विज का नाम सुनकर उखड़ जाते थे कटारिया, आज उनके लिए बदल गए सुर
भाजपा में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और भाजपा प्रत्याशी रतनलाल कटारिया के बीच चल रही जुगलबंदी काफी चर्चा में है। कभी एक दूसरे के धुर विरोधी अब बढ़ाई करने में लगे हैं।
पानीपत/अंबाला, [दीपक बहल]। लोकसभा चुनाव अंबाला सीट से खड़े विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने अपना चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। भाजपा में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और भाजपा प्रत्याशी रतनलाल कटारिया के बीच चल रही जुगलबंदी काफी चर्चा में है। विज जहां अपने विधानसभा क्षेत्र अंबाला छावनी में जनसभाएं कर कटारिया के लिए वोट मांग रहे हैं, वहीं कटारिया के सुर भी विज के प्रति अब बदल गए हैं।
एक पुरानी वीडियो वायरल में कटारिया विज पर कटाक्ष करते नजर आ रहे हैं। इस वायरल हुई वीडियों वे बोल रहे हैं मैं रतन लाल कटारिया ऑन ओथ आज यह कहता हूं जो मेरे सामने मेरे हर कार्यक्रम में अनिल विज की बात करते हैं वो अंबाला लोकसभा के विकास के हितैषी किसी कीमत पर नहीं हैं, नहीं हैं, नहीं हैं।
बोले- विज का कर्ज नहीं उतार सकता
बृहस्पतिवार को इस वीडियो के संबंध में जब कटारिया से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि विज का कर्ज तो सात जन्मों तक नहीं उतार सकता। वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल में राज्य स्तरीय निर्माणाधीन कैंसर अस्पताल और अंबाला छावनी में बनने वाला हवाई अड्डे में भी अनिल विज की अहम भूमिका है। केंद्र की योजनाओं में राज्य सरकार की भूमिका का जिक्र करते हुए कटारिया बोले एक इंच जमीन भी राज्य सरकार की मंजूरी के बिना नहीं मिल सकती।
फंड के इस्तेमाल पर भी कांग्रेस प्रत्याशी सैलजा को घेरा
भाजपा प्रत्याशी रतनलाल कटारिया अपने चुनाव प्रचार में पिछले पांच सालों में विकास कार्यों पर खर्च किए गए फंड को भी आधार बना रहे हैं। वे इस मामले में जहां कांग्रेस की प्रत्याशी कुमारी सैलजा पर फंड के इस्तेमाल पर सवाल खड़ा कर रहे हैं, वहीं इस फंड में उन्होंने कितना खर्च किया है, उसे जनता के बीच रख रहे हैं। पच्चीस करोड़ रुपये की ग्रांट में से 22.50 करोड़ रुपये का खर्च अपनी जनसभाओं में गिनवा रहे हैं। वहीं कुमारी सैलजा द्वारा किए गए करीब सवा दो करोड़ रुपये के खर्च को भी बता रहे हैं।
सिरे नहीं चढ़े प्रोजेक्ट पर जनता मांग रही जवाब
चंडीगढ़-वाया नारायणगढ़ होते जगाधरी के बीच बिछने वाली रेल लाइन प्रोजेक्ट भी अंबाला लोकसभा चुनाव में अहम मुद्दा बना हुआ है। पिछले चार दशकों की मांग आज तक पूरी न होने पर प्रत्याशियों से जनता जवाब मांगने लगी है। यह प्रोजेक्ट भले ही कांग्रेस और भाजपा सरकार में सिरे नहीं चढ़ पाए, लेकिन दोनों ही प्रत्याशी इस प्रोजेक्ट को सिरे लगाने पर हामी भर रहे हैं। कटारिया तो जनसभाओं में यहां तक कह रहे हैं कि इस बार लाइन बिछकर रहेगी। वहीं कुमारी सैलजा भी जनता के बीच दावा कर रही हैं कि हमारी सरकार में फाइल आगे बढ़ी थी लेकिन अब फाइल दब गई है।