चुनाव बाद 21 प्रहर के मौन व कठोर तपस्या पर गईं साध्वी प्रज्ञा, देशभक्तों से मांगी माफी
Lok Sabha Election 2019 भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने कहा है कि अगर उनके शब्दों से किसी को भी ठेस पहुंची हो तो वे इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं।
भोपाल, एजेंसी। Lok Sabha Election 2019: चुनाव के दौरान अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में रहीं भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा है कि अगर उनके शब्दों से किसी को भी ठेस पहुंची हो तो वे इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं। उन्होंने यह बात ट्वीट कर कही। इसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं।
इस ट्वीट में उन्होंने लिखा- चुनावी प्रक्रियाओं के बाद अब समय है चिंतन मनन का, इस दौरान मेरे शब्दों से समस्त देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं और सार्वजनिक जीवन की मर्यादा के अंतर्गत प्रायश्चित हेतु 21 प्रहर के मौन व कठोर तपस्यारत हो रही हूं।
गौरतलब है कि साध्वी भोपाल सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ मैदान में हैं। इस दौरान उन्होंने नाथूराम गोडसे समेत कई मुद्दों पर विवादित बयान दिए। उन्होंने सातवें और अंतिम चरण के मतदान से कुछ दिन पहले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया था। इस दौरान उन्होंने 'गोडसे एक देशभक्त था, एक देशभक्त है, और एक देशभक्त रहेगा। जो लोग उसे आतंकवादी कहते हैं, उन्हें अपने भीतर देखना चाहिए, उन्हें इस चुनाव में जवाब मिलेगा।'
हालांकि, भाजपा के इससे अपना पल्ला झाड़ लिया था, जिसके बाद प्रज्ञा ने अपने इस बयान के लिए माफी मांगी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर शुक्रवार को कहा था कि वह गोडसे को सच्चा देशभक्त कहने के लिए ठाकुर को कभी माफ नहीं करेंगे।
चुनाव के दौरान साध्वी कई और बयानों के लिए चर्चा में रहीं। इसके चलते चुनाव आयोग उनपर 72 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा चुका है। साध्वी अयोध्या में राम मंदिर और महाराष्ट्र के शहीद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर भी बयान दिया था। साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि मुंबई हमले में शहीद हुए आइपीएस हेमंत करकरे को संन्यासियों का श्राप लगा और मेरे जेल जाने के करीब 45 दिन बाद ही वह 26/11 के मुंबई आतंकी हमले का शिकार हो गए। शहीद आइपीएस हेमंत करकरे को साध्वी ने कथित तौर पर देशद्रोही कहा था।
राम मंदिर मुद्दे पर उन्होंने कहा था 'उन्होंने कहा था कि 'मैंने पहले भी कहा है कि मैं अयोध्या गई थी और विवादित ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ा। इस पर मुझे गर्व है। ईश्वर ने मुझे अवसर और शक्ति दी थी, इसलिए मैंने यह काम किया। मैंने देश का कलंक मिटाया था। मैं आगे भी अयोध्या जाऊंगी और वहां राम मंदिर निर्माण में मदद करूंगी।'
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