Jharkhand Exit Poll 2019: Aaj Tak के एक्जिट पोल में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, NDA को 14 सीटें
Jharkhand Exit Poll 2019. चुनाव आयोग 23 मई को वोटों की गिनती के बाद आधिकारिक तौर पर लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे घोषित करेगा।
रांची, जेएनएन। Jharkhand Exit Poll 2019 - Exit Polls, Jharkhand Lok Sabha Election 2019 - लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में झारखंड की तीन सीटों पर वोटिंग समाप्त हो गई है। राजमहल, दुमका और गोड्डा में रविवार को 70.54 फीसद मतदान हुआ। इस बीच चुनावी नतीजों को लेकर कयासों और विश्लेषण का लंबा दौर शुरू हो गया है। वोटिंग खत्म होने के बाद तमाम एग्जिट पोल सामने आ गए हैं। झारखंड में भाजपा ने 13 सीटों पर और एक सीट पर सहयोगी पार्टी आजसू ने चुनाव लड़ा है। जबकि महागठबंधन की ओर से 7 सीटों पर कांग्रेस, चार पर झामुमो, दो पर झाविमो और दो सीटों पर राजद ने चुनाव लड़ा है।
आज तक के एक्जिट पोल की बात करें तो झारखंड में महागठबंधन का सूपड़ा साफ होता दिख रहा है। यहां की 14 सीटों में से एनडीए को 12 से 14 सीटें मिलने का अनुमान किया जा रहा है। वहीं यूपीए को शून्य से दो सीटें मिलती दिख रही हैं। एबीपी न्यूूूज के मुताबिक झारखंड की 14 सीटों में से आठ सीटें एनडीए को और छह सीटें यूपीए को मिलती दिख रही हैं। हालांकि, चुनाव आयोग 23 मई को वोटों की गिनती के बाद आधिकारिक तौर पर लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजे घोषित करेगा।
2019भाजपा+कांग्रेस+अन्य
- ABP 08 06 00
- Aaj Tak 12-14 00-02 00
- IndiaTv 13 01 00
- C-Voter 06 08 00
इंडिया टीवी के एक्जिट पोल में भाजपा गठबंधन को 13 सीटें मिलती दिख रही हैं। महागठबंधन को मात्र एक सीटें मिलने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। सी वोटर के एक्जिट पोल में भाजपा गठबंधन को 06 सीटें जबकि महागठबंधन को 08 सीटें मिलती दिख रही है। सीएनएक्स के एग्जिट पोल की बात करें तो BJP को 9, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 3 और Congress को 2 सीटें मिलने का अनुमान है।
एग्जिट पोल के संकेतों को परखने के लिए झारखंड की 14 सीटों पर जीत-हार के समीकरणों को बताने वाले सर्वे का आंकड़ा हम यहां उपलब्ध करा रहे हैं। जो सीधे तौर पर संकेत देते दिखेंगे कि केंद्र में अगली सरकार किसकी होने वाली है। हालांकि ये जरूरी नहीं कि एग्जिट पोल ठीक ही हों। कई बार ये गलत भी साबित हुए हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि झारखंड की इन 14 सीटों का परिणाम आने वाले छह महीनों में होने जा रहे राज्य विधानसभा चुनाव की दशा-दिशा भी तय करेगी। भाजपा और महागठबंधन के इस जंग में जिसकी जीत होगी, राज्य की सत्ता की चाबी भी संभवत: असेंबली इलेक्शन में जनता उसे ही सौंपेगी।
बहरहाल, झारखंड में 29 अप्रैल से चार चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण की 3 सीटों पर भारी मतदान हुआ। यहां लगभग 70.54 फीसद वोट पड़े। मतदान के बाद न्यूज 18 आईपीएसओएस, इंडिया टुडे-एक्सिस, टाइम्स नाउ-सीएनएक्स, न्यूज एक्स-नेटा, रिपब्लिक-जन की बात, रिपब्लिक-सीवोटर, एबीपी-सीएसडीएस और टूडेज़ चाण्क्या शाम छह बजे के बाद एग्जिट पोल जारी करना शुरू कर दिया है।
यह है देश का हाल : एग्जिट पोल में NDA 300 के पार, UPA 150 से नीचे
Exit Polls के रुझानों में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलता दिखाया जा रहा है। वहीं यूपीए को 150 से कम सीटों पर सिमटता दिखाया जा रहा है। Exit Polls के रुझान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दावों को सही साबित करते नजर आ रहे हैं। रिपब्लिक के एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को 287 सीटों के साथ बहुमत मिलता नजर आ रहा है। वहीं, यूपीए को 124 और अन्य कौर 127 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। C-Voter के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए को 287, यूपीए को 128 और अन्य को 87 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। टाइम्स नॉउ और वीएमआर के रूझानों में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलता नजर आ रहा है। इस सर्वे में 306 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा है। रुझानों में अन्य को 104 सीटें मिलने का दावा किया है।
क्या है एग्जिट पोल
एग्जिट पोल एक तरह का सर्वे होता है जिसे कुछ कंपनियां और संस्थान मिलकर कराते हैं। वोट देकर निकलने के ठीक बाद मतदाताओं से पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट दिया। ठीक उसी तरह जैसे ओपीनियन पोल में जनता से यह पूछा जाता है कि वह किसको वोट देने वाले हैं। एग्जिट पोल हमेशा ठीक नहीं होते हैं कई बार एग्जिट पोल गलत भी साबित हुए हैं। एक्जिट पोल इस धारणा के तहत किए जाते हैं कि व्यक्ति जब वोट देकर निकलता है तो वह सही बोलता है। एक समय तो यह धारणा एक हद तक सही थी, लेकिन समय के साथ लोगों का रुख-रवैया बदला है। वोटर समझदार हो गए हैं। वे मुश्किल से ही सच बयान करते हैं।
मतदान समाप्त होने के आधा घंटा बाद Exit Polls 2019
चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इसके मुताबिक चुनाव खत्म होने के आधे घंटे बाद ही एग्जिट पोल्स जारी किए जा सकते हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी एडवाइजरी का पालन करना अनिवार्य है। एडवाइरी में यह भी कहा गया है कि प्रसारणकर्ता को यह बताना होगा कि ये एग्जिट पोल के अनुमान हैं ना कि अंतिम नतीजे हैं। इसके अलावा सर्वे और सैंपिल साइज का तरीका भी बताना होगा।
कई बार गलब साबित हुए हैं Exit Polls
एक्जिट पोल के नतीजे चाहे जितनी दिलचस्पी जगाते हों और चर्चा का विषय बनते हों, वे अब मुश्किल से ही सटीक साबित होते हैं। पिछले कुछ समय से वे गलत साबित होने के लिए अभिशप्त से हैं। इसी वर्ष के प्रारंभ में हुए उत्तर प्रदेश के चुनाव में कोई भी एजेंसी यह भांपने में नाकाम रही कि भाजपा को 325 सीटें मिल सकती हैं। सीएसडीएस का एक्जिट पोल तो सपा-कांग्रेस के गठबंधन को भाजपा से कहीं आगे बता रहा था। जबकि टुडे चाणक्य ने भाजपा को 285 के आसपास सीटें मिलने का अनुमान लगाया था। ध्यान रहे कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान मोदी की रैलियों में भारी भीड़ देखकर ऐसा लगता था कि भाजपा पहली बार सत्ता में आ सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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