बल्कि वह फिल्‍म निर्देशक और कवयित्री के रूप में भी उतनी ही सफल रही हैं। 2014 में पश्चिम बंगाल की कुल 42 सीटों में टीएमसी को 34 सीटें, कांग्रेस को चार सीटें, वामदलों को दो और भाजपा को दो सीटें मिली थीं।

इसलिए बढ़ गई है शताब्‍दी की चुनौती

हमेशा दूसरों को चुनौती देकर जीत दर्ज करने वाली शताब्‍दी रॉय इस बार खुद कई तरह की चुनौतियों से घि‍र गई हैं। इसके कारण भी साफ हैं। 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को जीत मिली थी, लेकिन इसमें शताब्‍दी की लोकप्रियता का भी बड़ा योगदान रहा था। इस बार काम को लेकर उनकी आलोचना भी हो रही है। इसके अलावा भाजपा ने यहां अपनी पकड़ मजबूत की है। 2009 की अपेक्षा भाजपा का वोट प्रतिशत 2014 में बढ़ा। दूसरी तरफ दोनों चुनावों में वाम दलों के वोट प्रतिशत में लगातार कमी आई है। हालांकि इस बार फिर मुकाबले में तृणमूल कांग्रेस, सीपीएम और भाजपा तीनों ही हैं।

इस बार ये हैं प्रमुख प्रत्‍याशी

बीरभूम संसदीय सीट पर इस बार टीएमसी के शताब्‍दी रॉय के अलावा कांग्रेस के इमाम हुसैन, सीपीआई के मोहम्मद रेजाउल करीम, भाजपा के दुध कुमार मंडल, बसपा के प्रबीर मुखोपाध्याय समेत कई सारे उम्‍मीदवार अपनी किस्‍मत आजमा रहे हैं।

2014 में यह भी स्थिति

2014 में शताब्दी रॉय को 460,568 वोट मिले थे, जो कुल मतदान का 36.09 फीसद थे। हालांकि यह 2009 की तुलना में 11.72 फीसद कम थे. चुनाव में दूसरे नंबर पर सीपीआई के डॉक्टर मोहम्मद कमर इलाही रहे थे। इन्‍हें 30.82 फीसद वोट मिला था। पिछले चुनाव में खड़े भाजपा के जॉय बनर्जी को 235,753 वोट मिले थे। यह कुल मतदान का 18.47 फीसदी था। हालांकि 2009 की तुलना में भाजपा को 13.85 फीसद ज्यादा वोट मिले थे. इस सीट पर कांग्रेस का कभी दबदबा रहा करता था, लेकिन 2014 में कांग्रेस उम्मीदवार सैय्यद सिराज जिम्मी को केवल 132084 वोट मिल पाए थे।

सात विधानसभा सीटें हैं यहां

बीरभूम लोकसभा सीट के तहत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. ये हैं- हनसन, सुरी, रामपुरहाट, नलहटी, डुबराजपुर, मुरारै और सैथिया। 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल आबादी 2247089 है. इनमें 85.7 फीसद ग्रामीण और 14.23 फीसद शहरी है. यहां एससी और एसटी का फीसद क्रमश: 29.03 और 6.11 है. 2017 की मतदाता सूची के अनुसार मतदाताओं की कुल संख्या 1611374 है.


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