बोतल के मुंह पर आचार संहिता का ढक्कन
कहते हैं कि पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए। मौसम चुनावी हो तो क्या कहने दारू का सुरूर पियक्कड़ों पर कुछ ज्यादा ही चढ़ता है।
आसिफ अली, अमरोहा। कहते हैं कि पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए। मौसम चुनावी हो तो क्या कहने, दारू का सुरूर पियक्कड़ों पर कुछ ज्यादा ही चढ़ता है। इस बार चुनाव के दौरान शराब को लेकर कुछ ज्यादा ही सख्ती की जा रही है। शराब की तस्करी रोकने और जंगलों में बनने वाली देसी दारू पर शिकंजा कसने की तैयारियां युद्ध स्तर पर की गई है।
पियक्कड़ों के लिए मौका मिलना मुश्किल
मंडल के प्रत्येक जिले में शराब तस्करी पर नजर रखने के लिए स्पेशल टीम गठित की जाएगी। आइजी ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यानी चुनाव आयोग की सख्ती के चलते इस बार पियक्कड़ों को टल्ली होने का मौका मिलना मुश्किल है।
शराब की तस्करी रोकने को पुलिस संजीदा
यूं तो हर चुनाव में पुलिस शराब की तस्करी को लेकर संजीदा हो जाती है, लेकिन न तो तस्करी ही रुकती है और न ही देसी ठर्रा बंद होता है। चुनावी मौसम आते ही इस बार भी शराब माफिया ने कारोबार को बढ़ाना शुरू कर दिया है।
देसी शराब बनाने की पकड़ी जा चुकी है फैक्ट्री
बीते एक सप्ताह में अमरोहा सर्किल में डिडौली पुलिस शराब की दो खेप पकड़ चुकी है। गजरौला में गंगा के खादर में देसी शराब बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी जा चुकी है। चुनाव आयोग के सख्त आदेश हैं कि शराब की तस्करी किसी भी सूरत में नहीं होनी चाहिए। नतीजतन प्रत्येक जिले में शराब की तस्करी रोकने के लिए विशेष पुलिस टीम गठित की जाएंगी।
आइजी ने जारी किए दिशा-निर्देश
आइजी रमित शर्मा ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद भी ऐसा नहीं है कि शराब की तस्करी बंद हो गई है। बल्कि माफिया इसे बढ़ाने में लग गए हैं। बता दें कि अमरोहा से दूसरे जिलों को भी अवैध शराब सप्लाई की जाती है। लिहाजा, पुलिस के आला अफसरों की नजरें अमरोहा पर टिक गई हैं। आइजी ने रिकार्ड में दर्ज शराब माफिया की गतिविधियों पर नजर रखने का आदेश दिया है। एसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि अवैध शराब की तस्करी के लिए टीम का गठन कर कार्रवाई कराई जा रही है।